छोटे बच्चों का रात को सोते समय बिस्तर में पेशाब कर देना एक आम बात है। लेकिन यही अगर बच्चा 4-5 साल का है तो हम इसे आम बात न होकर एक बीमारी मानी जाएगी। Bistar Par Peshab Rokne Ke Upay
अगर आप चाहते है कि आपका बच्चा इस बीमारी से बचा रहे तो शिशुकाल से कुछ सावधानियां अपनाये। सोने से पहले बच्चे को शू शू की आवाज करते हुए पेशाब करा दें ताकि बच्चा शू शू की आवाज को समझे और पेशाब कर लें। अब रात को 1-2 बजे बच्चे को धीरे से उठायें और बाथरूम में लेजाकर शू शू की आवाज से पेशाब करा लें। और शाम को 8 बजे के बाद मे ज्यादा पानी न पिलाये।
अगर आप के रूम में बच्चा सोता है तो उस रूम में मंद लाइट जला के रखे ताकि बच्चा खुद उठ कर पेशाब कर के आ जाये। अगर बच्चा रात को बिस्तर गिला नहीं करता है तो उसे सुबह उठते ही तारीफ करनी चाहिए। अगर बच्चा बिस्तर में पेशाब करता है तो उसके साथ प्यार से बात करनी चाहिए उसी डांटना और धिक्कारना नहीं चाइये और न ही उससे शर्मिंदा करना चाहिए। कभी-कभी तो बच्चा 10 साल की उम्र में भी बिस्तर में पेशाब करता है। किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे का इलाज करना चाहिए। आप घर पर भी घरेलु इलाज कर सकते है।
घरेलु उपाय :
* एक कप ठंडे बिना चीनी डाले दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम चालीस दिन तक बच्चे को पिलाये। तिल और गुड़ से बने लड्डू रोज एक खिलाये। बच्चे को लड्डू चबा-चबा कर खाने को बोले फिर शहद वाला दूध दे दें। लड्डू सुबह से समय खाने को दे लड्डू से कोई नुकसान नहीं होता तो ये जब आप चाहए से सकते है।
* बच्चे को सोने से पहले एक ग्राम अजवायन का चूर्ण कुछ दिनी के लिए रोज खिलाये। अजवायन को पानी में डालकर काढ़ा बना कर भी दे सकते है।
* जायफल को पानी के साथ घिस कर एक चम्मच की चोथाई मात्रा में लेकर एक कप गुनगुने दूध में मिलाकर सुबह शाम पीने से बीमारी में आराम मिलता है।
* पीपल की छाल 50 ग्राम, गुलर के पेड़ की भीतरी छाल 50 ग्राम, अर्जुन की छाल 50 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम, राई 25 ग्राम, काले तिल 100 ग्राम इस सभी को एक साथ मिलाकर अच्छी तरह बारीक़ पीस लें। यदि संभव हो तो इसमें शिलाजीत 50 ग्राम मिलाकर कर इसकी दो दो रत्ती को गोलिया बना लें।
आयुर्वेदिक चिकित्सा :
* नवजीवन रस की 1-1 गोली सुबह शाम दूध के साथ लेने से बिस्तर में पेशाब की समस्या दूर हो जाती है।