लाभ पंचमी के दिन इस मुहूर्त पर करें माता का पूजन, मिलेगी अपार सफलता

हेल्लो दोस्तों कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचमी (Labh Panchami 2021) के नाम से जाना जाता है। इसे सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं। ये पर्व मुख्य रूप से गुजरात में मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 9 नवंबर, मंगलवार को है। व्यापारियों के लिए ये दिन बहुत ही खास रहता है क्योंकि इसलिए वे नए सौदे आदि करते हैं। लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी, लखेनी पंचमी और लाभ पंचम के नाम से भी जाना जाता है। कुछ क्षेत्रों में इसे सौभाग्य लाभ पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

ये भी पढ़िए : जानिए क्या है खरमास और क्यों नहीं होते इस माह में मांगलिक कार्य

सौभाग्य और लाभ का अर्थ है, अच्छा समय और फायदा। इसलिए यह दिन लाभ और सौभाग्य के नाम से जाना जाता है। वैसे तो लाभ पंचमी का पूरा दिन ही शुभ और सौभाग्य से भरा होता है, लेकिन कई दुकानदार और व्यवसायी इस दिन भी शुभ मुहूर्त और समय में अपना प्रतिष्ठान खोलना पसंद करते है। साथ ही शिव परिवार और देवी लक्ष्मी की पूजा कर प्रार्थना करते हैं कि आने वाले साल सभी के लिए सफलता लेकर आए। तो चलिए जानते हैं लाभ पंचमी 2021 का शुभ मुहूर्त।

Labh Panchami 2021
Labh Panchami 2021

लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त :

पंचमी की तारीख – 09 नवंबर, गुरुवार 2021

लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त – सुबह 06:21 से 10:05 AM

इन मन्त्रों के उच्चारण से श्री गणेश और महादेव का जाप व आवाहन करना चाहिए, मन्त्र इस प्रकार हैं –

गणेश मंत्र : लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्। आवाहयाम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।

शिव मंत्र : त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे। त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।

ये भी पढ़िए : छठ पूजा का दूसरा दिन : खरना, महिलाएं रखेंगी 36 घंटे का निर्जला व्रत

इस विधि से करें पूजा :

लाभ पंचमी व्रत की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं और प्रात:काल स्नान करें।

उसके बाद सूर्यदेव को जल दें। इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं के समझ बैठ जाएं।

संभव हो सके तो श्री गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर विराजित करना चाहिए।

भगवान गणपति जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, धूप,दीप और दूर्वा आदि अर्पित करें।

इसके बाद मां पार्वती और मां लक्ष्मी को फूल आदि अर्पित करें और माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र, इत्र, हल्दी आदि भी अर्पित करें।

इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

गणेश को मोदक व शिव को दूध के सफेद पकवानों का भोग लगाना चाहिए।

इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरा दिन निराहार रहना है। फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।

द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का निर्माण करें तथा भगवान को अर्पित प्रसाद समस्त लोगों में वितरित करें व स्वयं भी ग्रहण करें।

पूजन के बाद आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें।

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन विवाहित महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।

Labh Panchami 2021
Labh Panchami 2021

लाभ पंचमी की विशेषता :-

सौभाग्य पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विषेष पूजा अर्चना की जाती है गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। लाभ पंचमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। पंचमी के अवसर पर लोगों ने घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है।भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है। इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। रात को भजन संध्या का आयोजन होता है।​

लाभ पंचमी का महत्व :

दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और रोशनी के इस त्योहार का अंतिम दिन लाभ पंचमी के रूप में मनाया जाता है। लाभ पंचमी के त्यौहार को बेहद शुभ दिन माना जाता है, इस दिन लोग दीपावली के लंबे त्यौहार के बाद अपने कार्य पर वापस लौटते है। व्यापारी वर्ग इस दिन अपने दुकान व प्रतिष्ठान पुनः शुरू करते हैं। ऐसा माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन की गई पूजा से लोगों के जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, आराम व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

सौभाग्य पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष मंत्र जाप द्वारा भगवान श्री गणेश का आवाहन करते हैं जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है। इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभगय पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस दिन भगवान के दर्शन व पूजा कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं।

ये भी पढ़िए : छठ पूजा कब और कैसे करें, जानिए महत्व, कथा और विधि

सौभाग्य पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विषेष पूजा अर्चना की जाती है गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। लाभ पंचमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। पंचमी के अवसर पर लोगों ने घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है। भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है। इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। रात को भजन संध्या का आयोजन होता है।

Leave a Comment