Vitamin C का सेवन हेल्दी होता है. इसके अलावा हेल्दी शरीर के लिए विटामिन सी जरूरी होती है. Vitamin C वाले फूड बरसात के मौसम ज्यादा जरूरी होते हैं. विटामिन सी हो या कोई और विटामिन शरीर के पोषण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मानसून के समय में तरह-तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बरसात में इंफेक्शन की वजह से लोगों के बीमार होने की संख्या में भी इजाफा होता है। बच्चे हो या बड़े हर किसी को इस मौसम में सतर्क रहने की जरूरत होती है। इस मौसम में अपने खान-पान में विशेष ध्यान रखकर बीमारियों की जद में आने से बचा जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस मौसम में खान-पान ऐसा होना चाहिए जिससे शरीर का इम्युनिटी को बढ़ाए रखे। बरसात के मौसम में Vitamin C वाले फूड जरूर खाना चाहिए। Benefits Of Vitamin C
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विटामिन C हो या कोई और विटामिन शरीर के पोषण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मानसून के समय में तरह-तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बरसात में इंफेक्शन की वजह से लोगों के बीमार होने की संख्या में भी इजाफा होता है। बच्चे हो या बड़े हर किसी को इस मौसम में सतर्क रहने की जरूरत होती है। इस मौसम में अपने खान-पान में विशेष ध्यान रखकर बीमारियों की जद में आने से बचा जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस मौसम में खान-पान ऐसा होना चाहिए जिससे शरीर का इम्युनिटी को बढ़ाए रखे। बरसात के मौसम में Vitamin C वाले फूड जरूर खाना चाहिए।
विषयसूची :
क्या कहते हैं एक्सपर्ट :
डायट एक्सपर्ट मानते हैं कि इस मौसम में बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है इसलिए विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थों को अपने खान-पान में शामिल करना चाहिए। शरीर के लिए जितना विटामिन डी या अन्य विटामिन होते हैं उतना ही विटामिन सी भी जरूरी होता है. साफ-सफाई के साथ खान-पान में उचित पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
मानसून के समय रोजाना की डायट में कम से कम 500 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करने की सलाह दी जाती है, यह शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार करता है और संक्रमण से शरीर को बचाता है। ध्यान इस बात का भी रखें कि विटामिन सी का सेवन रोजाना 1,000 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
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अस्पतालों के आंकड़े :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के अनुसार हर साल मानसून में जनरल मेडिसन ओपीडी में संक्रमण के मरीजों की संख्या 20-30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। दिल्ली के ही गंगाराम अस्पताल में हर साल मानसून के दौरान 20-30 प्रतिशत मरीज स्किन इंफेक्शन से संबंधित रोग के आते हैं।
क्यों जरूरी है विटामिन सी
विटामिन सी को खाद्य पदार्थों के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। आमतौर पर विटामिन सी के अच्छे स्रोत आलू, टमाटर, संतरा हैं। इनके अलावा लाल मिर्च, अनानास, स्ट्रॉबेरी, सेब, खट्टे रसीले फल, कच्चे फलों और सब्जियों में भी विटामिन सी पाया जाता है। आंवला, नारंगी, नींबू, अंगूर, अमरूद, केला, बेर, कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया, और पालक इत्यादि भी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन सी की कमी के कारण कई बीमारियां जैसे मोतियाबिंद, चर्म रोग, गर्भपात, रक्ताल्पता, भूख न लगना इत्यादि हो सकती हैं। विटामिन सी शरीर को कई बीमारियों से तो बचाता ही है, साथ ही सांस संबंधी बीमारियों और पाचन संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
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विटामिन सी न सिर्फ स्कर्वी नामक रोग से बचाता है बल्कि इससे कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है, और तो और मस्तिष्क के कार्य करने में भी ये सहायक है। विटामिन सी की मदद से हड्डियों को जोड़ने वाले कोलाजेन पदार्थ, रक्त वाहिकाएं, लिगामेंट्स, कार्टिलेज आदि अंगों का पूर्णरूप से निर्माण संभव है।
विटामिन सी मस्तिष्क में एक रसायन सेराटोनिन के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सेराटोनिन नामक रसायन हमारी नींद के लिए ज़रूरी है। विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित काबू में रखता है।
लौह तत्वों को भी विटामिन सी से ही आधार मिलता है। शरीर में विटामिन सी कई तरह की रासायनिक क्रियाओं को अंजाम देता है जैसे कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना आदि।
विटामिन सी आंखों के रोग ग्लूकोमा से आंखों का बचाव करता है। विटामिन सी शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। इसकी कमी से कई रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है। विटामिन सी संतुलित मात्रा में खाना फायदेमंद है।
