हेलो फ्रेंड्स आप सभी को पता होगा कि कल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) है। दुनिया भर में हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. महिलाओं की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिवस को मनाने के पीछे एक कारण विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करना भी है.
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की. हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई. यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया. रूस में महिलाओं को जिस समय वोट का अधिकार प्राप्त हुआ, उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलन में था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर.
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इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है. जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी रविवार 23 फरवरी को था जबकि ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी. इसीलिए 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1996 से इस दिवस को एक स्पेशल थीम के साथ मनाना शुरू किया. इसके बाद हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को अलग थीम के साथ मनाया जाता है.
कब शुरू हुआ :
इस वर्ष के लिए “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की थीम “Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world” (“महिला नेतृत्व: COVID-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना”) रखी गयी है. यह थीम COVID-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, इनोवेटर आदि के रूप में दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के योगदान को रेखांकित करती है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) को थीम के साथ पहली बार 1996 में मनाया गया था. उस वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए थीम रखी थी ‘अतीत का जश्न, भविष्य की योजना’.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत वर्ष 1908 में अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में हुए, एक महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी. जब क़रीब 15 हज़ार महिलाएं अपने अधिकारों की मांग के लिए सड़कों पर उतरी थीं. ये महिलाएं काम करने के समय को कम करवाने, अच्छी तनख़्वाह और वोटिंग के अधिकार की मांग के लिए प्रदर्शन कर रही थीं.
महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के लगभग एक वर्ष बाद, अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन ने दिया था.
क्लारा उस वक़्त यूरोपीय देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में शिरकत कर रही थीं. कांफ्रेंस में उस समय लगभग 100 महिलाएं मौजूद थीं, जो 17 देशों से आई थीं. इन सभी महिलाओं ने सर्वसम्मति से क्लारा के इस प्रस्ताव को मंज़ूर किया था.
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क्लारा ज़ेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था. पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वर्ष 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया था.लेकिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता वर्ष 1975 में उस समय मिली थी जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया था.
महिला दिवस मनाने का उद्देश्य :
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाने के लिए जागरूकता लाना है. साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. आज भी कई देशों में महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है. महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ी हुई है.

साथ ही महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले भी सामने आते रहते हैं. यही नहीं, नौकरी में जहां महिलाओं को पदोन्नति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, तो वहीं स्वरोजगार के क्षेत्र में भी महिलाएं पिछड़ी हुई हैं. जब 19वीं शताब्दी में महिला दिवस की शुरुआत की गई थी, तब महिलाओं ने मतदान का अधिकार प्राप्त किया था.
ऐसे मनाया जाता है महिला दिवस :
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) को पूरे विश्व में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. ये एक ऐसा दिन बन गया है, जिसमें हम समाज में, राजनीति में और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महिलाओं की तरक्की का जश्न मनाते हैं. भारत में इस दिन महिलाओं पर आधारित, अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
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लोग महिलाओं को शुभकामना सन्देश और तरह-तरह के तोहफे देते हैं. साथ ही नारी शक्ति पुरस्कार भी इस अवसर पर प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार व्यक्तियों, समूहों, गैर सरकारी संगठनों या संस्थानों को प्रदान किया जाता है. यह महिलाओं को सशक्त बनाने के क्षेत्र में किए गए असाधारण कार्यों के लिए दिया जाता है.
वहीं रूस, चीन, कंबोडिया, नेपाल और जार्जिया जैसे कई देशों में इस दिन अवकाश रहता है. चीन में बहुत सी महिलाओं को “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” के दिन काम से आधे दिन की छुट्टी दी जाती है. इसके साथ ही इटली की राजधानी रोम में महिलाओं को इस दिन मिमोसा (छुईमुई) के फूल देने का रिवाज़ है. वहीं कुछ देशों में इस दिन बच्चे अपनी मां को गिफ्ट देते हैं. तो कई देशों में इस दिन पुरुष अपनी पत्नी, फ़्रेंड्स, माँ और बहनों को उपहार भी देते हैं.

8 मार्च को ही क्यों?
अब एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है? आपको बता दें के 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस की मांग की थी और हड़ताल कर सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया था।
जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी वो तारीख़ थी 23 फरवरी, जो ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार 8 मार्च का दिन था। बस इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।
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