घर पर ऐसे बनाएं छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय जिमीकंद (सूरन) की स्वादिष्ट सब्जी

हेल्लो दोस्तों जिमीकंद की सब्जी (Jimikand Ki Sabji) छत्तीसगढ़ की सबसे लोकप्रिय सब्जी में एक है, जिसे सूरन (Suran) भी कहा जाता है। जिमीकंद की सब्जी खाने मे जितना स्वादिष्ट लगता है उतना ही हमारे सेहत के लिए भी फायदेमंद है। जिमीकंद में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी1, विटामिन बी6 और फोलिक एसिड होता है. साथ ही पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है, जो बवासीर से लेकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से बचा सकता है। सूरन को कई जगह जिमीकंद और ओल भी बोला जाता है. बिहार में तो दीपावली के दिन इसकी सब्जी जरूर बनाई जाती है. इसे खाने से गले में खराश होने लगती है इसीलिए इसे कम लोग बनाते हैं. यहां जानिए सूरन की सब्जी का बनाने का सही तरीका.

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यह बरसात के मौसम में उगाये जाने वाली सब्जी है। आप में कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने सूरन यानि जिमीकंद की सब्जी कभी न कभी जरूर खाई होगी। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने पहली बार इस सब्जी का नाम सुना होगा। जिमीकंद की सब्जी सेहत के लिहाज से बहुत स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है। यह अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह कई प्रकार के मिनरल्स और विटामिन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। सूरन से कई प्रकार की स्वादिष्ट डिश भी बनाई जाती हैं। जिमीकंद को काटते समय अपने हाथों मे जरूर तेल लगाले क्योंकि जिमीकंद खुजलाता है।

Jimikand Ki Sabji
Jimikand Ki Sabji

आवश्यक सामग्री :

जिमीकंद (सूरन) – 500 ग्राम

टमाटर- 2

दही- एक कप

बेसन- 2 टेबल स्पून

कढ़ी पत्ता- 8-10 नग

लहसुन– 4-5 कली

प्याज- 1 नग

अदरक- 1 इंच लंबा टुकड़ा

जीरा- 1/2 टेबल स्‍पून

हल्दी पाउडर- 1 टेबल स्‍पून

धनियां पाउडर- 1 टेबल स्‍पून

लाल मिर्च पाउडर- 1 टेबल स्‍पून

गरम मसाला- 1 टेबल स्‍पून

हरी मिर्च- 4 नग

लाल मिर्च – 2 नग

हींग – 1 चटकी

सरसों – 1 टेबल स्पून

तेल- आवश्यकता अनुसार

नमक- स्वादानुसार

हरा धनियां- 2-3 टेबल स्पून

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बनाने की विधि :

सबसे पहले जिमीकंद को अच्छे से धोकर उनको 2-3 टुकड़े मे काटकर प्रेसर कूकर मे 2 -3 सीटी तक उबालना है,

इसके बाद जिमीकंद के छिलके उतारकर इसके छोटे छोटे (लगभग 1-2 इंच) टुकड़े कर 20 मिनट धूप दिखाना है।

अब दही मे बेसन डालकर पहले मथले जिससे दही फटे ना, और हमारा जिमीकंद की सब्जी बहुत ही ग्रेवी बने।

इसके बाद टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, अदरक, और लहसुन को एक मिक्सी जार मे डालकर पीस लेना है।

अब कटे हुए जिमीकंद को एक कढ़ाई मे तेल डालकर सुनहरा होने तक तलकर एक प्लेट मे निकाल कर रख लेना है।

उसी कढ़ाई मे फिर तेल डालकर तड़का के रूप मे सरसों, हींग, जीरा, लाल मिर्च, को सुनहरा होते तक भूनना है।

इसके बाद पीसा हुआ सभी पेस्ट को डालकर उसमे हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर, गरम मसाला को डालकर तेल छूटते तक भूनेगें।

अब दही डालकर फिर ग्रेवी को 1 –2 मिनट तक तेल अलग होते तक भूनना है। फिर अपने ग्रेवी के अनुसार थोड़ा पानी डालाना है।

अब अपने स्वादानुसार नमक डालकर जिमीकंद को उसमे डालकर 5 मिनट तक ढक कर पकाना है।

पकने के बाद गार्निश करने के लिए धनिया पत्ती को बारीक काटकर डाल देना है।

अब आप इस स्वादिष्ट जिमीकंद के सब्जी को चावल या रोटी के साथ अपने परिवार के लोगों को परोसकर सबका दिल जीत सकती है।

