संतरों का मौसम आते ही हर उम्र के लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। वैसे तो संतरे विटामिन सी के मुख्य स्रोत हैं, अन्य फलों की तुलना में इसमें सबसे ज्यादा विटामिन सी मिलता है लेकिन संतरे को छीलते समय अक्सर देखा गया है कि कई लोग छीलने के बाद भी उसमें चिपके हुए रेशों को साफ़ करके फिर संतरे को खाते हैं। शायद आप यह नहीं जानते कि वे रेशे बहुत ही फायदेमंद होते हैं। Benefits of Orange Fibers
संतरा गुणों से भरपूर एक स्वादिष्ट फल होता है। संतरे को खाने के दो तरीके होते हैं। कुछ लोग छिलका निकालने के बाद सीधा संतरे की कलियां ही खाते हैं तो कुछ लोग सफेद रेशों को निकालकर इसे भी खाते हैं। संतरे में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में भी पाया जाता है। लेकिन जो लोग सफेद रेशों को उतारकर ही खाते रहते हैं, वे नही जानते कि सफेद रेशे भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण चीज इन रेशों में फाइबर मिलती रहती है लेकिन संतरे से आप उसका रेशा निकाल भी देंगे तो, संतरे में फाइबर की मात्रा सिर्फ 30% ही रह जाएगी।
दरअसल संतरे विटामिन सी का मुख्य स्रोत होते हैं. अन्य फलों की तुलना में इसमें सबसे ज्यादा विटामिन सी होता है. पर ज्यादातर लोग संतरे को छीलने के बाद उसमें चिपके हुए सफेद रंग के रेशों को साफ कर देते हैं. उसके बाद ही उन्हें खाते हैं. इन्हें खाना चाहिए या नहीं, इससे पहले ये जान लीजिए कि संतरे के रेशे कितने फायदेमंद हैं?
- सबसे पहला फायदा होता है इसका फाइबर. ये फाइबर से भरपूर होते हैं. संतरे में से जब इन रेशों को हटा दिया जाता है, तो फाइबर की मात्रा में 30% की कमी हो जाती है. इन सफ़ेद रेशों में पाया जाने वाला फाइबर पेक्टिन, डायरिया जैसी बीमारियों से बचाता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है.
- जितना विटामिन सी संतरे के रस में होता है, उतना ही रेशों में भी पाया जाता है.
- ये रेशे एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं. एंटी-इंफ्लैमटोरी और एंटी-माइक्रोबियल होने के कारण इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं.
विषयसूची :
क्या खाने चाहिए?
तमाम डायटीशियंस यही सलाह देते हैं कि संतरों को उनके रेशों के साथ ही खाना चाहिए. जब भी संतरा छीलें तो छिलके को ऐसे निकालें कि ज्यादा से ज्यादा रेशे फल में चिपके रहें. हो सकता है कि शुरुआत में आपको ये अच्छा ना लगे पर यकीन मानें कि इस तरह से संतरा खाने से आपको इसके सारे पोषक तत्व मिलेंगे.
संतरे के रेशे क्या है?
जिन लोगों को नहीं पता कि संतरे में रेशे कहाँ होते हैं वे इसे छीलते समय संतरे में चिपके हुए सफ़ेद धागों पर ध्यान दें। इन्हीं को संतरे के रेशे कहते हैं। छीलते समय कुछ रेशे तो छिलकों में चिपके रह जाते हैं और कुछ संतरे में चिपके हुए रहते हैं। यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आप संतरों को कैसे छिलते हैं।
संतरों के रेशों के फायदे :
फाइबर से भरपूर:
इन रेशों को देखने से ही साफ़ पता चल जाता है कि ये फाइबर से भरे हुए हैं। वास्तव में संतरों को इन सफ़ेद रेशों के साथ खाने से ही आपको फाइबर मिलता है। संतरे में से इन रेशों को हटा देने पर फाइबर की मात्रा में 30% तक की कमी हो जाती है। इन सफ़ेद रेशों में पाया जाने वाला फाइबर पेक्टिन आपको डायरिया जैसी बीमारियों से बचाता है और आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
विटामिन सी के मुख्य स्रोत: वैसे तो संतरे में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मिलता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके रेशों में भी संतरे के बराबर ही विटामिन सी पाया जाता है। अगर आप इस फल को इन रेशों के साथ खाते हैं तो आपके शरीर के लिये ज़रूरी विटामिन सी की मात्रा आपको आसानी से मिल जायेगी।
एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर: इन रेशों में एंटी-ऑक्सिडेंट, फ्लावोनॉइड के रूप में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। ये स्वभाव में एंटी-इंफ्लैमटोरी और एंटी-माइक्रोबियल होने के कारण हमारे इम्यून सिस्टम को और बेहतर बनाने में बहुत मदद करते हैं। फ्लावोनोइड में पाया जाने वाला एक यौगिक नारिनजेन(Naringen) शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है।
इन रेशों को कैसे खायें :
इन्हें खाने का सबसे सही तरीका है कि आप इन्हें फल के साथ ही खायें। संतरे के छिलके को ऐसे निकालें कि ज्यादा से ज्यादा रेशें फल में ही चिपके रहें। शुरू शुरू में यह आपको थोड़ा खट्टा लग सकता है लेकिन यह संतरे के स्वाद को एक नया फ्लेवर दे देता है। इसके अलावा आप इन रेशों को अलग निकालकर इन्हें ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना लें और संतरे से बनी हुई किसी भी डेज़र्ट में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।