5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हेलो फ्रेंड्स , हिंदुओं में गुरुओं को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है. यहां तक कि गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त हैं क्योंकि गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधेरे से सही मार्ग की ओर ले जाता है. इस वजह से देशभर में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, इस साल कोरोनावायरस के कारण शायद लोगों को अपने घरों में रहकर ही गुरु पूर्णिमा मनानी पड़ेगी .

इस बार 5 जुलाई को देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है . हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.

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माना जाता है कि इस दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास अर्थात महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था.

कौन हो सकता है आपका गुरु?

सामान्यतः हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं, परन्तु वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है.

जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से मुक्त कराके जो व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो, ऐसी सत्ता ही गुरु हो सकती है. हिंदू धर्म में गुरु होने की तमाम शर्तें बताई गई हैं, जिसमें से प्रमुख 13 शर्तें निम्न प्रकार से हैं.

Guru Purnima 2020
Guru Purnima 2020

-शांत/दान्त/कुलीन/विनीत/शुद्धवेषवाह/शुद्धाचारी/सुप्रतिष्ठित/शुचिर्दक्ष/सुबुद्धि/आश्रमी/ध्याननिष्ठ/तंत्र-मंत्र विशारद/निग्रह-अनुग्रह

तिथि और शुभ मुहूर्त :

Guru Purnima Date and Time

गुरु पूर्णिमा की तिथि : 5 जुलाई
पूर्णिमा प्रारंभ : 4 जुलाई 2020 को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से
गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त : 5 जुलाई 2020 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक

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गुरु पूर्णिमा का महत्‍व :

Importance of Guru Purnima

इस दिन गुरुओं की पूजा करने का विशेष महत्व है. बता दें गुरुओं की पूजा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उनकी कृपा से व्यक्ति कुछ भी हासिल कर पाता है.

गुरुओं के बिना किसी भी व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है. इस वजह से गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त है.

पुराने वक्त में गुरुकुल में रहने वाले छात्र गुरु पूर्णिमा के मौके पर अपने गुरुओं की विशेष रूप से पूजा-अर्चना किया करते थे. हर साल गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है. इस मौसम को काफी अच्छा माना जाता है

इस दौरान न तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही गर्मी. इस दिन केवल गुरु ही नहीं बल्कि घर में अपने बड़ों जैसे माता-पिता, भाई-बहन आदि का आशीर्वाद लिया जाता है.

Guru Purnima 2020
Guru Purnima 2020

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि :

Guru Purnima Pujan Vidhi

  • गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और बाद में स्वच्छ वस्‍त्र धारण करें.
  • घर के मंदिर में किसी चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं.
  • इसके बाद ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें
  • इसके बाद अपने गुरु या उनकी फोटो की पूजा करें.
  • यदि आप गुरुओं को सामने हैं तो सबसे पहले उनके चरण धोएं. उन्हें तिलक लगाएं और फूल अर्पण करें.
  • अब उन्हें भोजन कराएं.
  • इसके बाद दक्षिणा देकर उनके पैर छुएं और उन्हें विदा करें.
  • आप चाहें तो इस दिन किसी ऐसे इंसान की भी पूजा कर सकते हैं, जिसे आप अपना गुरु मानते हैं.

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गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण :

Guru Purnima and Chandra Grahan

इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भी है. लगभग दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड तक रहेगा. हालांकि, 5 जुलाई को लगने वाला यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

आषाढ मास के पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इसी दिन चारों वेद व महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था। वेदों की रचाना करने के कारण इन्हें वेद व्यास भी कहा जाता है। वेद व्यास के सम्मान में ही आषाढ़ पूर्णिका को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु पूजन का विशेष विधान है। इस बार गुरु पूर्णिमा पांच जुलाई को पड़ रहा है।

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