Jimikand Ki Sabji
Jimikand Ki Sabji

सूरन यानि जिमीकंद के फायदे :

जिमीकंद के फायदे की बात करें तो यह स्वास्थ्य के जरूरी पोषक तत्वों से भरा होता हैं। इसमें कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, पोटैशियम, विटामिन ए, कैल्शियम और आयरन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। ये सभी तत्व अच्छे स्वास्थ्य के जरूरी होते हैं। इसे अपनी डाइट में शामिल कर आप इन सभी तत्वों का लाभ उठा सकते हैं। आईये जानते हैं जिमीकंद के फायदे इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में।

शरीर को रखे ठंडा –

सूरन यानि जिमीकंद के फायदे की बात करें तो यह शरीर को ठंडा रखने का कार्य करता हैं। जो लोग अत्यधिक गर्म जगह पर रहते हैं उनके लिए इसका सेवन करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। गमिर्यों के दिनों में भी इसका सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा यह स्ट्रेस को दूर करने का कार्य भी करता है।

ब्लड प्रेशर रखे नियंत्रित –

ब्लड प्रेशर की समस्या में भी जिमीकंद का सेवन करना फायदेमद साबित हो सकता है। इसका सेवन करने से नशों में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य तौर पर होता रहता है। ये स्वाभाविक बात है कि यदि नशों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होगा तो शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर भी सामान्य बना रहेगा। एक हेल्दी हार्ट के लिए शरीर में ब्लड प्रेशर का सामान्य बना रहा बहुत जरूरी होता है। जिमीकंद को अपनी डाइट में शामिल कर आप भी ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रण में रख सकते हैं।

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कोलेस्ट्रॉल करें नियंत्रित –

सूरन यानि जिमीकंद (suran ke fayde) कि बात करें तो यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। सूरन में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियत्रंण में रखने में ओमेगा-3 फैटी एसिड अहम भूमिका निभाता है। इसका मुख्य काम खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करना होता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रण में रहने पर हृदय भी स्वस्थ्य बना रहता है।

डायबटीज में –

जिमीकंद के फायदे की बात करें तो डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है। सूरन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण डायबिटीज की समस्या में इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रण में रखने का कार्य करता है। इसको अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह मश्वरा जरूर करें।

इम्युनिटी करें स्ट्रांग –

किसी भी प्रकार की बाह्य बिमारियों से बचने के लिए इम्युनिटी का स्ट्रांग होना बेहद जरूरी होता है। स्ट्रांग इम्युनिटी के लिए जिमीकंद को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर लिवर को स्वस्थ्य रखता है और लिवर स्वस्थ्य रहेगा तो आपकी इम्युनिटी भी खुद ब खुद स्ट्रांग होते चले जाएगी। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण भी इम्युनिटी को बूस्ट करने में अपना सहयोग देते हैं।

Jimikand Ki Sabji
Jimikand Ki Sabji

पेट से जुडी समस्याओं के लिए –

पेट से जुडी समस्याओं में सूरन के फायदे (jimikand ke fayde) तो इसका सेवन हेल्दी डाइजेशन, हेल्दी लिवर को प्रोत्साहित करता है। इसमें फाइबर की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है जो कि पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है। इसका सेवन लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य भी करता है।

वजन कम करने में –

सूरन यानि जिमीकंद वजन कम करने के लिए भी जाना जाता है। जैसा कि हमने आपको बताया जिमीकंद फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है। फाइबर को पाचन में लिवर को अधिक समय लगता है। जिससे आपको बार-बार भूख नहीं लगती है और आप संतुलित मात्रा में भोजन ग्रहण करते हैं। इसके अलावा यह मेटाब्लिज्म रेट को भी बढ़ावा देता है जिससे भोजन का पाचन अच्छी तरह से होता है।

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गठिया में –

गठिया यानि कि आर्थराइटिस कि समस्या में जिमीकंद का सेवन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं। इसके अलावा इसके एंटी इन्फ्लामेट्री गुण सूजन आदि की समस्या को दूर करने का कार्य करते हैं। गठिया रोगी इसे अपनी डाइट में शामिल कर इसके लाभ ले सकते हैं।

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