Benefits of Radish Leaf : जैसा कि आप सभी जानते ही है मूली पूरे भारत में पैदा होती है। मूली भी गाजर की तरह जमीन के अन्दर कन्दरूप में पैदा होती है. मूली की मुख्य दो किस्में होती है-सफेद और छोटी सफेद लाल। इसकी गोल आदि अन्य किस्में भी होती हैं।
मूली को लोग अधिकांश सलाद के रूप में कहते है,इसके अतिरिक्त मूली के पराठे बनाकर भी खाये जाते है। पर बहुत से लोग मूली के पत्तो को बेकार समझ कर फेंक देते है पर हम आपको बता दे की जिन पत्तों को आप बेकार समझ कर फेंक देते है वो पत्ते आपकी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते है,इनके सेवन से आप कई तरह बीमारियों से बचे रह सकते है।
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अक्टूबर-नवंबर के महीनों में मूली खाने योग्य मानी जाती है। मूली कच्ची खाई जाती है। मूली और मूली के पत्तों का साग भी बनता है। मूली के पत्तों में बेसन मिलाकर स्वादिष्ट तरकारी भी बनाते हैं। मूली के बीजों से तेल निकलता है। मूली का तेल वजन में पानी से भारी और रंग रहित होता है।
भोजन के मध्य में कच्ची मूली खाने से भोजन करने में रुचि बढ़ती है. मूली के गोलाकार टुकड़े कर थोड़ा-सा नमक छिड़ककर सुबह के समय रोटी के साथ खाना लाभदायक है। मूली के बिना सलाद अधूरा सा लगता है। इसके साथ ही मुली सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

सर्दियों में लोग मूली के परांठे, मूली का साग खूब शौक से खाते हैं. मुली खाने से हाजमा ठीक रहता है. अभी तक स्वाद के लिए आप मूली खा रहे थे लेकिन शायद आपको ये नहीं पता होगा की मूली सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है.
कुछ बीमारियाँ ऐसी है जो बहुत कष्टदायी होती है जिनका इलाज़ करना भी मुश्किल होता है. बहुत सी बीमारियों के लिए मूली बहुत फायदेमंद साबित होती है.
सर्दी के दिनों मूली का प्रयोग सलाद के रूप में और पराठे बनाने में खूब किया जाता है, लेकिन इसके हरे पत्ते भी कम फायदेमंद नहीं है। जानिए मूली के हरे पत्तों के यह 5 बेशकीमती फायदे…
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पेट के लिए फायदेमंद
मूली के पत्ते विटामिन ए, विटामिन बी, सी के साथ ही क्लोरीन, फास्फोरस, सोडियम, आयरन, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और पेट के लिए फायदेमंद होने के साथ ही मूत्र विकारों में भी बेहद लाभकारी होते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता
मूली के पत्तों का प्रयोग आप सब्जी या पराठे बनाने में कर सकते हैं। इसका सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है और थकान महसूस नहीं होती।

पाइल्स यानि बवासीर
मूली के पत्ते पाइल्स (बवासीर) जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सबसे कारगर इलाज है. बवासीर एक बहुत ही भयंकर रोग है. इसमें गुदे में छोटे-छोटे मस्से बन जाते है जो काफी कष्टदायी होते हैं. अगर सही समय पर इस रोग का इलाज़ न किया जाये तो ये एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है.
लोग इस बीमारी के इलाज़ के लिए डॉक्टर के पास जाने में शर्माते हैं. मूली के पत्तों से बवासीर का इलाज़ किया जा सकता है. रोजाना इसके प्रयोग से आपकी समस्या समाप्त हो सकती है। इसके अलावा गुदाद्वार पर इसके पत्तों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
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दिल के लिए फायदेमंद
चूंकि इसमें सोडियम होता है और यह शरीर में नमक की कमी को पूरा करता है, इसलिए लो ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंथेकाइनिन दिल के लिए फायदेमंद होता है।
बालों का झड़ना रोके
इसमें फाइबर भरपूर होता है इसलिए यह कब्ज से राहत देता है। वहीं इसके रस को पानी और मिश्री के साथ पीने पर पीलिया रोग में लाभ मिलता है। इतना ही नहीं यह बालों का झड़ना भी कम करता है।

खांसी व कफ
अगर आपकी खांसी बहुत समय से अच्छा नहीं हो रही है या आपको कफ की समस्या है तो इसे अच्छा करने के लिए नियमित रूप से अपने खाने में मूली के पत्तों को शामिल करें। मूली के पत्तो में भरपूर मात्रा में एंटी-कंजेस्टिव गुण मौजूद होते है जो खांसी व कफ को दूर करने में मदद करते है।
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कैंसर की बीमारी
मूली के पत्तों में भरपूर मात्रा में फाइटोकेमिकल्स व एन्थॉकायनिन के गुण मौजूद होते है जो कैंसर की बीमारी के खतरे को कम करने का कार्य करते है। इसके अतिरिक्त इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है जो बॉडी में में एंटीऑक्सिडेंट की तरह कार्य करता है।
मधुमेह / शुगर
मूली के पत्तो में भरपूर मात्रा में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है जो बॉडी में शुगर के लेवल को कण्ट्रोल करने का कार्य करती है,इसमें मौजूद तत्व इंसुलिन को कंट्रोल करने में मदद करते है।
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