हर साल जनवरी की 14 या 15 तारीख को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु भक्ति-भाव से भगवान सूर्य की उपासना करते हैं। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति वाले दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। सूर्य का उत्तरायण होना बेहद शुभ माना जाता है। तो इस राशि परिवर्तन को मकर संक्रांति कहा जाता है. Makar Sankranti 2021
विषयसूची :
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त :
इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इस साल पुण्य काल के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8.30 बजे से 12.30 बजे तक है, जिसकी अवधि 4 घंटे 26 मिनट है।वहीं, महापुण्य काल का समय सुबह 8.03 से 8.27 तक है, यानी यह अवधि केवल 24 मिनट की है।
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मकर राशि में 5 ग्रहों का संयोग :
मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे. इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. जो कि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं. इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है.
पूजा विधि :
इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, यदि पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर में जिस जल से स्नान करें उसमें गंगाजल की कुछ बूंदें मिला लें. स्नान के बाद पूजा आरंभ करें. सूर्य देव समेत सभी नव ग्रहों की पूजा करें. इसके बाद जरूरतमंदों को दान दें. इस पर्व पर खिचड़ी का सेवन करना भी उत्तम माना गया है. इसलिए इस पर्व को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. खिचड़ी का दान भी किया जाता है.
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पौराणिक मान्यता :
पौराणिक मान्यता के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है। बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा।
दान-पुण्य एवं स्नान का भी है महत्व :
इस मौके पर लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान, धर्म करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि, जो मनुष्य मकर संक्रांति पर देह का त्याग करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्त हो जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान :
- मकर संक्रांति पर मन में अच्छे विचार रखने चाहिए और दान पुण्य के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए.
- इस दिन किया गया दान कई गुणा लाभ प्रदान करता है.
- मकर संक्रांति पर बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, पिता का आर्शीवाद लेना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.
- इस दिन पतंग भी उड़ाने की कहीं कहीं परंपरा है.