हेल्लो दोस्तों, आज हेल्थ सेक्शन में मैं बताने वाली हूँ बवासीर (Piles) की बीमारी के बारे में ! वैसे तो इस संसार में कई हजारों लोग बवासीर की परेशानी से ग्रस्त हैं. हम यहाँ बवासीर से तुरंत आराम के लिए वर्षों पुराने घरेलू नुस्खों की सटीक जानकारी दे रहे है, जिससे आप को बवासीर (haemorrhoids) के दर्द और बीमारी में तुरंत आराम मिलेगा. Home Remedies For Piles
बवासीर या पाइल्स या मूलव्याधि एक असहनीय और गंभीर बीमारी हैं. बवासीर दो प्रकार की होती हैं| बोलचाल की भाषा में ख़ूनी और बादी बवासीर के नाम से जान जाता हैं, इसे कुछ स्थानों पर महेशी के नाम से बह सम्बोधन करते हैं.
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होमोरोइड या अर्श एक प्रकार से गुदा-नाल में वाहिकाओं की वे संरचनाएं हैं जो मल नियंत्रण में सहायता करती हैं। जब वे सूज जाते हैं या बड़े हो जाते हैं तो वे रोगजनक या बवासीर हो जाते हैं।
विषयसूची :
पाइल्स कितने प्रकार का होता है ?
Piles ke prakar | types of piles
बवासीर में गुदा द्वार में मस्से हो जाते हैं, जिससे खून निकलता है. हेमोर्रोइड या बवासीर दो प्रकार के होते हैं, एक आंतरिक बवासीर होता गए जिसमें गुदा द्वार के अंदर मस्से हो जाते हैं, वही दूसरी ओर बाहरी बवासीर होते हैं, जिसमें मस्से गुदा द्वार पर बाहर की तरफ निकल आते है.
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प्रकृति के अनुसार बवासीर दो प्रकार की होती है – खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और उनसे खून गिरता है जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है।

ख़ूनी बवासीर (Khooni Piles) :
इस प्रकार के बवासीर में मुख्य रूप से ख़ून का स्राव होता हैं, शुरुआत में पखाने से लगके, फिर बूँद बूँद गिरके और अंत में पिचकारी की तरह ख़ून का रिसाव होने लगता हैं.
मलद्वार के अंदर की तरफ एक मस्सा हो जाता हैं, जिस पर कड़क पखाने की रगड़ के स्राव होना चालू हो जाता हैं. पाखाना होने के बाद यह मस्सा अंदर की तरफ चला जाट हैं.
इसकी आखरी स्टेज में यह मस्सा अंदर नहीं जाता हैं और इसे शल्य क्रिया द्वारा निकलवाना पड़ता हैं, खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और उनसे खून गिरता है.
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बादी बवासीर (Baadi Piles) :
इस बवासीर से पेट की ख़राबी अर्थात पाचन तंत्र के गड़बड़ाने के लक्षण दिखतें हैं| इसमें शुरुवाती दौर में गैस बनती है| फिर पेट गड़बड़ हैं| फिर गुदा क्षेत्र में दर्द, जलन, खुजली और बार बार पाखाना जाने की बेचैनी होती हैं|
पाखाना कड़क होने पर ख़ून आने लगता हैं| इसमें भी गुदा भाग के अंदर की तरफ एक मस्सा हो जाता हैं| इस कारण पाख़ाने का रास्ता संकुचित हो जाता हैं, जिससे कड़क पाखाना होने से रगड़ के चलते रक्त कोशिकाओं के फटने से रक्त स्राव होने लगता हैं|
घाव बढ़ने पर भगन्दर या फिस्टुला की शक्ल ले लेता हैं| यह पुराने होने पर पखाने की जगह के बाजू से एक छिद्र भी हो जाता है, जो कि पखाने की नाली में मिल जाता हैं| यह फोड़े की तरह फूटता, बहता और सूखता हैं|

कुछ समय बाद इसी जगह से पाखाना भी आने लगता हैं| बहुत समय तक ऐसी समस्या रहने पर कैंसर का रूप ले लेती हैं जिसे रेक्टल कैंसर कहते हैं|, जो कि आप की जान को जोखिम में दाल सकता हैं| बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है।
बवासीर के कारण :
Reason for Piles | Piles Ke Karan
बवासीर मुख्यतः गुदा और मलाशय की नसों में संक्रमण और सूजन के कारण होता हैं. बवासीर होना बहुत कुछ हमारी दिनचर्या पर आधारित रहता हैं.
बवासीर होने के मुख्या कारण जैसे अधिक समय तक कब्ज़ रहना, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना, लंबे समय तक भारी वजन उठाते रहना, अत्यधिक चटपटा भोजन करना, मोटापा, शरीर में पानी की कमी, तनाव, धूम्रपान, पारिवारिक अनुवांशिकी आदि हैं.
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हम बवासीर को प्राम्भिक अवस्था में कुछ हद तक घरेलू नुस्खों या उपचारों से ठीक कर सकते हैं और इससे पूर्ण रूप से निजात पा सकते हैं.
बवासीर की जड़ शरीर में कब्ज बनना हैं, इसलिए कुछ घरेलू उपचारों से मल त्याग को बिना किसी ताक़त लगाए नियमित करना आवश्यक हैं.
इसलिए हम यहाँ कुछ घरेलू और आसानी से अपनी सामान्य दिनचर्या में सम्मिलित करने योग्य उपचारों का विवरण दे रहे हैं. आप इन्हे अपनाइये और बवासीर के दर्द और परेशानी से मुक्ति पाइये.

गाय का दूध और नींबू रस का मिश्रण :
गाय का दूध और नींबू के रस का मिश्रण कुछ सीमाओं के साथ लेने पर बवासीर में रामबाण दवा की तरह काम करता हैं, दोनों में पाचन तंत्र के मजबूत करने के औषधीय गुण है.
उपचार विधि:
आप 1 कप गाय के ठंडे दूध (फ्रीज़ में रखा दूध उपयोग में नहीं लेना हैं) में एक नींबू का पूरा रस मिलाकर मिश्रण बनाते हैं| इस मिश्रण (Home Remedies For Piles) को फटने के पहले ही तुरंत पीना है| दूध ने फटे, इसके लिए आपको एक नींबू का रस निकालकर बाजू में रख लेना चाहिए, ताकि नींबू निचोड़ने में समय बर्बाद ना हो. इस मिश्रण को बिना रुके तीन दिन तक सुबह सुबह खाली पेट पीने से बवासीर में आराम मिलता हैं!
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क्या करना चाहिए? :
- बवासीर की परेशानी के समय फाइबर से युक्त फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए.
- आपको सफ़ेद चावल की जगह भूरा चावल उपयोग में लाना चाहिए.
- खाने में दलिया और दालों को शामिल करना चाहिए.
- सुबह उठकर 2 से 3 गिलास पानी पीना चाहिए| दिनभर 2 से 3 बार पानी का सेवन दोहराते रहना चाहिए.

क्या नहीं करना चाहिए? :
- तले और चटपटे मसालेदार व्यंजन से परहेज करना चाहिए.
- बादी वाली सब्जियों जैसे बैंगन आदि से परहेज करना चाहिए.
- ज्यादा देर तक खड़े या बैठे नहीं रहना चाहिए.
- ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए.
अस्वीकरण : आकृति.इन साइट पर उपलब्ध सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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