हेल्लो दोस्तों मैं हूँ आकांक्षा और स्वागत करती हूँ आप सभी का आपकी अपनी वेबसाइट aakrati.in पर ! आज हेल्थ सेक्शन में मैं बताने वाली हूँ साइटिका के घरेलू इलाज के बारे में ! आज की रोजमर्रा की ज़िन्दगी में हम महिलाओं को ढेरों काम करने पड़ते हैं जिस वज़ह से हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नही दे पाते हैं जिससे कमर का दर्द के रूप में हमारे दिन के कार्यकलापों को बाधित कर देता है। साइटिका कमर और पीठ के निचले हिस्से में होने वाला कष्टकारक दर्द है जो कमर से होता हुआ नीचे पैरों तक चला जाता है। ऐसे लोग जो साइटिका के दर्द से पीड़ित होते हैं उन्हें सुबह बिस्तर से उठकर चलने फिरने में बहुत परेशानी होती है।
यह एक गंभीर समस्या है जिसका ठीक प्रकार से इलाज और देखभाल न किया जाए तो यह बिमारी बहुत कष्टकर हो जाती है और पीड़ित व्यक्ति को अपने नियमित कार्यकलापों को करने में बहुत कठिनाई होती है। साइटिका पेन के उपचार के लिए घरेलू उपाय काफी मददगार होते हैं। दवाओं के इलाज और डॉक्टर के परामर्श के साथ साथ कुछ आसान प्रयोगों द्वारा साइटिका के दर्द का इलाज घर पर किया जा सकता है। साइटिका के लक्षणों को पहचान कर आप इनका उचित इलाज ले सकते हैं। साइटिका के कारण और उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी देने जा रहे हैं जो इस प्रकार है।
विषयसूची :
साइटिका के मुख्य कारण :
साइटिका नर्व पेन कमर के नीचे के हिस्से में होने वाला दर्द है जो पैरों को भी प्रभावित करता यह रीढ़ में हर्निएटेड डिस्क की वजह से होता है, इसमें दर्द नसों की जड़ों से शुरू होता है जिसका आभास पीठ के निचले हिस्से या कमर पर होता है इसके साथ ही यह दर्द नितंबो से होता हुआ पैरों तक पहुँच जाता है और चलने फिरने में काफी परेशानी सी महसूस होती है। एक पैर में यह दर्द खड़े रहने की स्थिति पर निर्भर करता है। यह इस प्रकार महसूस होता है जैसे की नसों में कुछ चुभ रहा हो। जब रीढ़ की हड्डियों की नाड़ी में तनाव या खिंचाव उत्पन्न होता है तो इसकी वजह से साइटिका का दर्द महसूस होता है। यह दर्द अचानक शुरू होता है और कुछ समय तक के लिए बना रहता है। इस रोग के लक्षण 6 हफ्तों में दिख जाते हैं पर हर्निएशन की वजह से यह दर्द बहुत ही भयावह हो जाता है।
साइटिका का प्राकृतिक उपचार :
साइटिका की दवा और साइटिका का दवाओं के द्वारा इलाज किया जाना बहुत ज़रूरी होता है। साइटिका के उपचार के लिए कीरोप्रैक्टिक केयर को सबसे बेहतर और प्रभावी तरीका माना जाता है। यह थेरेपी स्पाइनल कॉर्ड या मेरुदंड को संतुलित करने का प्रयास करती है। इस थेरेपी की मदद से साइटिका के दर्द से पीड़ित लोग काफी आराम महसूस करते हैं। इसके लिए आपको इस थेरेपी के विशेषज्ञ के पास जाकर साइटिका थेरेपी लेने की ज़रूरत पड़ती है। इलाज की शुरुआत करते हुये धीरे धीरे इसके समय को कम किया जाता है और थेरेपी के बीच का अंतराल भी बढ़ जाता है। इस थेरेपी को लेने के बाद कई मरीजों ने इसके सकारात्मक परिणामों की चर्चा की है। कुछ लोगों ने इसे एक्यूपंचर से ज़्यादा प्रभावी बताया है जिसमें पहली बार की थेरेपी में ही आराम मिलना शुरू हो जाता है।
