हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे (Fathers Day Tips) मनाया जाता है। जिस तरह एक बच्चे की लाइफ में मां का योगदान अतुलनीय है। उसी तरह पिता का प्यार, उनकी डांट और समझ भी बच्चे के भविष्य को बनाने में अहम योगदान देता है।
लिहाजा फादर्स डे के दिन पिता को स्पेशल फील करवाना तो बनता है। इतने समय तक आपके पापा ने आपकी खुशियों के लिए क्या कुछ नहीं किया अब बारी आपकी है उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की।
बच्चे की सही परवरिश के लिए मां और पिता दोनों का होना जरूरी है क्योंकि यह काम आसान नहीं है। सिंगल पैरंट्स के लिए बच्चों को संभालना और भी मुश्किल हो जाता है। बच्चों के साथ-साथ ऑफिस भी संभालना टेढ़ी खीर लगने लगती है।
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सिंगल मदर्स तो फिर भी एक बार को ये दोनों काम साथ-साथ कर लें, लेकिन सिंगल नौकरीपेशा पिताओं के लिए बच्चे और ऑफिस की जिम्मेदारी संभालना एक युद्ध के लड़ने के बराबर है।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि आमतौर पर महिलाएं घर और ऑफिस की जिम्मेदारी को बखूबी संभालती आई हैं, जबकि पुरुषों ने सिर्फ बाहर के काम और नौकरी पर ही फोकस किया है।
ऐसे में हम यहां सिंगल फादर्स के लिए कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से वे ऑफिस और बच्चे, दोनों को बखूबी संभाल सकते हैं:

सबसे पहले तो यह जरूरी है कि आप बच्चे के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखें। जब आप खुद फिट और हेल्दी रहेंगे तभी तो बच्चे की सही ढंग से परवरिश कर पाएंगे। इसलिए हेल्दी डायट लें और बच्चे को भी खिलाएं।
बच्चा बेहद छोटा है तो उसके इस्तेमाल की सभी चीजें साफ रखें, जैसे कि डायपर, बिब, दूध की बोतल आदि। इसके अलावा उसके टीकाकरण और मालिश का भी ध्यान रखें।
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वर्किंग सिंगल पैरंट्स के लिए जरूरी है कि वे टाइम टेबल बनाकर काम करें। इससे न सिर्फ सभी काम आसानी से वक्त पर पूरा होंगे बल्कि उनका काफी टाइम बच भी जाएगा। इसलिए घर के काम करने से लेकर नाश्ता, लंच व डिनर जैसी चीजों को टाइम टेबल के अनुसार सेट कर लें।
कई बार ऐसा होता है कि ऑफिस के काम या फिर किसी जरूरी मीटिंग या अन्य वजह से आप लेट हो जाते हैं। अगर बच्चा बड़ा है तो फिर फोन करके उसे बता दें कि आपको आने में देरी होगी और वह दरवाजा लॉक करके रखे। अगर बच्चा छोटा है तो फिर मेड को थोड़ी देर और रुकने के लिए बोलें। नहीं तो पड़ोसी को भी फोन करके कह सकते हैं कि वह आपके आने तक बच्चे के पास रुक जाए।

स्थिति चाहे जैसी भी हो लेकिन बच्चे से हमेशा प्यार और दुलार से ही पेश आएं। अगर वह कोई गलती कर भी देता है तो उसे डांटने के बजाय प्यार से समझाएं और बताएं कि ऐसा करना क्यों गलत था। बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें क्योंकि वह धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है और हर बात समझने लगा है।
कई बार ऐसा होता है कि आप घर में नहीं हो या फिर आने में देरी हो रही है। ऐसी स्थिति में बच्चे के लिए घर में कुछ चीजें हमेशा रखें, जैसे कि जूस, फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स, सेरलेक्स आदि। बच्चे के खिलौने किसी ऐसी जगह पर रखें जहां से वह उन्हें आसानी से ले सके।