आखिर क्यों 21 जून को ही मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ? जानिये छिपा हुआ कारण | International Yoga Day

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हेल्लो दोस्तों लोगों की ज़िन्दगी में योग का खास महत्व है और बीते कुछ सालों में दुनियाभर में इसे अपनाने वालों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। आप सभी को योग का महत्व जानना चाहिये और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिये। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था।

भारत की पहल से ही योग दिवस संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। 21 जून, 2022 को विश्व स्तर पर 8 वें ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ (International Yoga Day) का आयोजन किया जाएगा। तब से हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) मनाया जाता है। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है | लंबी उम्र के लिए योग करना बेहद जरूरी है।

योग एक ऐसी क्रिया है जिसमें व्यक्ति योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास करता है योग कि उत्पत्ति भारत में हुई थी। जिसका वर्णन हमारे वेदों में भी किया गया है। तो आज इस संस्करण में हम अंतराष्ट्रीय योग दिवस, योग का महत्व एवम कुछ महत्वपूर्ण आसनों के बारे में जानेंगे।

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योग की उत्पत्ति

भगवान शिव को योग का जनक माना जाता हैं। इसलिए भगवान शिव को आदियोगी भी कहा जाता हैं। भारतीय पौराणिक ग्रंथों के अनुसार योग का ज्ञान सबसे पहले ब्रम्हा जी ने सूर्य को दिया था। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार योग की उत्पत्ति ब्रम्हा जी ने की थी। इसके बाद सूर्य ने योग का ज्ञान नारद मुनि को दिया नारद मुनि ने योग का ज्ञान पृथ्वी पर मनु को दिया। इसके बाद धीरे धीरे योग का प्रचार और प्रसार शुरू हो गया । भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में अर्जुन को भी विभिन्न प्रकार के योग करने की सलाह दी है।

International Yoga Day
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भगवद गीता में योग के 18 प्रकार बताए गए हैं। महर्षि पतंजलि ने योग के ऊपर योगसूत्र नाम से एक पुस्तक लिखी हैं। ऐसी मान्यता है कि यह पुस्तक 2200 वर्ष पूर्व लिखी गई थी। महर्षि पतंजलि ने योग को योगशास्त्र बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। इसलिए महर्षि पतंजलि को योगशास्त्र का पिता कहा जाता हैं।

योग क्या है ?

योग एक ऐसी अध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके प्रयोग मात्र से व्यक्ति के शरीर, मन, आत्मा को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। इस शब्द कि प्रक्रिया, हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान से घनिष्ठ संबंध रखती है। योग शब्द, भारत से बौद्ध धर्म के माध्यम से चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्री लंका में पूर्व से ही प्रचलित है। वर्तमान में योग शब्द से ऐसा कोई व्यक्ति ही होगा जो इससे परिचित ना हो।

योग प्राचीन हिन्दू सभ्यता का वह मार्ग है, जो अनादि काल से मनुष्य को, मन और शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आध्यात्म की पराकाष्ठा पर पहुंचा सकता है। योग के प्रचार-प्रसार में योग गुरुओं का काफी योगदान है, जिनमें से अयंगार योग के संस्थापक बी के एस अयंगर और योग गुरु रामदेव बाबा रामदेव मुख्य: शामिल हैं।

योग दिवस कब शुरू हुआ ?

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की 193 सदस्यों की बैठक में अंतराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के लिए हामी भर दी और 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस नाम दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने भाषण में कहा की :-
“योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है। विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन-शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।” – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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पहला कब मनाया गया

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को दुनिया भर में मनाया गया था। भारत में इस दिवस को मनाने की पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा की गयी थी। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में 35 मिनट के इस कार्यक्रम में 21 आसनों का प्रदर्शन करते हुए दिल्‍ली के राजपथ पर योग किया था जिसमे लगभग 35,985 (लगभग 36000) लोगों सहित 84 देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया था। इस घटना को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। इस गिनीज पुरस्कार को आयुष मंत्रालय की ओर से श्रीपद येसो नाइक ने ग्रहण किया था।

