कब है महावीर जयंती? क्या है कहानी वर्धमान से ‘महावीर’ बनने की

हेल्लो दोस्तों चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 599 साल पहले बिहार के कुंडग्राम/कुंडलपुर वैशाली में हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस दिन महावीर जयंती (महावीर जन्म का उत्सव) मनाई जाती है। इस बार महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) 25 अप्रैल 2021 दिन रविवार को मनाई जाएगी। जैन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह पर्व बहुत खास होता है। 72 वर्ष की आयु में उन्हें पावापुरी से मोक्ष की प्राप्ति हुई. पावापुरी भारत के बिहार राज्य के नालंदा जिले में राजगीर और बोधगया के समीप स्थित एक शहर है

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महावीर भगवान के जन्म के पावन अवसर को महावीर स्वामी की जयंती या जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है। इस दिन जैन मंदिरों में प्रार्थना और पूजा की जाती है। जैन समुदाय के द्वारा भगवान महावीर की झांकियां निकाली जाती हैं। लोग उनकी बताई गई शिक्षाओं का स्मरण करते हैं। जानिए इस दिन का महत्व और कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती।

कब मनाई जाती है ये जयंती ? :

Mahavir Jayanti
Mahavir Jayanti

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में आने वाले शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को यह दिन मनाया जाता है। सनातन धर्म में माना जाता है कि इसी दिन उनका जन्म हुआ था। यह त्योहार मार्च या अप्रैल महीने में आता है। इसे भगवान महावीर का जन्म मानकर मनाया जाता है। इस दिन महावीर जी को प्रसन्न करने के लिए शोभायात्रा निकाली जाती है और इनका पूजन किया जाता है।

महावीर जी ने अपने जीवनकाल में लोगों को हमेशा सत्य का साथ देने के लिए लिए लोगों को प्रेरित करते थे। महावीर जयंती अस्तेय और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत का ज्ञान देने वाला दिवस है। इसके अलावा, लोग महावीर और जैन धर्म से संबंधित पुरातन स्थानों पर भी जाते हैं. गोमतेश्वर, दिलवाड़ा, रणकपुर, सोनागिरि और शिखरजी जैन धर्म के कुछ सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक हैं.

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भगवान महावीर का बचपन और जीवन :

महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 599 साल पहले एक राज परिवार में बिहार के कुंडग्राम/कुंडलपुर वैशाली में एक छत्रिय परिवार में भगवान महावीर ने जन्म लिया था। बचपन में भगवान महावीर का नाम ‘वर्धमान’ था। इनके पिता महाराज ‘सिद्धार्थ’ और माता का नाम ‘त्रिशला’ था। एक राजा के पुत्र होने पर भी युद्ध के बारे में उनका विचार भिन्न था। वे विलासिता, क्रोध, मोह और लोभ पर विजय प्राप्त करने को ही सही विजय मानते थे।

महावीर ने कलिंग के राजा की बेटी यशोदा से शादी भी की ये जैसे बड़े होते गए इनका ध्यान समाज में फैली बुराईयों, रूढ़िवादिता, निर्धनता, अन्याय और लोगों के दुखों की ओर जाने लगा, जिससे इनके भीतर एक कोलाहल सा उत्पन्न होने लगा और महज 30 वर्ष की आयु में ही इन्होंने राज पाट का त्याग कर दिया था और अपने घर वार को छोड़कर ज्ञान प्राप्ति (सत्य की खोज) के लिए जंगलों में चले गए।

Mahavir Jayanti 2021
Mahavir Jayanti 2021

यहां पर इन्होंने 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया। इन्होंने कठोर तप से सभी इच्छाओं और विकारों पर काबू पा लिया था। कहा जाता है कि उन्होंने अपने बचपन में एक भयानक जहरीले सांप पर बिना भयभीत हुए ही नियंत्रण पा लिया था। तभी से उन्हें महावीर नाम से बुलाया जाने लगा।

कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती? :

