सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को, जानें व्रत का विधि, उद्यापन और महत्व

हेल्लो दोस्तों हिन्दू और सनातन धर्म में सावन के महीने को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. सावन के महीने (Sawan Maas 2021) का अपना अलग ही महत्व है. सावन की महीना भगवन शिव को समर्पित है. पुरे महीने लोग भगवन शिव की पूजा अर्चना में लगे होते हैं. सावन के महीने के सोमवार का और भी अधिक महत्व होता है. माना जाता है कि इस माह में शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस साल 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा. 25 जुलाई से 22 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा.

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सावन में बाबा भोलेनाथ से कृपा पाने के लिए इस व्रत को प्रारंभ करने के बाद कम से कम 16 सोमवार जरूर पूरे करने चाहिए। चूंकि सोमवार भगवान शिव को समर्पित दिन होता है इसलिए श्रावण के दरम्यान पड़ने वाले हर सोमवार का दिन पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा और अच्छी सेहत के लिए भगवान शिव के नाम व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का व्रत एवं पूजा करती हैं, मान्यता है कि भगवान शिव उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आइए जानते हैं मनोकामनाओं को पूरा कराने वाले श्रावण सोमवार व्रत की विधि और महत्व.

सोमवार व्रत करने के विधि :

  • सोमवार के दिन प्रातःकाल उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें.
  • इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प लें. ​
  • शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि से पूजा करें.
  • पूजा के दौरान “ॐ सों सोमाय नम:” का मंत्र लगातार जपते रहें.
  • शिव के मंत्र का जप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करें.
Sawan Maas 2021
Sawan Maas 2021

कब करें सोमवार व्रत का उद्यापन :

  • उद्यापन 16 सोमवार व्रत की संख्या पूरी होने पर 17 वें सोमवार को किया जाता है।
  • श्रावण मास के प्रथम या तृतीय सोमवार को करना सबसे अच्छा माना जाता है। वैसे कार्तिक, श्रावण, ज्येष्ठ, वैशाख या मार्गशीर्ष मास के किसी भी सोमवार को व्रत का उद्यापन कर सकते हैं।
  • सोमवार व्रत के उद्यापन में उमा-महेश और चन्द्रदेव का संयुक्त रूप से पूजन और हवन किया जाता है।
  • इस व्रत के उद्यापन के लिए सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें, और आराधना हेतु चार द्वारो का मंडप तैयार करें।
  • वेदी बनाकर देवताओ का आह्वान करें, और कलश की स्थापना करें।
  • इसके बाद उसमे पानी से भरे हुए पात्र को रखें। पंचाक्षर मंत्र (ऊँ नमः शिवाय) से भगवान् शिव जी को वहाँ स्थापित करें।
  • गंध, पुष्प, धप, नैवेद्य, फल, दक्षिणा, ताम्बूल, फूल, दर्पण, आदि देवताओ को अर्पित करें।
  • इसके बाद आप शिव जी को पञ्च तत्वो से स्नान कराएं, और हवन आरम्भ करें।
  • हवन की समाप्ति पर दक्षिणा, और भूषण देकर आचार्य को गो का दान दें।
  • पूजा का सभी सामान भी उन्हें दें और बाद में उन्हें अच्छे से भोजन कराकर भेजे और आप भी भोजन ग्रहण करें।

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कब कब होगा इस सावन में सोमवार :

पहला सोमवार – 26 जुलाई 2021
दूसरा सोमवार – 02 अगस्त 2021
तीसरा सोमवार – 09 अगस्त 2021
चौथा सोमवार – 16 अगस्त 2021
सावन में प्रदोष व्रत – 05 व 20 अगस्त को

ऐसे करें भगवान भोले को प्रसन्न :

  • सावन में रोज 21 बेलपत्रों पर चंदन से ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
  • विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं. इससे विवाह की सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी.
  • घर में नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए सावन में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और धूप जलाएं.
  • सावन में गरीबों को भोजन कराने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. इससे घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती और साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है.
  • सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान कर मंदिर या फिर घर में ही भगवान शिव का जलाभिषेक करें. इसके साथ ही ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
  • आमदनी बढ़ाने के लिए सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें. इस दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें. ‘ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं’
  • प्रत्येक मंत्र के साथ बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं. बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें. अंतिम 108 वां बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें और इसे घर के पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन पूजा करें.
  • संतान प्राप्त‍ि के लिए सावन में गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से 11 बार जलाभिषेक करें.
  • सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक (तांबे के बर्तन को छोड़कर) करने से बीमारियां दूर होती हैं.
  • सावन में किसी नदी या तालाब में जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं इससे आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होगी.
Sawan Maas 2021
Sawan Maas 2021

श्रावण का महत्व :

हिंदू शास्त्रों में श्रावण मास के विशेष महात्म्य का उल्लेख है. इस माह शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान करते हैं. कुछ लोग सोमवार के दिन तो कुछ लोग इस पूरे मास व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने हर भक्तों की हर इच्छाओं को पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं. यूं तो यह व्रत सुहागन महिलाएं रखती हैं, लेकिन कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत के विधान को पूरा करती हैं. सोमवार के व्रत का उद्यापन श्रावण, वैशाख, कार्तिक, चैत्र एवं मार्गशीर्ष आदि मासों में ही करना चाहिए. श्रावण के सोमवार में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि यह नियम बीमार व्यक्तियों पर नहीं लागू होता है.

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कब है श्रावण मास की शिवरात्रि? :

हिंदू पंचांगों में प्रत्येक मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पड़ती है, कुछ जगहों पर इसे श्रावणी शिवरात्रि भी कहते हैं. इस मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव का व्रत एवं पूजा करने से हर किस्म की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्टों को दूर करते हैं. इस मास में शिवरात्रि 6 अगस्त को पड़ रही है, जिसका पारण 7 अगस्त शनिवार के दिन किया जाएगा.

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