जानते हैं सकट (तिलकुट) चौथ का मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि | Sakat Chauth Vrat Muhurat
हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है. सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है. सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, संकट चौथ, तिल-कुट चौथ, वक्र-टुंडी चतुर्थी, माघ चतुर्थी, लंबोदर चतुर्थी, माघी चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रखती हैं. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.
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हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है. सनातन धर्म में माघ माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है. तिलकूट चतुर्थी इस साल 10 जनवरी 2023 को है, इसमें गौरी पुत्र गजानन को खास तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है. आइए जानते हैं सकट चौथ का शुभ मुहूर्त और तारीख-
तिलकुट चतुर्थी साल में आने वाली 4 बड़ी चतुर्थी में से एक है. इस व्रत में भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.

सकट चौथ का शुभ मुहूर्त
(Sakat Chauth 2023 Date & Shubh Muhurat)
- सकट चौथ मंगलवार, जनवरी 10, 2023 को
- सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – रात 08 बजकर 41 मिनट पर
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 10, 2023 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से शुरू
- चतुर्थी तिथि समाप्त – जनवरी 11, 2023 को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर खत्म
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सकट चौथ पूजा सामग्री
(Sakat Chauth 2023 Poojan Samagri)
सकट चौथ की पूजा के लिए लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, जनेऊ, सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, गंगाजल, गणपति की मूर्ति, लाल फूल, 21 गांठ दूर्वा, रोली, मेहंदी, सिंदूर अक्षत, हल्दी, मौली, इत्र, अबीर, गुलाल, गाय का धी, दीप, धूप, 11 या 21 तिल के लड्डू, मोदक, मौसमी फल, सकट चौथ व्रत कथा की पुस्तक, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए (दूध, गंगाजल, कलश, चीनी). दान के लिए (गाय को हरा चारा, अन्न, वस्त्र).
गणपति की पूजा में पान का प्रयोग सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है. पान मां लक्ष्मी को भी अति प्रिय है. मान्यता है कि सकट चौथ की पूजा में गणेश जी को पान अर्पित करने से रिद्धि-सिद्धि के दाता संग मां लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है. पान के ऊपर कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर पूजा में रखें.

सकट चौथ पूजा विधि
(Sakat Chauth Puja Vidhi)
सकट चौथ के दिन सुबह उठकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें. पूजा के समय माता लक्ष्मी की भी मूर्ति ज़रुर रखें. दिनभर निर्जला उपवास करें. रात में चांद को अर्घ्य दें, गणेश जी की पूजा कर फिर फलहार करें. संभव हो तो फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाएं, सेंधा नमक का भी सेवन ना करें. इस दिन की पूजा में गणेश मंत्र का जाप करना बेहद फलदाई बताया गया है.
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गणेश मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करना भी बेहद शुभ होता है. गणेश जी को लड्डू बेहद पसंद होते हैं. ऐसे में इस दिन की पूजा में अन्य भागों के साथ आप बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं. लड्डू के अलावा इस दिन गन्ना, शकरकंद, गुड़, तिल से बनी वस्तुएं, गुड़ से बने हुए लड्डू और घी अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है.
सकट चौथ व्रत का महत्व
(Sakat Chauth 2023 Mahatva)
सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा का विधान है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सबसे ज्यादा लाभ होता है. व्रत करने वाले भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है. एक पौराणिक कथा के मुताबिक इसी दिन भगवान गणेश ने भगवान शंकर और माता पार्वती की परिक्रमा की थी.
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सकट चौथ का व्रत रखने से संतान के लिए फलदायी होता है. संतान के सारे दुख खत्म हो जाते हैं. संतान को लंबी उम्र मिलती है. तनाव, नकारात्मकता, तनाव और बीमारियों से संतान को छुटकारा मिलता है. संतान पक्ष से माता को शुभ समाचार मिलता है. इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
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