कीरोप्रैक्टिक केयर, एक्यूपंचर, इंजेक्शन, दवा आदि के अलावा भी कुछ ऐसे घरेलू उपचार हैं जिनकी मदद से साइटिका के दर्द में राहत पाई जा सकती है। इस प्रयोगों की सबसे खास बात यह है कि, यह सभी आसान तरीके हैं जो घर पर ही किए जा सकते हैं इसके अलावा इन्हें प्रयोग में लाना कोई खर्चीला काम नहीं है। अगर आप दवा और चिकित्सा ले रहे हैं, तो भी साथ में जल्दी आराम के लिए इस प्राकृतिक उपचारों को भी अपनाया जा सकता है।
साइटिका के घरेलू इलाज :
साइटिका के घरेलू इलाज और नुस्खे बहुत प्रभावी तरीके से साइटिका के दर्द में काम करते हैं। यहाँ कुछ घरेलू उपाय दिए जा रहे हैं, इस उपायों से साइटिका के लक्षणों को पहचानना और पहचान कर उनका प्राकृतिक तरीके से इलाज किया जा सकता है।
बर्फ और गरम पानी की सेंक :
किसी भी प्रकार के दर्द में ठंडी और गरम सेंक बहुत प्रभावी होती है। बर्फ के द्वारा दी जाने वाली ठंडी सेंक और गरम पानी की थैली से गरम सेंक साइटिका के दर्द का प्राथमिक इलाज है। इन दोनों तरह की सेंक को अंतर में लेने से कमर के दर्द और कमर के नीचे के दर्द में तुरंत राहत मिलती है। आपको यहाँ एक बात बताना ज़रूरी है कि, यह सेंक साइटिका के दर्द को ठीक नहीं करती पर साइटिका में होने वाले दर्द में मांसपेशियों की अकड़न में राहत पहुंचाती है जो दर्द में भी आराम देता है। यह मांसपेशियों के रेशों की मरम्मत कर नसों में चुभन के एहसास को कम करता है।
मसाज से :
साइटिका के दर्द को कम करने के प्राकृतिक उपाय में मसाज या मालिश सबसे आसान और प्रभावशाली उपाय है। कमर के नीचे के हिस्से और दर्द वाली जगह पर मसाज करने से काफी आराम मिलता है। साइटिका में कुछ खास तरह की मांसपेशियाँ अकड़ कर सख्त हो जाती है और उनके कारण गांठ सी बन जाती है। मसाज करने से रक्त का प्रवाह तेज होता है और मसाज की वजह से ये गाँठे भी खुल जाती हैं और दर्द में राहत महसूस होती है। साइटिका में मसाज के लिए कुछ आवश्यक नियम बताए जाते हैं। इसमें ज़्यादा ज़ोर देकर या दबाव के साथ मालिश नहीं करनी चाहिए। दबाव से दर्द कम होने की बजाए बढ़ सकता है। साइटिका के दर्द में तेल की मसाज ही बेहतर होती है।
एक्सरसाइज़ :
साइटिका का इलाज घर पर करने के लिए एक्सरसाइज़ एक बहुत अच्छा उपाय है जो साइटिका के दर्द या साइटिका पेन में राहत देता है। पर हमेशा किसी विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में ही आपको साइटिका के दर्द या कमर के दर्द के लिए एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। इसके लिए किसी भी तरह की भारी भरकम या ज़्यादा मेहनत वाले व्यायाम करने से बचना चाहिए, यह कमर की हड्डियों को तकलीफ दे सकता है। हल्के एक्सरसाइज़ का ही प्रयोग करना चाहिए इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और मांस पेशियों की अकड़न भी धीरे धीरे कम होने लगती है। रोज लगभग 20 मिनट तक पैदल चलना सेहत के लिए अच्छा होता है, नियमित रूप से सुबह या शाम के वक़्त 20 मिनट पैदल चलना चाहिये, धीरे धीरे हल्के व्यायाम से शुरुआत की जा सकती है। साइटिका की दवा मांसपेशियों को तनाव देने वाले हल्के एक्सरसाइज़ बेहतर होते हैं। मांसपेशियों की मजबूती के लिए स्विमिंग और एरोबिक्स जैसे क्रियाकलाप भी अच्छे होते हैं। यह दर्द को कम करने में भी सहायक होते हैं।
