गर्भावस्था में पानी की कमी के कारण, लक्षण और उपाय | Dehydration During Pregnancy

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हेल्लो दोस्तों गर्भावस्था महिला की जिंदगी का वो चुनौतीपूर्ण समय होता है। जिसमें उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ता है और बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में जो सबसे ज्यादा दिक्कत देखने को मिलती है वह है डिहाइड्रेशन अर्थात् निर्जलीकरण (पानी की कमी) की। गर्भावस्था में कभी कभी ऐसी स्थिति भी आती है, जिसमें पानी की मात्रा बच्चेदानी में कम हो जाती है। इसका पता हमें सोनोग्राफी से लगता है कि गर्भवती औरत में पानी की कमी है, जो गर्भावस्था के दौरान यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। गर्भावस्था में निर्जलीकरण के ज्यादातर मामले हल्के होते हैं, लेकिन इसके गंभीर मामले मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

अगर आप गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण की पहचान रखते हैं तो आप समय रहते पानी की कमी से होने वाली दिक्कतों से भी बच सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान यह विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि पानी का उपयोग प्लेसेंटा बनाने के लिए किया जाता है, जो आपके बढ़ते बच्चे को पोषक तत्व पहुंचाता है। इसका उपयोग एमनियोटिक थैली में भी किया जाता है। गर्भावस्था में पानी की कमी मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। आज हम आपको इस लेख में गर्भावस्था में पानी की कमी के कारण, लक्षण और उपाय के बारे में बताएंगे जिससे गर्भावस्था के दौरान पानी की कमी को पूरा किया जा सके।

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पानी की कमी क्या है?

पानी हमारे शरीर का प्रमुख रासायनिक तत्व है और यह हमारे शरीर के भार का 60 प्रतिशत बनाता है। हमारे शरीर का प्रत्येक सिस्टम पानी पर निर्भर करता है। डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) तब होती है, जब शरीर में इतना पानी नहीं होता कि वह शरीर से बाहर निकले पानी की कमी की पूर्ति कर दें। आप जितना पानी पीते हैं और वह खोए हुए तरल पदार्थों की भरपाई नहीं करता है, तो आप निर्जलित हो सकते हैं।

निर्जलीकरण अनेक स्थितियों को जन्म दे सकता है जैसे गर्मी में ऐंठन, गर्मी का थकावट और स्ट्रोक। यह आपके शरीर को सामान्य कार्य करने के लिए संघर्ष भी कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान आपको अधिक पानी की आवश्यकता होगी क्योंकि आपका शरीर आपके बच्चे के लिए रक्त और तरल पदार्थ बनाएगा, इसलिए हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को प्रतिदिन करीब 2.5 लीटर और पुरुषों को 3 लीटर पानी पीना चाहिए। वैसे उम्र, सेहत और वजन के अनुसार व्यक्ति विशेष के लिए पानी की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है।

गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण

Symptoms Of Dehydration During Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। ऐसे में महिलाओं को बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इसमें खाने पीने से लेकर कुछ दूसरी बातें भी शामिल हैं। लेकिन इन सभी के बीच एक सबसे आम समस्या जो महिलाओं में देखने को मिलती है। वह है डिहाइड्रेशन की। डिहाइड्रेशन की वजह से कई समस्याएं होने लगती हैं जैसे मॉर्निंग सिकनेस, मतली, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना आदि। अगर आपको भी गर्भावस्था में इसी तरह की दिक्कते हो रही हैं तो यह पानी की कमी के लक्षण हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण क्या – क्या हो सकता है।

  • प्यास लगना
  • चक्कर आना और बेहोशी
  • शुष्क मुँह, फटे होंठ और जीभ की सूजन
  • कम रक्त दबाव
  • थकान
  • कब्ज़ की समस्या
  • सिर दर्द
  • पेशाब पीला और बदबूदार
  • धंसी हुई आंखें
  • चिड़चिड़ापन या भ्रम
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Dehydration During Pregnancy

गर्भावस्था में क्यों होती हैं पानी की कमी

Why Dehydration during Pregnancy

इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण – गर्भावस्था के दौरान पानी की कमी होने की कई वजह हो सकती हैं। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को 14 वे और 16 वे सप्ताह के बीच मॉर्निंग सिकनेस रहती है। जिसके कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और फ्लूइड्स की भी कमी हो जाती है।

मॉर्निंग सिकनेस के कारण – लगभग 50% गर्भवती महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित होती हैं जिसमें मतली, उल्टी, अत्यधिक पेशाब और पसीना आना शामिल है। इन सभी स्थितियों के परिणामस्वरूप शरीर से पानी की कमी हो जाती है। मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर पहली तिमाही में होती है और दूसरी तिमाही में कम होनी चाहिए। बार-बार उल्टी होने के कारण भी निर्जलीकरण का अनुभव होता है।

हार्मोनल बदलाव के कारण – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। साथ ही इस दौरान खाने पीने की भी कई आदतों में बदलाव करना होता है। जिसकी वजह से हार्मोन में बदलाव आने लगते हैं और दस्त एवं उल्टी की समस्या पैदा हो जाती है। जिसके कारण शरीर में लिक्विड की कमी हो जाती है।

व्यायाम के कारण – गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं एक्सरसाइज करती हैं, इस दौरान अधिक पसीना आता है, जिसकी वजह से पानी की कमी हो जाती है या डिहाइड्रेशन हो जाता है।