जैन धर्म के लोगों के लिए यह सबसे प्रमुख पर्व है। जैनी इस पर्व को काफी हर्षो-उल्लास से मनाते हैं। महावीर जयंती के दिन दुनिया भर से लोग भारत के जैन मंदिरों में दर्शन करने के लिए आते हैं. जैन समाज प्रातःकाल उठकर स्नान-ध्यान के पश्चात महावीर जी की प्रतिमा को जल और सुगंधित तेलों से धोते हैं. इस दिन जैन मंदिरों में महावीर की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मूर्ति को एक रथ पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है। इस यात्रा में जैन धर्म के अनुयायी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस दिन कई जगहों पर मांस और शराब की दुकानें बंद रहती हैं।

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भगवान महावीर के उपदेश :

  • अहिंसा : इस लोक में जितने भी त्रस जीव (एक, दो, तीन, चार और पाँच इंद्रिय वाले जीव) आदि की हिंसा नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने रास्ते पर जाने से नहीं रोकना चाहिए। उन सब के प्रति सामान भाव रखना चाहिए। साथ ही उनकी रक्षा करनी चाहिए। ये अहिंसा के संदेश भगवान महावीर अपने उपदेशों से हमें देते हैं। अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है।  
  • धर्म : धर्म सबसे उत्तम मंगल है। अहिंसा, संयम और तप ही धर्म है। महावीर स्वामी के अनुसार जिसक मन में सदैव धर्म रहता है और जो धर्म के मार्ग पर चलता है देवता भी उसे नमस्कार करते हैं। अहिंसा, तप और संयम ही धर्म है।
  • क्षमा : क्षमा के बारे में भगवान महावीर कहते हैं- ‘मैं सब जीवों से क्षमा चाहता हूँ। जगत के सभी जीवों के प्रति मेरा मैत्रीभाव है। मेरा किसी से वैर नहीं है। मैं सच्चे हृदय से धर्म में स्थिर हुआ हूँ। सब जीवों से मैं सारे अपराधों की क्षमा माँगता हूँ। सब जीवों ने मेरे प्रति जो अपराध किए हैं, उन्हें मैं क्षमा करता हूँ।’
  • सत्य : सत्य के बारे में भगवान महावीर का कहना है कि मनुष्य को सत्य को सच्चा तत्व समझना चाहिए। सत्य के संबंध में भगवान महावीर ने कहा कि जो बुद्धिमान मनुष्य सत्य की ही आज्ञा में ही रहता है वह मृत्यु को तैरकर पार कर जाता है।
  • अपरिग्रह : भगवान महावीर ने अपरिग्रह के बारे में कहा कि जो मनुष्य निर्जीव चीजों का संग्रह करता है वह दूसरों से ऐसा संग्रह करवाता है या दूसरों को ऐसा संग्रह करने की सहमति देता है। ऐसे व्यक्ति को दुखों से भी कभी छुटकारा नहीं मिल सकता है। भगवान महावीर ने ये संदेश अपरिग्रह के माध्यम से दुनिया को देना चाहा।
Mahavir Jayanti 2021
Mahavir Jayanti 2021

श्री महावीर जी की आरती :

  • ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु,
  • कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो, ॐ जय महावीर…
  • सिद्धार्थ घर जन्में, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी,
  • बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तपधारी, ॐ जय महावीर…
  • आतम ज्ञान विरागी, समदृष्टि धारी,
  • माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति धारी, ॐ जय महावीर…
  • जग में पाठ अहिंसा, आप ही विस्तारयो,
  • हिंसा पाप मिटा कार, सुधर्म परिचारयो, ॐ जय महावीर…
  • यही विधि चाँदनपुर में, अतिशय दर्शायो,
  • ग्वाल मनोरथ पूरयो, दूध गाय पायो, ॐ जय महावीर…
  • प्राणदान मंत्री को, तुमने प्रभु दीना,
  • मंदिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना, ॐ जय महावीर…
  • जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी,
  • एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी, ॐ जय महावीर…
  • जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर जावे, धन,
  • सुत सब कुछ पावै, संकट मिट जावै, ॐ जय महावीर…
  • निश दिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योति जले,
  • हरि प्रसाद चरणों में, आनंद मोद भरै, ॐ जय महावीर..

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