साइटिका के लिए योग :
साइटिका पेन को कम करने के प्राकृतिक उपचार में योग एक बेहतरीन उपाय है जिसमें आप घर पर प्राकृतिक तरीके से साइटिका के दर्द का उपचार कर सकते हैं। योग का नियमित प्रयोग करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द में भी राहत मिलती है। अगर आप सही तरीके से नियमित रूप से योग करते हैं तो बिना किसी सर्जरी या अन्य इलाज के आपका साइटिका पेन ठीक हो जाता है, पर इसके लिए आपको सही योग का नियमित अभ्यास करना ज़रूरी है। अगर अप साइटिका के दर्द को ठीक करने के लिए योग का चुनाव करने जा रहे हैं तो सबसे पहले आप किसी योगाचार्य या विशेषज्ञ की सलाह लें और उनकी देखरेख में ही योग का अभ्यास करें। योग के बारे में जानने के लिए केवल किताबें या ऑनलाइन माध्यम हमेशा सही नहीं होते, गलत जानकारी आपकी समस्या को और भी अधिक बढ़ा सकती है, इसीलिए सलाह दी गयी है कि, किसी योगाचार्य की देखरेख में ही योग के अभ्यास की शुरुआत करें।
कमर के नीचे के भाग के दर्द या जोड़ों के किसी भी दर्द में हल्दी और चूने से बना पेस्ट लगाने पर दर्द में बहुत आराम मिलता है। दर्द कम करने का यह घरेलू उपाय कई वर्षों से हमारे देश में अपनाया जा रहा है। इस प्राकृतिक तर्के से साइटिका पेन को घर पर ठीक किया जा सकता है। चूने और हल्दी की गांठ को एक साथ पीस पेस्ट बना लें और इसे दर्द वाले हिस्से में लेप की तरह लगा लें। इसे लगाने के बाद किस पतले सूती कपड़े से उस जगह को ढक दें। साइटिका के उपचार दर्द में आराम के लिए दिन में 2 से 3 बार इस प्रयोग को अपनाना चाहिए।
मेथी का लेप :
मेथी किसी भी प्रकार के दर्द में बहुत लाभकारी होती है। मेथी के प्रयोग से कई तरह के दर्द ठीक हो जाते हैं इसीलिए वात आदि रोगों में मरीजों को मेथी का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करने की सलाह दी जाती है। मेथी के दानों का पेस्ट बनाकर दर्द में लेप लगाने से भी साइटिका के पेन या हड्डियों के दर्द में राहत मिलती है। इसके लिए मेथी के दानों को पानी में भिगो दें। इन भीगे हुए दानों को बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। इस मेथी के पेस्ट को किसी पात्र में रखकर गर्म कर लें और इस गर्म मेथी के पेस्ट को प्रभावित हिस्से में लगा कर किस सूती कपड़े से लपेट कर रखें। ध्यान रखें कि यह पेस्ट बहुत ज़्यादा गर्म नहीं होना चाहिए नहीं तो यह त्वचा को जला सकता है। दर्द दूर करने के लिए दिन में 2 से 3 बार इस प्रयोग को करना चाहिए।
जटामांसी की जड़ें :
अगर आपको साइटिका पेन की समस्या है तो जटामांसी की जड़ों के चूर्ण को दर्द में लगाने से बहुत आराम मिलता है, इसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो किसी भी तरह के दर्द को ठीक करने में मदद करते हैं। इसकी जड़ों में मौजूद तेल मांसपेशियों को आराम देता है और अकड़न को ठीक करता है। इसके अलावा आप जटामांसी की जड़ों को चाय के रूप में भी ले सटे हैं। जटामांसी के 1 चम्मच चूर्ण को पानी के साथ उबालें और इससे बनी चाय को दिन में 2 से 3 बार पिएं।
अस्वीकरण : आकृति.इन साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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