हेलो फ्रेंड्स, ककोरा को कन्टोला (Kantola) या पड़ोरा भी कहते हैं. यह बारिश के मौसम में ककोरा आते है। इसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनती है. यह छोटी साइज के ककोरे और बड़े आकार के दोनों तरह के ककोरे एक ही तरीके से बनाये जाते है, लेकिन छोटी आकार के ककोरे अधिक स्वादिष्ट होते हैं। Kakora Sabji Recipe
ककोड़े की सब्जी बहुत ही फायदेमंद है। आज मैं आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि और एक ऐसी सब्जी के बारे में बताऊंगी जिसके सेवन से आपको कैंसर होने का खतरा कम हो जाएगा। तो आइये आज हम छोटे ककोरे की सब्जी बनायें.
यह भी पढ़ें – बेसन गट्टे की सब्जी बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री :
ककोरे – 100 ग्राम
तेल – 3 – 4 टेबिल स्पून
राई – 1 चम्मच
जीरा – 1 चम्मच
हल्दी पाउडर – एक चौथाई छोटी चम्मच
धनिया पाउडर- 1 छोटी चम्मच
नमक – 1 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)
लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटी चम्मच
अमचूर पाउडर – 1/2 छोटी चम्मच
गरम मसाला – 1 छोटी चम्मच

बनाने की विधि :
ककोरों को साफ पानी से अच्छी तरह धोकर, चार टुकड़ो में काट लीजिये।
फिर गैस पर कढाई में तेल डाल कर गरम कीजिये।
अब गरम तेल में राई और जीरा डालकर भूनिये, फिर उसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालिये।
फिर मसाले को हल्का सा भूनिये और अब कटे हुये ककोरे और नमक डाल कर 2 मिनिट तक भूनिये और ढककर 5 मिनिट धीमी आग पर पकने दीजिये।
ढक्कन खोलिये, ककोरे को चैक कीजिये, ककोरे अभी नरम नहीं हुये हैं तो 3 – 4 मिनिट और धीमी आग पर ढक कर ककोरे को पकने दीजिये।
सब्जी को खोलिये ककोरे नरम हो गये हैं ककोरे को तेज आंच पर 2 मिनिट तक पका लीजिये, बीच में चमचे से चलाते रहिये।
सब्जी में अमचूर पाउडर और गरम मसाला डाल कर मिला दीजिये।
ककोरे की कुरकुरी सब्जी तैयार है।
सब्जी को कटोरे में निकालिये, और गरमा गरम परांठे या चपाती के साथ खाइये।
ये हैं ककोरे के फायदे :

रक्त प्रवाह की समस्याओं को करे दूर :
ककोरा का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है। रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याएं दिल की बीमारी से जुड़ी होती हैं। दिल से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए ककोरा जरूर खाएंफायदेमंद होता है।
डायबिटीज रखे कंट्रोल में :
बरसाती मौसम में मिलने वाली यह सब्जी डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ककोरा का नियमित सेवन करने से मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइटो-पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड-पी (polypeptide-P) शरीर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें – भरवां परवल की सब्जी बनाने की विधि
आंखें रहें स्वस्थ :
आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए भी ककोरा फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन ए आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। इसे आहार में शामिल करके अपनी द्रष्टि में सुधार कर सकते हैं। आंखों से संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने में भी यह मदद करता है।
गर्भवती महिलाएं जरूर खाएं :
गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं में तंत्रिका ट्यूब दोष भी शामिल है। ककोरा के ताजे फलों में विटामिन बीसी की अच्छी मात्रा होती है, जो कोशिका विकास और प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन दिनों इसका नियमित सेवन करने से तंत्रिका दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

कैंसर से बचाए :
हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी के कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्पाइनी गोरड के ताजा गहरे हरे रंग वाले फलों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) का काम करते हैं। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करता है और कैंसर की संभावनाओं (Cancer prospects) को रोकता है।
बुखार :
बुखार के लिए ककोरा का सेवन फायदेमंद है ही साथ ही आप इसकी पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। बुखार दूर करने के लिए इसकी पत्तियों को पानी में उबालें। इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद इसमें 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। इससे बुखार कम हो जाएगा।
यह भी पढ़ें – गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका और इसे पीने के फायदे
पथरी के लिए है बेहतर :
गुर्दे (किडनी) में स्टोन की समस्या अधिकांश लोगों को होती है, लेकिन यदि ककोरा या कंटोला के बीज या कंटोला का नियमित सेवन करें तो पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 10 ग्राम कंटोला के पाउडर को 1 गिलास दूध में मिलाकर नियमित सेवन करने से लाभ हो सकता है। कंटोला के औषधीय गुण मूत्राशय के पत्थरों (Bladder stones) को हटाने में मदद करते हैं।
बवासीर :
बवासीर की समस्या से परेशान हैं, तो इसके पाउडर का उपयोग करें। आप इसके लिए 5 ग्राम कंटोला पाउडर और शक्कर के मिश्रण का नियमित रूप से दिन में दो बार सेवन करें। यह आपकी समस्या का उपचार करने के लिए दवा का काम करता है।
अस्वीकरण : आकृति.इन साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।