NCC कैडेट्स ने कई स्थानों पर प्रदर्शन करके “एकल वर्दीधारीयुवा संगठन द्वारा एक साथ सबसे बड़ा योग प्रदर्शन” के लिए लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में प्रवेश किया। राम देव जी ने भी 35 मिनिट का एक विशेष कार्यक्रम बनाया, जिसे उन्होंने अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के दिन सभी के लिए किया।

योग दिवस थीम

हर साल की तरह इस साल भी International Yoga Day की थीम रखी गयी है और इस साल यानि की 2022 की थीम है “Focus on the benefits of yoga during” यानि की “योग के लाभों पर ध्यान दें”।

वर्ष 2022 का थीमFocus on the benefits of yoga during (योग के लाभों पर ध्यान दें)
वर्ष 2021 का थीमस्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for well-being)
वर्ष 2020 का थीमघर पर योग, परिवार के साथ योग (Yoga at Home and Yoga with Family)
वर्ष 2019 का थीमयोगा फॉर हार्ट (Yoga for Heart)
वर्ष 2018 का थीमशांति के लिए योग (Yoga for Peace)
वर्ष 2017 का थीमस्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for Health)
वर्ष 2016 का थीमयुवाओं को कनेक्ट करें (Connect the youth)
वर्ष 2015 का थीमसद्भाव और शांति के लिए योग (Yoga for Harmony and Peace)

21 जून को ही क्यों ?

एक साक्षात्कार में दिल्ली की एक छात्रा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लोग पूछ रहे है कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार इसका खुलासा करता हूं। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह दिन हमारे भूभाग में सबसे बड़ा दिन होता है। हमें उस दिन सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि उस दिन का सुझाव दिया गया था।”

योग दिवस का लोगो

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लोगो को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सावधानी से चुना गया था और यह उन सभी प्राथमिक तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है जो योग की बुनियादी चेतना को बनाते हैं।

  • लोगो को एक सफेद पृष्ठभूमि पर उकेरा गया है और यह हाथों की एक जोड़ी का प्रतिनिधित्व करता है जो शरीर से बाहर की ओर फैले हुए हैं और जुड़े हुए हैं।
  • दोनों हाथों का मिलन सार्वभौमिक चेतना और व्यक्तिगत चेतना के मिलन का प्रतिनिधित्व करता है। यह किसी भी योगी के अंतिम उद्देश्य, शरीर, मन और आत्मा के पूर्ण सामंजस्य का प्रतीक है।
  • मानव कला रूप के नीचे भूरे और हरे पत्तों के दो जोड़े हैं जो मिट्टी और प्रकृति के तत्वों का प्रतीक हैं।
  • नीली आकृति जल तत्व का प्रतीक है। सिर के ऊपर नारंगी प्रभामंडल अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है जो सभी ऊर्जा का स्रोत है और सर्वोच्च स्थान पर हावी है।
  • आकृति के पीछे पृथ्वी की एक छवि है, जो एकजुटता और एकता का प्रतीक है, जो नरेंद्र मोदी प्रशासन में मुख्य अभिनेताओं में से एक है।
  • लोगो के नीचे “सद्भाव और शांति के लिए योग” शब्द उत्कीर्ण है, जिसे योग का सार माना जाता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो समाज के सभी क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक सार्वजनिक प्रतियोगिता के माध्यम से चयन करने के बाद नई दिल्ली स्थित पंचतत्व विज्ञापन के 18 सदस्यों की एक टीम द्वारा बनाया गया था। लोगो की आधिकारिक तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और नई दिल्ली में राज्य मंत्री आयुष श्रीपद येसो नाइक द्वारा घोषणा की गई।

योग दिवस का उदेश्य

योग को प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक माना जाता है। भारतीय योग को जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जावान बनाए रखने के लि‍ए महत्वपूर्ण मानते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के साथ लोगों को तनावमुक्त करना भी है।

