हेल्लो दोस्तों मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना (Ramadan Date 2021) बहुत ही पाक और महत्वपूर्ण माना गया है। इस वर्ष रमजान का पाक महीना चांद के दीदार होते ही 13 या फिर 14 अप्रैल से आरंभ हो जाएगा। रमजान के महीने में मुस्लिम रोजे रखकर खुदा की इबादत करते हैं। इसमें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए और पीए नमाज पढ़कर खुदा को याद करते हैं। इस साल पहला रोजा 14 घंटे 8 मिनट तक रह सकता है।
इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान (Ramzan) शुरू हो रहा है. रमजान के महीने में 30 दिनों तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पीए रोजा रखा जाता है. रोजा की शुरुआत सुबह की सेहरी से की जाती है और शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है. मुस्लिम समुदाय के लोगों का मानना है कि इस दौरान जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं और व्यक्ति की हर दुआ कुबूल होती है. नेकियों के इस महीने में जकात देना, कुरान पढ़ना, नमाज पढ़ना आदि कामों से अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबान होते हैं और उनके सारे गुनाह माफ कर देते हैं.
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विषयसूची :
रमजान को पवित्र क्यों माना जाता है? :
मुसलमानों के लिए, रमजान वह महीना है जिसमें 1,400 साल से पहले पैगंबर मुहम्मद के सामने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की पहली आयत का अवतरण हुआ था. इस पूरे महीने मुसलमान फज्र की नमाज के साथ रोजे की शुरूआत करते हैं और सूर्यास्त की नमाज के साथ रोजा खोलते हैं.
नमाज, दान, आस्था, मक्का की हज यात्रा करने के साथ रोजा रखने को भी इस्लाम में पाचवां स्तंभ माना जाता है. कई मुस्लिम देशों में रमजान के दौरान काम के घंटो में कटौती कर दी जाती है. वहीं कई जगहों पर रोजे के दौरान रेस्टोरेंट बंद कर दिए जाते हैं. रमजान के पवित्र महीने में लोग एक-दूसरे को ‘रमजान मुबारक’ या ‘रमजान करीम’ कह कर अभिवादन करते हैं और एक-दूसरे के लिए यह महीना अच्छा गुजरने की कामना करते हैं.

जानिए रमजान की खास बातें :
रमजान के पवित्र महीने में कुरान पढ़ा जाता है और अल्लाह को याद किया जाता है। रमजान के महीने में शब-ए-कद्र मनाई जाती है। इस दिन मुस्लिम समुदाय रात भर जागकर इबादत करते हैं। रमजान के पाक महीने मे पांचों वक्त की नमाज अदा की जाती है। रमजान के महीने में तीन अशरे होते है जिसमें पहला अशरा 1 से 10 दिन रहमत का अशरा का होता है। दूसरा अशरा 11 से 20 दिन का होता है जिसमें गुनाहों की माफी का अशरा होता है। तीसरा अशरा 21 से 30 दिन जहन्नम की आग से खुद को बचाने का अशरा होता है।
सहरी :
रमजान के दिनों में सुबह के समय में जब भोजन किया जाता है तो उसे सहरी कहते हैं। सहरी दिन में सूरज के निकलने से पहले किया जाता है। सहरी करने को सुन्नत कहते हैं। इस महीने के अंत में ईद-उल-फितर का त्यौहार भी मनाया जाता है।
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इफ्तार :
दिन भर रोजा रखने के बाद शाम के समय जब सूरज डूब जाता है तब रोजा खोला जाता है इसे इफ्तार कहा जाता है।
रमजान में सहरी और इफ्तार का समय :
- 14 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 15 अप्रैल 2021- सुबह 4:12 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 16 अप्रैल 2021- सुबह 4:11 बजे – शाम 6 : 22 बजे
- 17 अप्रैल 2021- सुबह 4:10 बजे – शाम 6 : 22 बजे
- 18 अप्रैल 2021- सुबह 4:09 बजे – शाम 6 : 23 बजे
- 19 अप्रैल 2021- सुबह 4:07 बजे – शाम 6 : 23 बजे
- 20 अप्रैल 2021- सुबह 4:06 बजे – शाम 6 : 24 बजे
- 21 अप्रैल 2021- सुबह 4:05 बजे – शाम 6 : 24 बजे
- 22 अप्रैल 2021- सुबह 4:04 बजे – शाम 6 : 25 बजे
- 23 अप्रैल 2021- सुबह 4:03 बजे – शाम 6 : 25 बजे
- 24 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21 बजे
- 25 अप्रैल 2021- सुबह 4:01 बजे – शाम 6 : 26 बजे
- 26 अप्रैल 2021- सुबह 4:00 बजे – शाम 6 : 27 बजे
- 27 अप्रैल 2021- सुबह 3: 59 बजे – शाम 6 : 28 बजे
- 28 अप्रैल 2021- सुबह 3: 58 बजे – शाम 6 : 28 बजे
- 29 अप्रैल 2021- सुबह 3: 57 बजे – शाम 6 : 29 बजे
- 30 अप्रैल 2021- सुबह 3 : 56 बजे – शाम 6 : 29 बजे

मई में सहरी और इफ्तार का समय –
- 1 मई 2021- सुबह 3 : 55 बजे – शाम 6 : 30 बजे
- 2 मई 2021- सुबह 3 : 54 बजे – शाम 6 : 30 बजे
- 3 मई 2021- सुबह 3 : 53 बजे – शाम 6 : 31 बजे
- 4 मई 2021- सुबह 3 : 52 बजे – शाम 6 : 31 बजे
- 5 मई 2021- सुबह 3 : 51 बजे – शाम 6 : 32 बजे
- 6 मई 2021- सुबह 3 : 50 बजे – शाम 6 : 32 बजे
- 7 मई 2021- सुबह 3 : 49 बजे – शाम 6 : 33 बजे
- 8 मई 2021- सुबह 3 : 48 बजे – शाम 6 : 34 बजे
- 9 मई 2021- सुबह 3 : 47 बजे – शाम 6 : 34 बजे
- 10 मई 2021- सुबह 3 : 46 बजे – शाम 6 : 35 बजे
- 11 मई 2021- सुबह 3 : 45 बजे – शाम 6 : 35 बजे
- 12 मई 2021- सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे
- 13 मई 2021- सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे
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रमजान का महत्व :
रमजान के महीने में रोजे रखना और नमाज पढ़ना मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत ही खास होता है। रमजान के महीने का इंतजार सभी मुस्लिम को होता है। रमजान के महीने में रोजा करीब एक महीने तक रखा जाता है। रमजान के आखिरी दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है और एक दूसरों से गले मिलकर बधाईयां दी जाती हैं। रमजान के पूरे एक महीना में खुदा की इबादत की जाती है।

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान का यह महीना नौवां महीना माना जाता है। रमजान का पवित्र महीना चांद के दिखने के बाद आरंभ होगा। जब मुसलमान रोजा रखता है तो उसके हृदय में भूखे व्यक्ति के लिए हमदर्दी पैदा होती है। रमजान में पुण्य के कामों का सबाव सत्तर गुना बढ़ा दिया जाता है। जकात इसी महीने में अदा की जाती है। रोजा झूठ, हिंसा, बुराई, रिश्वत तथा अन्य तमाम गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है। कुरान में अल्लाह ने फरमाया कि रोज़ा तुम्हारे ऊपर इसलिए फर्ज़ किया है, ताकि तुम खुदा से डरने वाले बनो और खुदा से डरने का मतलब यह है कि इंसान अपने अंदर विनम्रता लाए।