इस माह 24 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। इस व्रत में महिलाएं हर साल अपने पति की लंबी उम्र और उनकी सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत को करना इतना आसान नहीं होता है, इन व्रत में महिलाओं को पूरे दिन बिना अन्न और पानी के रहना होता है और रात के समय चांद को देखकर ही व्रत को खोलना होता है। इस व्रत को रखने में ऐसे तो काफी परेशानी होती हैं, लेकिन जब आप गर्भवती हो तो ऐसे में यह और भी मुश्किल और भी बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर्स की सलाह लेकर ही यह व्रत रखना चाहिए। Karva Chauth Fast During Pregnancy
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डॉक्टर्स के मुताबिक गर्भवती महिलाएं अगर करवा चौथ का यह व्रत ले रहीं हैं, तो उन्हें दो घंटे के बाद फलाहार का सेवन करना चाहिए। फलाहार के साथ ही महिलाएं पौष्टिक आहार भी ले सकती हैं। गर्भवस्था के दौरान कभी भी निर्जल व्रत ना रखें, यह आपके साथ साथ आपके होने वाले बच्चे के लिए भी काफी खतरनाक हो सकता है।दरअसल पानी ना पीने से डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। इसी के साथ पूरे दिन खाना और पानी का सेवन ना करने से गर्भवती महिला के शरीर में हाइपोग्लाइसिमिक शुगर का लेवल गिर जाता है। गर्भव्स्था के दौरान अगर व्रत ना रखा जाएं तो व्रत रखने की कोई जरूरत नहीं है।

करवाचौथ का व्रत को करने से जीवन में पति का साथ हमेशा बना रहता है, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आज के दिन शिव जी, गणेश जी और स्कन्द, यानी कार्तिकेय के साथ बनी गौरी के चित्र की सभी उपचारों के साथ पूजा करने का विधान है। आज करवाचौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सलामती के लिए व्रत रखती हैं इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। लेकिन जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है। इस करवाचौथ अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं तो व्रत रखते समय इन जरूरी बातों का जरूर ध्यान रखें।
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यह करें :
व्रत को शुरू करने से पहले ऐसा खाना खाएं, जो कि लंबे समय तक पेट में रहे और जो जल्दी ना पचे।
भले ही आप कुछ खाएं ना, लेकिन तरल पदार्थों का सेवन करती रहें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी ना हो।
इस दिन काम कुछ ना करें, आप इस दिन अपने परिवार के साथ समय बिताएं और पूरा आराम करें।
व्रत खत्म करने पर आप एकदम से काफी सारा खाना ना खाएं, क्योंकि ऐसा करने से पेट में गैस और अपच होने की संभावना रहती है।
इन लक्षणों को महसूस कर रहीं हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
गर्भस्थ शिशु की हलचल अचानक से बढ़ना।
बेहोशी या चक्कर आना और उल्टी होने पर भी आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

डॉक्टर से सलाह लें –
करवा चौथ का व्रत आपको रखना चाहिए या नहीं इसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण सलाह आपके डॉक्टर की है। अगर आपका डॉक्टर व्रत के लिए इजाजत देते हैं तो ही आप व्रत रखें अन्यथा नहीं। दरअसल गर्भावस्था के दौरान ज्यादा देर तक भूखे रहने से हाइपरटेंशन या डायबीटीज होने का खतरा रहता है। हालांकि इसको लेकर अभी कोई रिसर्च सामने नहीं आया है जो इस बात को साबित कर सके कि गर्भावस्था के दौरान व्रत करना सुरक्षित है या नहीं लेकिन फिर भी डॉक्टर से सलाह मशविरा जरूर कर लें उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे।
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डिहाइड्रेशन का ख्याल रखें –
मान लीजिए की आपके डॉक्टर ने व्रत करने की इजाजत दे भी दिया है तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि करवा चौथ के दिन पूरी तरह से खाना-पीना बंद ना करें। दिन के समय में पानी, दूध, फल, जूस और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए ताकि आप डिहाइड्रेशन से बच सकें।
व्रत के दौरान हाई कैलोरी फूड या बहुत ज्यादा फैट वाले खाद्य पदार्था का सेवन करने से बचें। ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें अत्यधिक मात्रा में चीनी या नमक हो तो उसको नहीं खाएं नहीं तो जेस्टिटेशनल डायबिटीज या ब्लड प्रेशर होने का खतरा हो सकता है।
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व्रत के दौरान अगर एसिडीटी, गैस, बहुत ज्यादा थकान, सिरदर्द, उल्टी या चक्कर जैसी परेशानियां आ रही है तो तत्काल अपना व्रत खोल दें और कुछ खा लें।
भले आप व्रत में हों लेकिन आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि आपके गर्भ में एक बच्चा भी मौजूद है और उसकी जरूरतों को पूरा करना भी आपका ही दायित्व है। व्रत में होने के बावजूद आप प्रत्येक 2 घंटे पर फल या अन्य कोई भी खाद्य पदार्थ खाती रहें।

व्रत को शुरू करने से पहले ड्राई फ्रूट्स या अन्य पौष्टिक पदार्थों का भारी मात्रा में सेवन कर लें ताकि आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर मेंटेन रह सके।
चूंकि आप व्रत में रहेंगी तो इस दौरान आपको अपने शरीर के आराम का भी ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान संभव है कि आप तुरंत थकान महसूस करने लग जाएं तो इसलिए शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है।
हाइपरटेंशन और डायबिटीज रोगी महिलाएं व्रत ना रखें। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने और दौरा पड़ने का खतरा हो सकता है। गर्भावस्था के अंतिम 3 महीने वाली महिलाएं व्रत ना रखें।
व्रत के पूरा हो जाने के बाद एक साथ ज्यादा खाना ना खाएं नहीं तो अपच और एसिडिटी के चलते पेट दर्द भी हो सकता है। शुरुआत तरल पदार्थ से करें और उसके बाद थोड़ी थोड़ी मात्रा में भोजन करें।