मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन पूरी तरह से मौन रहें तो अच्छी सेहत और ज्ञान मिलता है. Mauni Amavasya 2020
स्नान से मानसिक समस्या, डर या वहम से निजात मिलती है. पूरे नियम से ये व्रत करें तो कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर होते हैं.
मौनी अमावस्या के बारे में ये भी कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं.
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विषयसूची :
क्यों रहते हैं मौन?
मौनी अमावस्या के व्रत में मौन धारण करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस बार मौनी अमावस्या 24 जनवरी (शुक्रवार) को पड़ रही है.
शास्त्रों में लिखा है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है. उससे कई गुणा अधिक पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है.
वैसे तो दिन भर मौन रखने की बात कही गई है लेकिन अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक मिलता है
और मौन धारण कर व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है.
माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना तो शुभ होता ही है लेकिन मौनी अमावस्या पर इस स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं.
मौनी अमावस्या पर कैसे करें स्नान?
- सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें
- पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें
- साफ कपड़े पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें
- फिर मंत्र जाप करें और सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करें
- चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं
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मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त :
- अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 जनवरी 2020 को देर रात 2 बजकर 18 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 जनवरी 2020 को देर रात 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
- खास बात ये है कि इस बार मौनी अमावस्या ब्रह्म मुहूर्त यानी रात के आखिरी पहर में शुरू हो रही है. इसलिए यही स्नान का सबसे शुभ समय होगा.
- 24 जनवरी को रात के आखिरी पहर से लेकर आप सूर्यास्त होने से पहले स्नान कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या के दिन क्रोध न करें, किसी को अपशब्द न बोलें. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन बेहतर होगा कि आप मौन रहकर ईश्वर का ध्यान करें, क्योंकि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर मानसिक जाप करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है.
पितृ दोष की शांति का उपाय :
मौनी अमावस्या पर कैसे दूर होगा पितृ दोष? दान-स्नान की सही विधि भी जानें
- किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें
- स्नान के दौरान आठ या नौ डुबकी लगायें
- तिल मिले हुए जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें
- पितरों के लिए प्रार्थना करें
- किसी निर्धन व्यक्ति को अन्न और वस्त्र का दान करे
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करें ये खास प्रयोग :
मौनी अमावस्या के दिन आप ये खास प्रयोग करेंगे तो लाभ होगा –
- मुक्ति और मोक्ष के लिए गौ दान करें
- आर्थिक समृद्धि के लिए भूमि दान करें
- ग्रह- नक्षत्र की बाधा से मुक्ति के लिए काले तिलों का दान करें
- रोग और कर्ज से मुक्ति के लिए सोने का दान करें
- पारिवारिक जीवन की खुशहाली के लिए पात्र सहित घी का दान करें
- किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्ति के लिए नमक का दान करें
- वंश वृद्धि और संतान की उन्नति के लिए चांदी का दान करें
- मौनी अमावस्या के दिन अगर पूरे दिन का मौन संभंव न हो तो कुछ घंटों के मौन का संकल्प लें. इससे आपको गहरी मानसिक शांति और प्रसन्नता मिलेगी.