International Yoga Day
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महत्वपूर्ण योगासन के नाम

अब हम आपको कुछ योग के महत्वपूर्ण असानो और वे कैसे किये जाते है के बारे में बताने जा रहे है :-

  • ताड़ासन :- इसमें सीधे खड़े होकर धीरे- धीरे अपना पूरा वजन पंजे पर डालते हैं और एड़ी को उपर उठाते हैं। इस स्थिती को दौहरता हैं और इसी स्थिती में कुछ देर खड़े रहते हैं इसे होल्ड करना कहते हैं।
  • पादहस्तासन :- सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकते हैं और घुटने मोड़े बिना अपने पैरो के अंगूठे छूते हैं। इसके बाद अपने सिर को जन्घो पर टच करने की कोशिश करते हैं।
  • शीर्षासन :- इसमें सिर के बल पर खड़ा हुआ जाता हैं।
  • त्रिकोणासन :- इसमें सीधे खड़े होकर पैरो के मध्य कुछ जगह की जाती हैं. कमर से नीचे की तरफ झुकते हैं साथ ही बिना घुटने मोड़े सीधे हाथ से उलटे पैर के पंजे को एवम उलटे हाथ से सीधे पैर के पंजे को स्पर्श करते हैं।
  • वज्रासन :- दोनों पैरो को मोड़ कर, रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर अपने हाथों को घुटनों पर रखते हैं।
  • शलभासन :- इसमें पेट के बल लेता जाता हैं एवम हाथो और पैरो को सीधे हवा में खोल कर रखा जाता हैं।
  • धनुरासन :- इसमें पेट के बल पर लेट कर हाथो से पैरो को पकड़ा जाता हैं। एक धनुष का आकार बनता हैं।
  • चतुरङ्गदण्डासन :- इसमें उलटा लेट कर अपने हाथ के पंजो एवम पैर की उँगलियों पर शरीर का पूरा बैलेंस बनाया जाता हैं।
  • भुजङ्गासन :- इसमें उल्टा लेट कर पेट, जांघ, घुटने एवम पैर के पंजे सभी जमीन पर होते हैं और शरीर के आगे का हिस्सा हाथों के बल पर उपर की तरह उठाया जाता हैं। इसमें हाथ की कोहनी थोड़ी सी मुड़ी हुई होती हैं।

योग के फायदे क्या है ?

अब हम आपको योग से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है। रोजाना योग करने के बहुत से फायदे होते है जैसे की :-

  • फिटनेस अच्छी रहती है।
  • शरीर स्वस्थ रहता हैं।
  • वजन कम होता हैं।
  • चिंता का भाव कम होता हैं।
  • मानसिक शांति।
  • मनोबल बढ़ता हैं।
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।
  • जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है।
  • उर्जा बढ़ती हैं।
  • शरीर लचीला बनता हैं।
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योग का महत्त्व

योग को प्राचीन भारतीय कला के एक प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जीवन को सकारात्मक और ऊर्जावान बनाए रखने में योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीते वर्ष जब कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से संपूर्ण विश्व त्रस्त था ऐसे समय में भी लोग अनुलोम-विलोम, प्राणायाम जैसी योग-विधियों के माध्यम से अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो या फिर मानसिक तनाव इन सभी को बिना किसी नकारात्मक प्रभाव के ठीक करने में योग एक बेहतर विकल्प है, जिसे संपूर्ण विश्व विश्व द्वारा स्वीकारा जा रहा है। आधुनिक समय में तनाव को दूर करने में यह रामबाण दवा है।

दुनियाभर के कईं देशों में योग को जीवन का श्रृंगार माना जाता है। यूनिसेफ का कहना है कि बच्चे बिना किसी जोखिम के कई योगासन का अभ्यास कर सकते हैं और वयस्कों के समान लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन लाभों में लचीलापन और फिटनेस, दिमागीपन और विश्राम में वृद्धि शामिल है।

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