घरेलू कामकाज की वजह से – गर्भावस्था के दौरान घरेलू कामकाज के दौरान महिलाएं जल्दी और बहुत अधिक थक जाती हैं, जिसकी वजह से पानी की कमी हो सकती है।

दवाओं के कारण – गर्भावस्था में कुछ महिलाओं को अलग – अलग दवाओं का सेवन करना पड़ता है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन हो सकता है।

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पानी की कमी से होने वाली समस्या

Causes of Dehydration During Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं के शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसका असर उनके शिशु पर भी पड़ता है। इसके कारण शिशु को जन्मजात कई रोग हो सकते हैं। आइए जानते हैं गर्भावस्था में पानी की कमी की वजह से क्या समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

सूजन की समस्या –
गर्भवती महिलाओं के हाथ पैरों में अक्सर सूजन आने लगती है, यही सूजन दर्द का भी कारण बन जाती है। वहीं अगर गर्भवती महिलाएं पानी कम पीएं या डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाएं तो इसकी वजह से सूजन ज्यादा होने लगती हैं। इससे महिलाएं जल्दी थकने लगती हैं।

मूत्र संबंधी संक्रमण –
प्रेगनेंसी के दौरान जिन महिलाओं के शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो उनके मूत्र मार्ग में संक्रमण होने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है। इसके चलते एमिनॉटिक फ्लूड (बच्चेदानी में पानी की कमी) का स्तर भी कम होने लगता है। जिससे गर्भस्थ शिशु से सम्बंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है.

जी मिचलाना –
गर्भावस्था में पानी की कमी से महिला का जी मिचलाता है और इसके कारण आपको चक्कर आने लगते हैं व सिर भारी होने लगता है। पानी की कमी से आपकी त्वचा और नाक भी सूखने लगते हैं और आप अपने आप को कमजोर और थकी हुई महसूस करती हैं। इसके लिए आपको रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए और तरल पदार्थ में नारियल पानी पीना लाभदायक होता है।

गर्भनाल सूखने लगती है –
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में पानी की कमी होने से गर्भनाल सूखने लगती है और यही गर्भ नाल शिशु को सारे पोषक तत्व पहुंचाती है। पानी की कमी से आपका शरीर भी दर्द करता है और शिशु की त्वचा को पूरी नमी भी नहीं मिल पाती है जिससे शिशु के त्वचा सिकुड़ने लगती है। पानी की कमी की वजह से कई बार शिशु के जन्म में भी देरी भी हो सकती है।

पानी की कमी दूर करने के उपाय

Remedies For Dehydration During Pregnancy

प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप सही खान पान का चुनाव करें, साथ ही उचित मात्रा में पानी पीएं। इसके अलावा पानी की कमी को दूर करने के लिए कुछ घरेलु उपाय बता रहे हैं जो निम्न हैं।

  1. गर्भवती महिलाओं को दिन भर में औसतन 3-4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
  2. अगर अधिक पानी पीनी संभव नहीं है तो टेस्ट के लिए नींबू पानी का सेवन करें। इसमें पुदीना, सौंफ और धनिया भी डाल सकते हैं।
  3. गर्भावस्था में पानी की कमी होने पर जलजीरे या नारियल पानी का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है।
  4. गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सही खाने पीने की चीजों का चुनाव करें।
  5. ऐसे में कीवी, अनार, आड़ू, संतरा, नींब, तरबूज, खरबूज, मूली जैसे फलों का सेवन कर सकती हैं।
  6. गर्भवती महिलाएं जब भी बाहर जाएं तो साथ में पानी की बोतल जरुर रखना चाहिए।
  7. ज्यादा लम्बे समय तक कसरत या योगा नहीं करना चाहिए।
  8. गर्भावस्था में कैफीन, प्रोसेस्ड जूस या सोडा पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पेशाब ज्यादा आने की संभावना रहती है जिससे पानी की कमी आती है।
  9. जब आप आराम करे तो बाई तरफ करवट लेकर सोये क्योकि ऐसा करने पर रक्त का सर्कुलेशन बच्चेदानी की तरफ बढ़ जाता है जिससे भ्रुण अवरण द्रव बढ़ता है।

गर्भावस्था में कितना पानी पीना चाहिए?

How much water should a pregnant woman drink?

गर्भावस्था के दौरान आपको कितना पानी पीना चाहिए, यह तय करने के लिए आपको अपने पेशाब के रंग की जांच करनी चाहिए। पेशाब साफ या हल्का पीला होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान यदि आपके पेशाब का रंग गहरा पीला या नारंगी है, तो आपको दिन में अधिक पानी पीना चाहिए। यदि आप हल्की गतिविधियों में शामिल हैं, तो अंगूठे का एक अच्छा नियम गतिविधि के हर घंटे के लिए एक कप पानी होना है। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आपको पानी की कमी को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होगी।

कई महिलाओं को यह एहसास नहीं होता है कि वे प्यासी हैं। यदि आप पानी पीना भूल जाते हैं और बार-बार प्यास नहीं लगती है, तो आपको पानी की खपत के समय और मात्रा को नोट करने के लिए एक डायरी रखनी चाहिए। यह एक ऐप के जरिए भी किया जा सकता है, क्योंकि यह आपको रिमाइंडर देगा कि कब और कितना पानी पीना है। इसलिए खाना खाने से पहले और बाद में एक गिलास पानी जरूर पिएं।

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