बच्चों के पेट में कीड़े होना आम बात है। बच्चों के पेट में दर्द होने का एक कारण कीड़े होना भी हो सकता है। अगर यह कीड़े बच्चे की आंत में हो तो इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। यह बच्चों के पोषण को रोक देते हैं। इससे बच्चे को आयरन की कमी और उसका वजन कम हो सकता है। Symptoms of Worms In Child Stomach
गलत खान-पान के कारण 1 से 14 साल के बच्चों में सबसे आम समस्या होती है पेट में कीड़े होना। ये लगभग 20 प्रकार के होते हैं जो आंतो में घाव बना सकते हैं। पेट में कीड़े होने पर पेट में गैस, बदहज्मी, दर्द और बुखार जैसी समस्या देखने को मिलती है।
यह भी पढ़ें – बच्चों के दांत में लगे कीड़े को इन 7 घरेलु उपचारों से करें दूर
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे इन समस्याओं से बचें रहे तो आप कुछ घरेलू तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने बच्चे को निरोगी जिंदगी दे सकते हैं। आइए जानिए बच्चों के पेट में कीड़े होने पर क्या-क्या लक्षण दिखने लगते हैं और शरीर पर क्या बुरा प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको ऐसे लक्षण बताएंगे, जो बच्चोें के पेट में कीड़े होने पर दिखाई देते हैं।
पेट में कीड़े होने के लक्षण
Symptoms of stomach worms
पेट में दर्द
पेट में दर्द होने के वैसे तो कई और कारण भी होते हैं लेकिन एक कारण पेट में कीड़े होना भी हो सकता है। बच्चे की आंत में कीड़े होने पर पेट दर्द होना आम बात है।

मुंह में चीजें डालना
बच्चे को पेट में कीड़े होने पर वह किसी भी चीज को मुंह में डालने लगते हैं। अगर मुंह में चीजें डालने से बच्चे की भूख कम हो जाए तो समझे कि बच्चे के पेट में कीड़े है।
बार-बार थूक आना
अगर बच्चे के मुंह मे बार-बार थूक आता हो तो समझे कि बच्चे के पेट में कीड़े हैं क्योंकि पेट में कीड़े होने पर बच्चे में लार उत्पादन बढ़ जाता है। जिसकी वजह से बच्चा पूरा दिन थूकता रहता है।
यह भी पढ़ें – ये लक्षण बताएंगे की आपके शिशु को निकलने वाले हैं दांत
मल से बदबू आना
अगर बच्चे के मल से बहुत अधिक बदबू आती हो तो इसका कारण बच्चे के पेट में कीड़े होनी भी हो सकता है।
एनस के पास खुजली
यह शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने के रास्ता है। सुबह के समय एनस के पास कीड़े पहुंच जाते हैं जिसके कारण बच्चे को खुजली और जलन होती है।

पेट में कीड़े होने का बुरा प्रभाव
1. बच्चे को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते।
2. शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया का शिकायत हो सकती है।
3. बच्चे का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है और उनका वजन भी सामान्य बच्चों से कम होता है।
पेट में कीड़े होने का कारण
Causes of Stomach Worms
यह भी पढ़ें – जानिये शिशुओं के लिए राई का तकिया रखने के लाभ और सावधानियां
संक्रमित मिट्टी
संक्रमित मिट्टी को हाथों में लेने या नाखूनों में जमा होने के बाद इन्हीं गंदे हाथों को मुंह में लेने से अन्य कीड़े शरीर में प्रवेश करते हैं।
गंदे या संक्रमित पानी
कुछ तरह के कीड़े पानी में पनपते हैं। ये झीलों, बांधों और कीचड़ में पाए जा सकते हैं। इन जगहों पर खेलने, नहाने या तैराकी करने से या फिर ऐसा पानी पीने से या इस पानी से दूषित भोजन के सेवन से कीड़ों का इनफेक्शन हो सकता है।
अधपका या संक्रमित भोजन
कीड़ों के अंडे ऐसे पौधे और सब्जियों में लगे रह सकते हैं, जो मल से दूषित मिट्टी में उगाए गए हों। अगर इन्हें अच्छी तरह धोया न जाए, तो ये सब्जियों पर ही चिपके रह जाते हैं। ऐसी सब्जियां खाने पर हमें इनफेक्शन हो सकता है।

पेट के कीड़े खत्म करने इलाज
remedies for Stomach worms
प्याज का रस
पेट के कीड़े नाश करने के लिए प्याज को पीस कर रस निकालें। इसे बच्चे को खाली पेट पिलाएं।
यह भी पढ़ें – तेज़ दिमाग़ के लिए बच्चों को जरूर खिलाएं ये 6 फूड्स
अजवायन
पेट के कीड़े खत्म करने के लिए अजवायन काफी कारगार उपाय है। इसके लिए अजवायन के आधा ग्राम चूर्ण में गुड़ डाल कर गोली बनाकर दिन में 3 बार रोगी को खिलाएं। इस उपाय को 2-3 दिन करने से कीड़ों से राहत मिलती है।
अनार के छिलके
यह उपाय बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद है। इसके लिए अनार के छिलकों को सुखाकर इसका चूर्ण बना लें। इसे दिन में 3 बार 1 चम्मच खाएं।

नीम के पत्ते
नीम के पत्ते एंटीबायोटिक होते हैं जो पेट के कीड़ों को नष्ट करने में मदद करते हैं। नीम के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिला कर बच्चे को खिलाएं। सुबह इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद है।
तुलसी के पत्ते
इस उपाय को करने के लिए तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस दिन में दो बार पीने को दें। इससे पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाएंगे। इससे आंत पूरी तरह साफ हो जाएगी। पेट में गैस और कब्ज से भी राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें – 9 महीने से पहले पैदा हुए शिशुओं में होता है बिमारियों का खतरा
पेट में कृमि से बचने के उपाय
Prevention Tips for Stomach Worm
- -भोजन करने से पहले हार्थों को अच्छी प्रकार धोएँ।
- -खुले में बनने वाला भोजन न खाएँ।
- -पीने के लिए साफ जल का प्रयोग करें। नल के पानी को उबाल कर फिर ठण्डा कर के पिएँ।
- -दूषित एवं बासी भोजन न खाएँ।
- -अधिक मीठे एवं डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन न करें।
- -अच्छी प्रकार पका हुआ एवं स्वच्छ भोजन करें।
- -खुले में बनने वाले भोजन की बजाय घर में बना भोजन ही खाएँ।
- -बासी और दूषित भोजन से दूर रहें।
- -कच्ची सब्जियाँ और कच्चे मांस का सेवन न करें। भोजन को अच्छी प्रकार पका कर खाएँ।
- -मीठे एवं चिपचिपे पदार्थों का सेवन कम करें।
ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए कृप्या आप हमारे फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम और यूट्यूब चैनल से जुड़िये ! इसके साथ ही गूगल न्यूज़ पर भी फॉलो करें !