हेल्लो दोस्तों मैं हूँ आकांक्षा और स्वागत करती हूँ आप सभी का आपकी अपनी वेबसाइट aakrati.in पर ! आज लाइफस्टाइल सेक्शन में मैं बताने वाली हूँ दुल्हन विदाई के वक़्त चावल क्यों फेंकती है भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी एक ऐसी परम्परा है, जिससे एक लड़की का जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। Bride Throwing Rice During Her Vidaai
जी हां अब जाहिर सी बात है कि शादी के बाद लड़की एक नए घर और एक नए परिवार में जाती है तो उसका जीवन भी पूरी तरह से बदल ही जाता है। हालांकि जब लड़की की शादी होती है तो वो पल लड़की के घर वालो के लिए काफी खास पल होता है क्यूकि उस पल के बाद लड़की हमेशा के लिए पराई हो जाती है। बरहलाल लड़की की शादी के दौरान कई तरह की रस्मे निभाई जाती है। जिनमे से एक रस्म लड़की की विदाई होती है।
जी हां यह शादी की सबसे अंतिम और बेहद महत्वपूर्ण रस्म होती है। वैसे आपने अक्सर देखा होगा कि शादी में विदाई के दौरान लड़की थाल में से चावल लेकर पीछे की तरफ फेंकती है और फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखती। अब यूँ तो लड़की की शादी में आपने कई बार इस रस्म को होते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आप वास्तव में इस रस्म का मतलब जानते है. गौरतलब है कि जब लड़की विदाई के समय चावल पीछे की तरफ फेंकती है तो लड़की के माता पिता या घर का कोई बड़ा सदस्य उसे अपनी झोली में इकट्ठे करता है।
यदि आप कभी किसी विवाह में गए होंगे तो आपने देखा होगा कि शादी की शुरूआत से लेकर बाद तक कई प्रकार की रस्मों को अदा किया जाता है। बड़े ही जोश के साथ लोग इन नियम को फॉलों भी करते है। इसी तरह से शादी के समय दूल्हे के द्वार पर आने पर द्वारचार की रस्म निभाई जाती है, इस दौरान दुल्हन व वधु पक्ष की ओर से हल्दी वाले चावल फेंके जाते हैं। ये रस्म क्यों निभाई जाती है ये कोई नहीं जानता पर आज हम आपको इस रस्म के बारे में बता रहें हैं।
सभी धर्म और समुदायों में शादी कई तरह के रीति-रिवाजों के अनुसार की जाती है। जिसके अपनी-अपनी जगह कई महत्व होते हैं। पर यदि माना जाए कि ये रिवाज या रस्में केवल भारत में ही होती है तो ऐसा नहीं है, कई रस्में ऐसी भी हैं जो भारत के साथ अन्य देशों में भी की जाती है। भले ही इसके महत्व अन्य देशों में अलग-अलग हो पर रस्म एक होने के बावजूद भी लोग इसके बारे में आज तक अनजान है कि शादी के समय चावल फेंकने की रस्म को आखिर क्यूं निभाया जाता है। क्या इसका कोई वैज्ञानिक तर्क है या ये सिर्फ एक रिवाज ही है। जानें इसके कारण …
पहला कारण –
शादी के दौरान जब दूल्हे का आगमन लड़की के घर पर होता है तो उस समय द्वार पर आने से पहले द्वार पूजा की जाती है। इस दौरान वधु एवं वधु पक्ष की ओर से लड़के पर चावल फेंके जाते हैं। जो दोनो के प्यार को दर्शाता है। यह रिवाज रोम में भी काफी प्रचलित है यह वहां की सबसे पुरानी रस्म हैं, जो यह बताती है कि इस प्रकार की रस्म करने से दोनों युगल जोड़ी के जीवन में खुशियां आती है और वो हमेशा सुखी और सम्पन्न रहते हैं।
दूसरा कारण –
चावल फेंकने का दूसरा कारण यह दर्शाता है कि इससे नए युगल जोड़े को संतान की प्राप्ति का सुख मिलता है, उनका भाग्य हमेशा उनका साथ देता है।
तीसरा कारण –
भारत के अलावा अन्य देशों में इस रस्म को करने वाले लोगों का मानना है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली और सुखसमृद्धि बनी रहती है।
चौथा कारण –
कई जगहों में वधु के झोली में चावल और हल्दी डाली जाती है। इसका मतलब यह होता है कि जिस घर लड़की आई है वहां और उसके जीवन में हमेशा सुख-समद्धि रहें।
पांचवा कारण –
चावल फेंकने का एक कारण यह भी माना जाता है कि बेटी अपने माता-पिता को उन सब चीज़ों के लिए धन्यवाद कर रही है, जो उन्होंने बचपन से लेकर अब तक उनके लिए की।
छटवां कारण –
वहीं कुछ लोग यह भी मानते हैं कि लड़की अपनी नई जिंदगी में प्रवेश कर रही है, इसलिए वह सारी नेगेटिविटी और बुरी चीज़ें पीछे छोड़कर जा रही है।
चावल ही क्यों ?
चावल भारतीय आहार में बेहद प्रमुख माने जाते हैं। इसके गुणों के कारण ही इन्हें शुभता, समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना गया है, जो बुराई को दूर करते हैं। इसी वजह से यह परंपरा निभाने के लिए एक आदर्श विकल्प है।
शादी में वर और वधु पक्ष की तरफ से कई प्रकार की रस्में निभाई जाती है। इनमें से एक रस्म चावल फेंकने की है, जो दुल्हन अपनी विदाई के समय निभाती है। बेटी के चावल फेंकने के दौरान उसके पीछे माता-पिता या कोई बड़ा झोली फैलाकर खड़ा होता है, ताकि चावल उनकी झोली में गिर जाएं। इन चावलों को बेटी के घर से विदा होने के बाद पूरे घर में फेंका जाता है।