पीलिया का आयुर्वेद में है अचूक और रामबाण इलाज

पीलिया का आयुर्वेद में अचूक इलाज है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार यदि मकोय की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर उसका सेवन करें तो रोग से जल्द राहत मिलती है। मकोय पीलिया की अचूक दवा है और इसका सेवन किसी भी रूप में किया जाए स्वास्थ्य के लिए लाभदायक ही होता है। रोगाणुओं के फैलने से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। इन्हीं में से एक बीमारी है, जॉन्डिस, जिसे हम पीलिया के नाम से जानते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति की त्वचा से लेकर आंखें, नाखून, पेशाब का रंग पीला हो जाता है, साथ ही लीवर कमजोर होकर ठीक से काम करना बंद कर देता है। इतना ही नहीं रोगी की भूख धीरे-धीरे कम हो जाती है और जी मचलाने की शि‍कायत होती है। Ayurvedic Treatment Of Jaundice

जब भी रोगी का यह लगे कि उसका शरीर पीला हो रहा है तथा उसे पीलिया हो सकता है, तो वह पानी की मात्रा बढ़ा दे क्योंकि पानी की मात्रा कम होने पर शरीर से उत्सर्जित होने वाले तत्व रक्त में मिल जाते हैं। इससे व्यक्ति की हालत बिगडऩे लगती है। चिकित्सक बताते हैं कि यदि कच्चा पपीता सलाद के रूप में लिया जाए तो भी पीलिया का असर कम होता है। कई लोग यह मानते हैं कि पीलिया के रोगी को मीठा नहीं खाना चाहिए जबकि आयुर्वेद चिकित्सक ऐसा नहीं मानते उनका कहना है कि पीलिया का रोगी गाय के दूध से बना पनीर व छेने का रसगुल्ला आराम से खा सकता है यह रोगी को कोई नुकसान नहीं बल्कि लाभ पहुंचाता है।

Ayurvedic Treatment Of Jaundice
Ayurvedic Treatment Of Jaundice

अगर आपको लगता है , कि आप पीलिया की चपेट में हैं, तो जरूर पढ़ि‍ए इस बीमारी से निपटने के उपाय –

  • नाश्ते में अंगूर, सेवफल पपीता, नाशपती तथा गेहूं का दलिया लें । दलिया की जगह एक रोटी खा सकते हैं।
  • मुख्य भोजन में उबली हुई पालक, मैथी ,गाजर , दो गेहूं की चपाती और ऐक गिलास छाछ लें।
  • करीब दो बजे नारियल का पानी और सेवफल का जूस लेना चाहिये।
  • रात के भोजन में एक कप उबली सब्जी का सूप , गेहूं की दो चपाती ,उबले आलू और उबली पत्तेदार सब्जी जैसे मेथी ,पालक ।
  • रात को सोते वक्त एक गिलास मलाई निकला दूध दो चम्मच शहद मिलाकर लें।
  • सभी वसायुक्त पदार्थ जैसे घी ,तेल , मक्खन ,मलाई कम से कम १५ दिन के लिये उपयोग न करें। इसके बाद थौडी मात्रा में मक्खन या जेतून का तैल उपयोग कर सकते हैं। प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियों और फलों का जूस पीना चाहिेये। कच्चे सेवफल और नाशपती अति उपकारी फल हैं।
  • दालों का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि दालों से आंतों में फुलाव और सडांध पैदा हो सकती है। लिवर के सेल्स की सुरक्षा की दॄष्टि से दिन में ३-४ बार निंबू का रस पानी में मिलाकर पीना चाहिये।
  • मूली के हरे पत्ते पीलिया में अति उपादेय है। पत्ते पीसकर रस निकालकर छानकर पीना उत्तम है। इससे भूख बढेगी और आंतें साफ होंगी।
  • धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगो दीजिये और फिर उसे सुबह पी लीजिये। धनिया के बीज वाले पानी को पीने से लीवर से गंदगी साफ होती है।
  • एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा हुआ त्रिफला रात भर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को छान कर पी जाएँ। ऐसा 12 दिनों तक करें।
  • जौ आपके शरीर से लीवर से सारी गंदगी को साफ करने की शक्ति रखता है।
  • टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है, इसलिये यह लाइकोपीन में रिच होता है, जो कि एक प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट हेाता है। इसलिये टमाटर का रस लीवर को स्वस्थ्य बनाने में लाभदायक होता है।
  • इस रोग से पीड़ित रोगियों को नींबू बहुत फायदा पहुंचाता है। रोगी को 20 ml नींबू का रस पानी के साथ दिन में 2 से तीन बार लेना चाहिए।
  • आमला मे भी बहुत सारा विटामिन सी पाया जाता है। आप आमले को कच्चा या फिर सुखा कर खा सकते हैं। इसके अलावा इसे लीवर को साफ करने के लिये जूस के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।

  • यह एक प्राकृतिक उपाय है जिसेस लीवर साफ हो सकता है। सुबह सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियां खानी चाहिये।
  • जब आप पीलिया से तड़प रहे हों तो, आपको गन्ने का रस जरुर पीना चाहिये। इससे पीलिया को ठीक होने में तुरंत सहायता मिलती है।
  • गोभी और गाजर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर एक गिलास रस तैयार करें। इस रस को कुछ दिनों तक रोगी को पिलाएँ।
  • रोगी को दिन में तीन बार एक एक प्लेट पपीता खिलाना चाहिए।
  • टमाटर पीलिया के रोगी के बहुत लाभदायक होता है। एक गिलास टमाटर के जूस में चुटकी भर काली मिर्च और नमक मिलाएं। यह जूस सुबह के समय लें। पीलिया को ठीक करने का यह एक अच्छा घरेलू उपचार है।
  • नीम के पत्तों को धोकर इनका रस निकाले। रोगी को दिन में दो बार एक बड़ा चम्मच पिलाएँ। इससे पीलिया में बहुत सुधार आएगा।
  • पीलिया के रोगी को लहसुन की पांच कलियाँ एक गिलास दूध में उबालकर दूध पीना चाहिए , लहसुन की कलियाँ भी खा लें। इससे बहुत लाभ मिलेगा।

पीलिया में परहेज :

  • पीलिया के रोगियों को मैदा, मिठाइयां, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले, उड़द की दाल, खोया, मिठाइयां नहीं खाना चाहिए।
  • पीलिया के रोगियों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो कि आसानी से पच जाए जैसे खिचड़ी, दलिया, फल, सब्जियां आदि।
Ayurvedic Treatment Of Jaundice

एक और प्रयोग…

  • सरसों के तेल की खली १०० ग्राम का चूर्ण बना लें
  • इस चूर्ण की १ चम्मच मात्रा १०० ग्राम दही में मिलाकर सुबह ८ – ९ बजे लें
  • स्वाद अनुसार नमक या चीनी भी डाल सकते है

एक सप्ताह लगातार लेने से पीलिया मल मार्ग से बाहर निकलजायेगा..लेकिन घी तेल में तली चीजो से १० दिनो तक परहेज करें एक सप्ताह में पीलिया जड से समाप्त हो जायेगा.

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