आंखों से लेकर पेट की समस्याओं में रामबाण है ‘दूब’ घास, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

हेल्लो दोस्तों मैं हूँ आकांक्षा एक बार फिर स्वागत करती हूँ आप सभी का आपकी अपनी वेबसाइट aakrati.in पर ! आज हेल्थ सेक्शन में मैं बताने वाली हूँ ‘दूब’ घास के बारे में.  ‘दूब’ घास का प्रयोग हिन्दू संस्कारों और कर्मकांडों में किया जाता है ये तो हम सब जानते हैं पर हम से बहुत लोग ये नहीं जानते हैं कि इसका इस्तेमाल सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। जी हां, पूजन के दौरान भगवान गणेश को अर्पित की जाने वाली कोमल दूब वास्तव में एक आयुर्वेदिक औषधि होती है। Benefits Of Grass Doob

औषधीय गुणों से भरपूर दूब का उपयोग यौन रोगों के साथ लीवर और पेट की समस्याओं में रामबाण माना जाता है। पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार के आचार्य बाल कृष्ण के अनुसार सदियों से आयुर्वेद में दूब का उपयोग अनेक असाध्य रोगों के उपचार के लिए किया जा रहा है.. आज हम आपको दूब के इस्तेमाल से होने वाले ऐसे कुछ चमत्कारी लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।

आयुर्वेद के अनुसार दूब में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटाशियम जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो कि पित्त और कब्ज जैसे विकारों को दूर करते हैं .. ऐसे में इसका सेवन पेट की समस्याओं, यौन रोगों और लीवर के रोगों में लाभदायी होता है।

Benefits Of Grass Doob

सिर और आंखो के लिए है फायदेमंद

आयुर्वेद के विद्वानों के अनुसार दूब और चूने को बराबर मात्रा में पानी के साथ पीसकर माथे पर लेप करने से सिरदर्द में तुंरत लाभ होता है। वहीं अगर दूब को पीसकर पलकों पर लगाया जाए तो इससे आंखो को फायदा पहुंचता है और नेत्र सम्बंधी रोग दूर होते हैं ।

गुदा रोग में लाभकारी है दूब

गुदा रोग में दूब बेहद लाभकारी साबित होता है। दूर्वा को पीसकर बवासीर पर लेप करने से लाभ होता है.. साथ ही घृत को दूब स्वरस में भली-भांति मिलाकर अर्श के अंकुरों पर लेप करें इससे रक्तस्त्राव शीघ्र रुक जाएगा।

 

नकसीर में आराम

अगर किसी को नकसीर की परेशानी रहती है तो अनार पुष्प स्वरस को दूब के रस के साथ के साथ मिलाकर उसकी 1 से 2 बूंद नाक में डालने से नकसीर में काफी आराम मिलता है और नाक से खून आना तुंरत बंद हो जाता है।

पथरी का इलाज

दूब को लगभग 30 मिली पानी में पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से पथरी में शीघ्र ही लाभ होता है।

Benefits Of Grass Doob

 

मुंह के छालों का इलाज

आयुर्वेद गुरू बालकृष्ण के अनुसार दूर्वा क्वाथ से कुल्ले करने से मुंह के छालों में लाभ होता है।

उदर रोगों में लाभदायक

आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार दूब का ताजा रस पुराने अतिसार और पतले अतिसारों में बेहद उपयोगी होता है। इसके लिए दूब को सोंठ और सौंफ के साथ उबालकर पीने से आराम मिलता है।

मूत्ररोग का उपचार

दूब के रस को मिश्री के साथ मिलाकर पीने से पेशाब के साथ खून आना बंद हो जाता है.. साथ ही 1 से 2 ग्राम दूर्वा को दुध में पीस छानकर पीने से मूत्रदाह मिटती है।

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रक्तप्रदर और गर्भपात में लाभदायी

दूब का प्रयोग रक्तप्रदर और गर्भपात में भी उपयोगी है.. दूब के रस में सफेद चंदन और मिश्री मिलाकर पीने से रक्तप्रदर में शीघ्र लाभ मिलता है। इसके साथ ही प्रदर रोग, रक्तस्त्राव और गर्भपात जैसी योनि की समस्याओं में इसके सेवन करने से आराम मिलता है और रक्त बहना तुरंत रूक जाता है.. साथ ही दूब के सेवन से गर्भाशय को शक्ति और पोषण मिलती है।

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