साइलेंट हार्ट अटैक उसे कहते हैं जब व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हुए बिना ही दिल काम करना बंद कर देता है। पर अगर आप अपनी डे टू डे लाइफ पर ध्यान दें, तो समय रहते इसकी दस्तक को समझा जा सकता है। Signs Of Silent Heart Attack
हार्ट अटैक और उससे जुड़े लक्षणों के बारे में तो ज्यादातर लोगों को जानकारी होती है. लेकिन क्या आप ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ के बारे में जानते हैं? बता दें कि, ये एक ऐसा हार्ट अटैक है जिसके कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं. यह हार्ट अटैक ‘साइलेंट मायोकार्डियल इन्फार्कशन’ के नाम से जाना जाता है.
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दरअसल, जब दिल में ऑक्सीजन ठीक तरह से पहुंच नहीं पाता है तो ऐसी हालात में साइलेंट मायोकार्डियल इन्फार्कशन यानी साइलेंट हार्ट अटैक होने का खतरा रहता है. जिस के बाद गंभीर हार्ट अटैक होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है.
साइलेंट हार्ट अटैक इन दिनों बढ़ती हुई जानलेवा बीमारियों में से एक है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो पीडि़त की मौत भी हो सकती है। साइलेंट हार्ट अटैक में वह लक्षण नजर नहीं आते, जिनसे हार्ट अटैक की दस्तक को समझा जाए। पर आज हम आपको उन स्थितियों के बारे में बता रहे हैं जो साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती हैं।

विषयसूची :
सोते समय की जटिलताएं :
आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर साइलेंट हार्ट अटैक सोते समय होते हैं। अगर आप सोते समय सांस लेने में दिक्कत महसूस करते हैं, हांफते हुए आपकी नींद खुल जाती है या अपेक्षा से ज्यादा जोर से आप खर्राटे लेने लगत हैं तो यह दिल की सेहत के खराब होने के संकेत हैं। इसे स्लीप डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं, तो यह दिल का दौरा पड़ने की संभावना को बढ़ा सकता है।
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दैनिक कार्यों में भी लगातार थकान :
डे टू डे लाइफ में भी अगर आप पिछले कुछ दिनों से अतिरिक्त थकान का अनुभव कर रहे हैं, तो यह साइलेंट हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। अगर आपके दिन-प्रतिदिन का रूटीन या वर्कआउट में भी अतिरिक्त थकान महसूस करना आपके दिल के बाएं वेंट्रिकल की कमजोरी का संकेत दे रहा है। इसके अलावा अगर हृदय से शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप करने वाली मुख्य मांसपेशियां काम करना बंद कर दें, तो दिल ठीक से पंप नहीं कर पाएगा, जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा पड़ सकता है।
पैर या कूल्हे में ऐंठन :
यह बाह्य धमनी रोग का एक सामान्य संकेत है, जिसे धमनियों का सिकुड़ना कहा जाता है, जो आपके अंगों, पेट और सिर में रक्त के प्रवाह को सीमित करता है। ऐसा तब होता है जब आपके पैरों से पर्याप्त रूप से रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है। अगर आपके साथ भी चलने या दौड़ने के दौरान कुछ ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि आपका दिल भी इन संभावित समस्याओं से घिरा हुआ है।

पेट में परेशानी महसूस करना :
जी खराब होना, उल्टी करने की इच्छा होना, बदहजमी या डकार जैसा महसूस होना केवल पेट खराब होने के संकेत नहीं है, बल्कि यह आपके दिल की समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। आपके पाचन क्षेत्र मार्ग में तंत्रिकाएं हृदय की नसों के साथ निकटता से जुड़ी होती हैं। नतीजतन, जो समस्या आपके दिल की हो सकती है वह कभी-कभी पेट की परेशानी के रूप में सामने आती है।
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चिंता महसूस होना :
चिंता के कई लक्षण जैसे सीने में दर्द, सांस की तकलीफ और दिल की धड़कन, दिल का दौरा पड़ने के भी संकेत देती हैं, विशेषकर तब, जब आप तनावपूर्ण स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं हैं। चिंता आपके दिल पर भी अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। तनाव महसूस करने से आपकी रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं और आपके हृदय की गति बढ़ती हैं। इन दोनों ही अवस्थाओं में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम होता है।
पेनकिलर दवाएं :
हार्वर्ड एजुकेशन के मुताबिक, साइलेंट मायोकार्डियल इन्फार्कशन के कारण 45 फिसदी हार्ट अटैक के मामले सामने आए हैं. हालांकि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह खतरा ज्यादा देखा गया है. लेकिन आज हम आपको साइलेंट हार्ट अटैक के कुछ लक्षण बता रहे हैं जिसकी मदद से आप साइलेंट हार्ट अटैक को गंभीर हार्ट अटैक में बदलने से पहले ही इसके बारे में पता लगाकर खुद को सुरक्षित रख सकेंगे.

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण :
- सीने में कुछ अलग सा महसूस होने के साथ दर्द होना.
- सीने में दर्द होने के दौरान या पहले सांसों का हल्का हो जाना.
- शरीर में बैचेनी होना. कमर, गर्दन, पेट में तकलीफ होना.
- अचानक पसीना आना.
- अचानक उल्टी होना, गैस बनना, खाना हजम ना होना आदि साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हैं.
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