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों को गैस या अवन में पकाने या उबालने व अधिक समय तक स्टोर करके रखने से उनकी पौष्टिकता कम हो जाती है। इसलिए विटामिन सी का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए कच्चे फल व सब्जियां ही खाएं।
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विटामिन सी के वाले फूड :
विटामिन सी को अपने खान में शामिल करने के लिए आप खट्टे रसदार फलों का सेवन कर सकते हैं। टमाटर, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, अमरूद और सेब को में विटामिन सी की मात्रा पायी जाती है। अपने खान-पान में विटामिन सी को शामिल करते वक्त इसकी मात्रा का भी ध्यान देते रहें, क्योंकि किसी भी चीज की अधिक मात्रा शरीर को नुकशान पहुंचाती है।
आंवला :
आंवला विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है। आंवले की तासीर भी बहुत ठंडी होती है। एक कप ताजे आंवले में 41.5 एमजी विटामिन सी रहता है। हमारे शरीर में आयरन को अवशोषित करने के लिए विटामिन सी की आवश्यकता पड़ती है। यह कोलैजन के गठन में भी मददगार है। स्वस्थ हड्डियों, मांसपेशियों, कार्टिलेज और ब्लड वेसल्स को बनाए रखने में भी हमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी की आवश्यकता पड़ती है।
कच्चा केला :
कच्चे केले का भोजन में उपयोगं कर शरीर के लिए जरूरी विटामिन सी की कमी को पूरा किया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने में विटामिन सी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। विटामिन सी एंटी-ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है जो स्किन इन्फेक्शन से बचाने के साथ ही कई बीमारियों से भी लड़ने में सहायक होता है। इसकी कमी से स्कर्वी, एनीमिया, मसूड़ों की समस्या और हार्ट से संबंधित कई बीमारियों का खतरा बना रहता है।
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अंगूर :
अंगूर प्राकृतिक फल है। यह हर तरह से आपके लिए फायदा करता है। अंगूर में कैलोरी, फाइबर के साथ-साथ विटामिन सी, ई और के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए अंगूर प्राकृति का एैसा फल है जिसमें हर तरह के उत्तम गुण हैं जो सेहत और उम्र को बढ़ाने में मददगार होते हैं।अंगूर कई रोगों में लाभ देता है जैसे टी बी, कैंसर, रक्त विकार और पारिया जैसे रोगों का अंत करने में लाभदायक है।
पालक :
पालक में पाए जाने वाले विटामिन ए और सी, रेशे, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम कैंसर से लड़ने में मदद करते है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी डीएनए का क्षय होने से बचाता है। ये शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को घटाता है।
संतरा :
संतरा गुणों की खान होता है। इसमें विटामिन सी एवं फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं जो शरीर को काफी फायदा पहुंचाते हैं। संतरे में एंटीआक्सीडेट्स अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कैंसर के प्रभाव को नष्ट करता है।अपच, जोडों का दर्द और पेट में गैस की समस्या को दूर करने के लिए संतरे का जूस पीएं।
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विटामिन सी के नुकसान
विटामिन सी का उपयोग ज्यादातर लोगों के लिए किया जाता है जिन्हें जरूरत होती है, खासकर तब जब त्वचा संबंधी समस्या होती है। जब मांसपेशियों में इंजेक्शन लगाया जाता है, और जब धमनियों में इंजेक्शन लगाया जाता है तब भी इसका प्रयोग किया जाता है। लेकिन कुछ लोगों में, विटामिन सी मतली, उल्टी, सीने में जलन, पेट में ऐंठन, सिरदर्द और अन्य दुष्प्रभावों का कारण हो सकता है। इन दुष्प्रभावों की संभावना अधिक विटामिन सी के खपत से होती है।
प्रतिदिन 2000 मिलीग्राम से अधिक की मात्रा संभवत: असुरक्षित होती है और इससे कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें गुर्दे की पथरी और गंभीर दस्त शामिल हैं। जिन लोगों में गुर्दे की पथरी होती है, उनमें प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में गुर्दे की पथरी दोबारा होने का खतरा बढ़ जाता है।
Vitamin C के फायदे :
1. विटामिन सी हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व होता है। इसका रोजाना सेवन हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
2. विटामिन सी से हमारे स्किन को पोषण मिलता है। Vitamin C के रोजाना सेवन से हमारे शरीर की हड्डियों को भी पोषण मिलता है।
3. Vitamin C के सेवन से बीमारियां दूर रहती है. क्योंकि विटामिन सी में रोग प्रतिरोधक क्षमता पायी जाती है.
4. अगर आप विटामिन सी का सेवन रोजाना करते हैं तो बहुत कम बीमार पड़ते हैं.
5. इंफेक्शन से बचाने के साथ इंफेक्शन को दूर करने में भी Vitamin C मदद करता है.