फादर्स डे 2022 : जानिये कब हुई शुरुवात और क्यों मनाया जाता है? | Happy Fathers Day

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हेल्लो दोस्तों फादर्स डे हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन सभी के लिए बहुत ख़ास होता है क्योंकि इस दिन दुनिया भर में लोग फादर्स डे मनाते हैं। जिस तरह से मां के प्रति प्रेम और आभार जताने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है, ठीक उसी तरह पिता के प्रति आभार प्रकट करने के लिए फादर्स डे मनाया जाता है।

भारत में पिता को एक ऐसा मजबूत और छायादार पेड़ माना जाता है, जो सारी परेशानी खुद सहकर अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों की रक्षा करता है। विश्व के कई देशों में फादर्स डे अलग अलग तारीखों को मनाया जाता है। इस बार फादर्स डे 19 जून को मनाया जाएगा।

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फादर्स डे पिताओं के बलिदान और उपलब्धियों को पहचानने, उनका सम्मान करने और उन्हें मनाने का दिन है। 1910 में, वाशिंगटन राज्य के गवर्नर ने 19 जुलाई को फादर्स डे घोषित किया। यह 1972 में एक स्थायी संघीय अवकाश बन गया जब राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने घोषणा की कि जून में तीसरे रविवार को फादर्स डे के रूप में जाना जाएगा।

इस दिन, बच्चे अपने प्यार और प्रशंसा को दिखाने के लिए अपने पिता और पिता की आकृतियों को मनाते हैं। बहुत से लोगों को फादर्स डे कब आता है या फादर्स डे किस तारिख को पड़ता है, ये पता नहीं होता तो चलिए हम बताते हैं –

फादर्स डे का इतिहास

दुनियाभर के कई सारे देशों में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे (Father’s Day) मनाया जाता है लेकिन इस दिवस को मनाने के लिए एक बेटी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। फादर्स डे मनाने की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका से हुई थी। इस खास दिन की प्रेरणा साल 1909 में मदर्स डे से मिली थी।

दरअसल, 1909 में वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा लुईश स्मार्ट डॉड (Sonora Louise Smart Dodd) नाम की एक 16 साल की लड़की ने पिता के नाम इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। सोनोरा, जब 16 साल की थी तब उसकी मां उसे और उसके 5 छोटे भाइयों को छोड़कर चली गईं थी। इसके बाद पूरे घर और बच्चों की जिम्मेदारी सोनोरा के पिता पर आ गई थी।

Happy Father’s Day
Happy Father’s Day

एक दिन सोनोरा ने 1909 में मदर्स डे के बारे में सुना और उसे महसूस हुआ कि पिता के लिए ऐसा एक दिवस होना चाहिए। इसलिए सोनोरा ने फादर्स डे मनाने के लिए याचिका दायर की। इस याचिका में सोनोरा ने कहा कि उसके पिता का जन्मदिन जून में आता है और इसलिए वह चाहती है कि जून में ही फादर्स डे मनाया जाए। इस याचिका के लिए उसे दो हस्ताक्षरों की जरूरत थी, इसलिए वह आस-पास मौजूद सभी चर्च के सदस्यों के पास गई और उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए मनाया।

हालांकि, सोनोरा का किसी ने साथ नहीं दिया लेकिन सोनारा ने भी फादर्स डे मनाने की ठान ली थी। इसके लिए सोनोरा ने यूएस तक में कैंपेन किया और इस तरह से फादर्स डे (father’s day date) मनाया गया।

सोनोरा डॉड ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन की शुरुआत की थी। इसके बाद साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस दिवस को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने साल 1924 में इसे राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने पहली बार साल 1966 में इस खास दिन को जून के तीसरे रविवार (father’s day kab aata hai) को मनाए जाने का फैसला किया।

पौराणिक कथा

फादर्स डे मनाने की शुरुआत यूरोपियन देशों में लगभग 109 साल पहले हुई है, लेकिन सनातन धर्म में पिता का महत्व कई युगों पहले ही बता दिया था. हिंदू धर्मग्रंथों में पिता-पुत्र के संबंध के कई किस्से हैं. आज हम आपको बताएं एक ऐसे पिता की कहानी जिसने अपने पुत्र को दिया था इच्छा मृत्यु का वरदान. महाभारत के अनुसार भीष्म पितामह को महाकाव्य का प्रमुख स्तंभ बताया गया है. भीष्म के पिता राजा शांतनु थे.एक बार जंगल में शिकार करने निकले शांतनु दूर तक चले गए. वापस लौटने में अंधेरा हो गया. शांतनु को वहां एक आश्रम मिला. जहां उनकी मुलाकात सत्यवती से हुई और दोनों मन ही मन में एक दूसरे को चाहने लगे.

Happy Fathers Day1
Happy Father’s Day

अगले दिन राजा शांतनु निषाद कन्या सत्यवती के पिता के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे.सत्यवती के पिता ने राजा शांतनु से वचन मांगा कि उसकी पुत्री से उत्पन्न संतान ही राजा बनेगी, तब उन्होंने सत्यवती के पिता की शर्त को अस्वीकार कर दिया. जब ये बात भीष्म को पता चली तो वे सत्यवती के पिता के पास पहुंच गए. भीष्म ने सत्यवती के पिता को वचन दिया कि वे आजीवन ब्रह्मचारी रहेंगे और सत्यवती की संतान की राजा बनेगी और आग्रह किया कि पिता शांतनु और कन्या सत्यवती के विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लीजिए. सत्यवती के पिता राजी हो गए और इस तरह उन्होंने भीष्म ने अपने पिता की इच्छा पूरी की. लिहाजा प्रसन्न होकर राजा शांतनु ने भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था.

फादर्स डे का महत्व

फादर्स डे पिता के प्रति सम्मान प्रकट करने और आभार जताने के लिए मनाया जाता है, इससे समाज में पिता के महत्व की भी बात सामने आती है। फादर्स डे के दिन परिवार के लोग एकसाथ अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट भी करते हैं, उन्हें गिफ्ट देते हैं या उनका फेवरेट खाना बनाते हैं। धीरे-धीरे फादर्स डे मनाने का ट्रेंड पूरी दुनिया में फैला। अब हर घर में हर फादर्स डे बहुत ही प्यार के साथ मनाया जाता है। 

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