रोहिणी व्रत माता रोहिणी और भगवान वासुपूज्य का आशीर्वाद पाने, पति की लंबी आयु और परिवार में सुख, शान्ति के लिए किया जाता है। जैन धर्म में इस व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस धर्म के लोग इसे केवल एक साधारण व्रत के रूप में नहीं बल्कि एक त्योहार की तरह मनाते हैं। वैसे तो जैन परिवारों की महिलाओं को इस व्रत का पालन करना बहुत ही आवशयक होता है लेकिन कुछ घरों में इस दिन पुरुष भी व्रत और पूजा करते हैं। Rohini Vrat
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जैन समुदाय में कुल 27 नक्षत्रों में से एक रोहिणी नक्षत्र होता है इसलिए इसकी पूजा की जाती है। साल के प्रत्येक महीने में यह व्रत आता है और माना जाता है कि यह व्रत उस दिन रखा जाता है जब रोहिणी नक्षत्र, सूर्योदय के बाद प्रबल होता है। आपको बता दें इस बार रोहिणी व्रत 17 मई, 2018, बृहस्पतिवार को है और अगले महीने 13 जून को पड़ेगी !
ऐसी मान्यता है कि रोहिणी व्रत करने से भक्तों के जीवन से सभी दुःख और दरिद्रता दूर हो जाती है, साथ ही उनका दांपत्य जीवन भी खुशहाल बन जाता है। इस दिन उपासक पूरे दिन भूखा रहता है और भगवान से जाने अनजाने में हुई अपनी सभी गलतियों के लिए भी क्षमा मांगता है। साथ ही वह उनसे सुख, शान्ति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता है।
लेकिन यह व्रत केवल एक निश्चित काल तक ही किया जाता है जैसे 3, 5 या 7 सालों तक। वैसे इस व्रत के लिए 5 महीने या फिर 5 साल को उचित अवधि माना गया है।
क्यों रखते हैं रोहिणी व्रत
वैसे तो हर एक व्रत और पूजा का अपना एक अलग ही महत्व होता है, ठीक उसी प्रकार रोहिणी व्रत भी जैन समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही अहम माना जाता है। कहते हैं इस धर्म की महिलाओं के लिए आध्यात्मिक अनुशासन प्राप्त करने का यह सबसे सरल उपाय है।
यह व्रत उन्हें हर तरह के बुरे भाव जैसे ईर्ष्या, द्वेष, जलन आदि से दूर रखता है, साथ ही उन्हें धैर्यवान और सहनशील भी बनता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से तन और मन दोनों की शुद्धि हो जाती है।
कंगाली दूर करता है रोहिणी व्रत
माना जाता है कि रोहिणी व्रत न सिर्फ अच्छा स्वास्थ्य, सुख और शान्ति प्रदान करता है बल्कि इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है। भगवान् वासुपूज्य और माता रोहिणी के आशीर्वाद से भक्तों के घर से कंगाली दूर हो जाती है और सदैव के लिए उनके घर में देवी लक्ष्मी का वास हो जाता है। इतना ही नहीं पुराने और लम्बे समय से चले आ रहे कर्ज़ों से भी मुक्ति मिल जाती है।
इस वर्ष रोहिणी व्रत की तिथियां
- 13 जून 2018, बुधवार
- 10 जुलाई 2018, मंगलवार
- 07 अगस्त 2018, मंगलवार
- 03 सितम्बर 2018, सोमवार
- 30 सितम्बर 2018, रविवार
- 28 अक्टूबर 2018, रविवार
- 24 नवम्बर 2018, शनिवार
- 21 दिसम्बर 2018, शुक्रवार