लिप्स हेयर रिमूव करने के लिए थ्रेडिंग (Threading) या वैक्सिंग (Waxing) का सहारा लिया जाता है। लेकिन स्किन के लिए कौन का बेहतर है आए जानें। अपर लिप्स के बाल लड़कियों के लिए परेशानी का कारण होते हैं। लुक्स को प्रभावित करने वाले इन बालों को हटाने के लिए आमतौर पर वैक्सिंग या थ्रैडिंग का सहारा लिया जाता हैं। लेकिन यह दोनों ही काफी दर्दनाक होते हैं। थ्रेडिंग में धागे की मदद से बालों को स्किन (Skin) से हटाया किया जाता हैं। थ्रेड़िग के दौरान अपर लिप्स के छोटे छोटे हिस्से को कवर करते हुए बाल (Hair) हटाए जाते हैं। इस दौरान स्किन को टाइट रखना होता है। ऐसा न करने पर स्किन भी निकल सकती हैं। Which Is Better Waxing Or Threading
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आज के समय में हर महिला को सुंदर व आकर्षक लुक पाने के लिए कई प्रकार के ट्रीटमेंट से गुज़रना पड़ता है। बात जब चेहरे पर अनचाहे बालों की हो, तो इसके लिए कई विकल्प मौज़ूद है, जिनमें थ्रेडि़ंग और वैक्सिंग प्रमुख है। दोनों में से कौन-सा तरीक़ा ज़्यादा बेहतर है, यह जानने से पहले दोनों किस प्रकार काम करते हैं, इसके बारे में बात करते हैं ।
फायदे और नुकसानों को देखा जाए तो थ्रेडिंग भले ही वैक्सिंग के मुकाबले स्लो प्रोसेस हो लेकिन इससे स्किन को कम नुकसान पहुंचता हैं, साथ ही इसका खर्च भी कम हैं। यहर वजह है कि अपर लिप्स हेयर रिमूवल के लिए थ्रेड़िग बेहतर हैं। आईए जानते हैं-
विषयसूची :
थ्रेडिंग के फायदे और नुकसान-
- थ्रेडिंग से स्किन की ऊपरी लेयर को नुकसान नहीं पहुचता।
- इससे इनग्रोन की समस्या भी नहीं होती हैं।
- ऊपरीकी प्रोसेस दर्दभरी हो सकती है।
- स्किन को टाइट न रखने पर कट भी लग सकता है,जिससे ठीक होने में समय लगता है।
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वैक्सिंग के फायदे और नुकसान-
- वैक्स अगर ज्यादा गर्म हो तो स्किन बर्न हो सकता है।
- वैक्सिंग से स्किन की ऊपरी लेयर भी स्ट्रिप (Strip) के साथ निकलती है जिससे त्वचा डैमेज होती है।
- अपर लिप्स (Upper lipes) की स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव (Sensitive) होती है,यह वजह है कि वैक्सिंग के करण त्वचा काली हो सकती है।
- बार बार वैक्सिंग से होंठ के पासकी त्वचा ढीली होने लगती है, जिससे झुर्रिया होने के चांस बढ़ जाते हैं।
तो अब हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं, कि वैक्सिंग की तुलना में थ्रेडि़ंग ज़्यादा अच्छा विकल्प होता है: वैक्सिंग और थ्रेडिंग
- थ्रेडि़ंग में किसी प्रकार के कैमिकल्स का उपयोग नहीं होता है।
- वैक्सिंग से जलन व अन्य स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती जबकि थ्रेडि़ंग त्वचा को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुँचाती है।
- वैक्सिंग में थ्रेडि़ंग के मुकाबले ज़्यादा समय लगता है, क्योंकि वैक्स को बालों पर लगाने के बाद उसके सूखने का इंतजार करना पड़ता है।
- थ्रेडि़ंग का असर वैक्सिंग की अपेक्षा ज़्यादा समय तक रहता है।
- थ्रेडि़ंग से शानदार लुक मिलता है और गलती की आशंका न के बराबर होती है, वहीं दूसरी ओर गलत तरह से की गई वैक्सिंग चेहरे को भद्दा बना सकती है।
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