हेल्लो दोस्तों आप सभी ने छुईमुई या लाजवंती (Chui Mui or Lajwanti Plant) का पौधा जरूर देखा होगा. यह एक संवेदनशील पौधा है, जिसे छूने से उसकी पत्तियां सिकुड़ जाती हैं. इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे, छुईमुई, लाजवंती या शर्मीली. छुईमुई का वानस्पतिक नाम माईमोसा पुदिका है. छुईमुई की पत्तियों में एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इसके इस्तेमाल से कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है. Benefits of Chui Mui Plant
आयुर्वेद में छुईमुई को जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग किया गया है. इसके पौधे कांटेदार होते हैं, साथ ही जमीन से लगभग 2 से 3 फीट ऊपर उठने वाले होते हैं. इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की होती हैं, जो कि इमली की पत्तियों के समान दिखती हैं. इस पौधे में फूल और फल भी लगते हैं. आइए जानते हैं कि छुईमुई के इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे होते हैं.
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विषयसूची :
डायबिटीज में छुईमुई का इस्तेमाल :
इस समस्या में छुईमुई की पत्तियां शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर (Chui Mui Plant for Diabetes) के स्तर को कम करने के लिए लाभकारी हैं. इसके लिए छुईमुई की 100 ग्राम पत्तियों को 300 मिलीलीटर पानी में डालें. अब तेज आंच पर उबालकर काढ़ा बनाएं. इस काढ़े का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या (diabetes me lajwanti ke fayde) दूर होती है.
बवासीर में छुईमुई का इस्तेमाल :
बवासीर की समस्या ज्यादा मसालेदार या तीखा खाना खाने से होती है. अगर आप बवासीर से राहत पाना चाहते हैं, तो छुईमुई या लाजवंती (Chui Mui Plant for Piles) के पौधे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए छुईमुई के पत्तों को सुखा लें, फिर इसका चूर्ण बनाएं. इसके बाद एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास दूध में मिलाकर सुबह शाम पीएं. ऐसा नियमित रूप से करने पर बवासीर और अर्श की समस्या (piles me lajwanti ke fayde) में राहत मिलेगी.

डायरिया की समस्या में छुईमुई का इस्तेमाल :
अगर किसी को खूनी दस्त या पेचिश की समस्या (Chui Mui Plant for Diarrhea) है, तो उसे छुईमुई या लाजवंती की पत्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके लिए मरीज को छुईमुई की पत्तियों का अर्क बनाकर पीना चाहिए. इसके अलावा खूनी दस्त की रोकथाम करने के लिए मरीज छुईमुई के पौधे की जड़ का चूर्ण बनाकर लगभग 3 ग्राम चूर्ण दही के साथ खा सकते है.
इससे खूनी दस्त की समस्या तुरंत खत्म हो जाएगी. बता दें कि आदिवासी इलाकों में इसकी जड़ों का काढ़ा बनाकर खूनी दस्त की समस्या (diarrhea me lajwanti ke fayde) का समाधान किया जाता है.
अस्थमा में छुईमुई का इस्तेमाल :
अस्थमा (Chui Mui Plant for Asthama) के लिए छुईमुई को बहुत असरदार माना गया है. इसमें कफ को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं. इसके लिए पौधे के अर्क का सेवन करना है, जिससे अस्थमा की समस्या (asthma me lajwanti ke fayde) में फायदा होगा. मगर इसका उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें.
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पीलिया में छुईमुई का इस्तेमाल :
पीलिया (Chui Mui Plant for Jaundice) एक ऐसी बीमारी है, जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है. इस समस्या में शरीर में खून की कमी और कमजोरी हो जाती है. ऐसे में छुईमुई के पौधों के इस्तेमाल से पीलिया की समस्या (jaundice me lajwanti ke fayde) से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लिए छुईमुई की पत्तियों का रस निकाल लें, फिर नियमित रूप से मरीज को दें. ऐसा लगभग 1 हफ्ते तक करने से असर दिखाई देगा.
इसके अलावा छुईमुई या लाजवंती का इस्तेमाल ब्लड प्रेशर, बालों से जुड़ी समस्याएं, शारीरिक कमजोरी आदि में भी किया जाता है. यह जंगली और पहाड़ी इलाकों में आसानी से उगने वाला पौधा है.
मूत्र संबंधी समस्या में छुईमुई का इस्तेमाल :
अगर आपको अत्यधिक मात्रा में मूत्र होने की समस्या (Chui Mui Plant for Urinary Problem) है, तो आप छुईमुई का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए छुईमुई के पत्तों को जल में पीसकर ब्लडर पर लेप करने से मूत्रातिसार में लाभ (mutr rog me lajwanti ke fayde) होता है.

खाँसी में छुईमुई का इस्तेमाल :
अगर आपको मौसम बदलाव की वजह से खांसी की समस्या (Chui Mui Plant for Cough) हो जाती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप छुईमुई से खांसी का इलाज कर सकते हैं. इसके लिए छुईमुई की जड़ को गले में बाँध लें. इससे खाँसी में लाभ होता है.
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