1 नवंबर से कार्तिक मास शुरू, ध्यान रखें ये 7 बातें, होगी पूरी हर मनोकामना

हिन्दू धर्म में कार्तिक मास (Kartik Maas 2020) अत्यधिक पवित्र महीना माना जाता है. कार्तिक का महिना चातुर्मास का आखिरी महीना है और इसी माह से देव तत्व मजबूत होता है. जहाँ एक ओर इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं वहीँ दूसरी ओर इसी महीने में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है. और साथ ही इस महीने में दीपदान और दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस बार कार्तिक का महीना 01 नवंबर से 30 नवंबर तक रहेगा.

कार्तिक महीने में जीवनचर्या का महत्व

कार्तिक महीने से स्निग्ध चीजें और मेवे खाने की सलाह दी जाती है. जिन चीजों का स्वभाव गर्म हो और लम्बे समय तक उर्जा बनाए रखें, ऐसी चीजों को खाना चाहिए. इस महीने में दाल (दलहन) खाने की मनाही की गई है. सूर्य की किरणों का स्नान भी इस महीने से उत्तम माना जाता है. इस महीने में दोपहर में सोने की भी मनाही की गई है

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कार्तिक मास का धन से क्या संबंध है?

कार्तिक मास श्री हरि का अत्यंत प्रिय है. अतः मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है. इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है. इस महीने में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को अपार धन देती हैं. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ही इस महीने धन त्रयोदशी, दीपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है. इस महीने विशेष पूजा और प्रयोग करके आप आने वाले समय के लिए अपार धन पा सकते हैं और कर्ज व घाटे से मुक्त हो सकते हैं.

Kartik Maas 2020
Kartik Maas 2020

ऐसे होगी मां लक्ष्मी की कृपा ?

वैसे तो कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दीपावली जैसा बड़ा पर्व मनाया जाता है. फिर भी कार्तिक मास में हर दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय किये जाने चाहिए. कार्तिक मास में रोज रात्रि को भगवानं विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करें. गुलाबी या चमकदार वस्त्र धारण करके उपासना करें.

वैवाहिक जीवन के लिए और सुख शांति

पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के लिए तुलसी की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है और तुलसी के पौधे के रोपण व पूजन के लिए सबसे अच्छा महिना कार्तिक का होता है. कार्तिक मास में किसी भी दिन बेहतर होगा शुरुआत में ही , तुलसी का पौधा ले आएं और घर में रोपण करें. अब नित्य सायंकाल इस पौधे के नीचे घी का या तिल के तेल का दीपक जलाएं. सुखद पारिवारिक जीवन और वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करें.

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इस बार 1 नवंबर, रविवार से कार्तिक मास शुरू हो रहा है, जो 30 नवंबर, सोमवार तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के नियमों के बारे में बताया है। कार्तिक मास में 7 नियम प्रधान माने गए हैं, जिन्हें करने से शुभ फल मिलते हैं और हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये नियम इस प्रकार हैं…

तुलसी पूजा –

वैसे तो हर महीने तुलसी का सेवन व पूजा करना श्रेयस्कर होता है, लेकिन कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना अधिक माना गया है।

जमीन पर सोना –

भूमि पर सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है। भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं।

Kartik Maas 2020
Kartik Maas 2020

दीपदान करना –

कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान बताया गया है। इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

द्विदलन निषेध –

कार्तिक महीने में द्विदलन (फलीदार चीजें व दालें) अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए।

न लगाएं तेल –

कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए। कार्तिक मास में अन्य दिनों में तेल लगाना वर्जित है।

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ब्रह्मचर्य –

कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी है। इसका पालन नहीं करने पर पति-पत्नी को दोष लगता है और इसके अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं।

संयम रखें –

व्रती (व्रत करने वाला) को चाहिए कि वह तपस्वियों के समान व्यवहार करें। अर्थात कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करे, मन पर संयम रखें आदि।

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