हेल्लो दोस्तों हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार करवाचौथ का व्रत विशेष रूप से सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। लेकिन इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए रख सकती है। इसके साथ ही साथ जिन लड़कियों की जल्द शादी होने वाली है उनके द्वारा भी इस व्रत को रखना विशेष फलदायी माना जाता है। हालांकि कुंवारी लड़कियों के लिए इस व्रत को रखने के नियम काफी अलग हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि, करवाचौथ का व्रत कुंवारी लड़कियां किस प्रकार से रखें। Karwa Chauth For Unmarried Girls
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इस व्रत को सुहागिन स्त्रियों द्वारा रखने से उनके पति की उम्र लंबी होती है उसी प्रकार से कुंवारी लड़कियों द्वारा इस व्रत को रखने से उन्हें मनचाहा वर मिलता है। इसके साथ ही साथ कुंवारी लड़कियां यदि इस व्रत को नियमपूर्वक रखती हैं तो शादी में आने वाली बाधाएं और समस्याओं का भी अंत होता है। लेकिन यदि इस व्रत को कुंवारी लड़कियां रखती हैं तो उन्हें विशेष रूप से कुछ नियमों का पालन भी अवश्य करना चाहिए। आइये जानते हैं कुंवारी लड़कियों को करवाचौथ का व्रत किस प्रकार से रखना चाहिए।

विषयसूची :
चाँद की जगह तारों की पूजा –
साथ ही कुंवारी लड़कियां सुयोग्य वर की इच्छा से भी ये व्रत रख सकती हैं। बस ख्याल रहे वो चांद की जगह तारों को देखकर व्रत खोलें। कुंवारी लड़कियों को सीधे-सादे ढंग से व्रत रखना चाहिए। उन्हें बड़े आडंबर की जरूरत नहीं होती जैसा कि सुहागिनों को होता है। हां, ये चाहें तो सुहागिनों के साथ पूजा में शामिल होकर अपना व्रत पूरा कर सकती हैं। इन्हें चलनी में चांद देखने की ज़रुरत नहीं है।
यूं तो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से इस पर्व को मनाया जाता है, लेकिन सभी महिलाएं मेहंदी जरूर लगाती हैं। कुंवारी लड़कियां भी सुहागिनों की तरह मेहंदी लगाते हुए हाथ पर अपने प्रेमी या मंगेतर का नाम लिखवा सकती हैं।
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प्रेमी और मंगेतर के लिए व्रत –
ज्यादातर कुंवारी लड़कियां अपने प्रेमी और मंगेतर के लिए व्रत करती हैं। पर अगर आपका कोई अभी किसी से कोई रिश्ता नहीं बना है तो भी आप अपने भावी पति का ख्याल कर व्रत रख सकती हैं। वहीं, अविवाहित लड़कियों को भी करवाचौथ व्रत का पालन सामान्य नियम के अनुसार ही करना होता है लेकिन पूजा करते समय कुछ बातें बदल जाती हैं। विद्वानों के अनुसार, कुंवारी लड़कियां भी करवाचौथ का व्रत रख सकती हैं। इससे करवामाता का आशीर्वाद ही मिलेगा, कोई नुकसान नहीं होगा।

कुंवारी लड़कियां ध्यान रखें ये बातें –
- सुहागिन स्त्रियों की तरह कुंवारी लड़कियों को करवाचौथ का व्रत निर्जला नहीं रखना चाहिए। ये व्रत लड़कियों द्वारा निराहार रखा जाना चाहिए ना की निर्जला।
- करवाचौथ की मेहँदी को ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है। कुंवारी लड़कियों को खासतौर से इस दिन किसी विवाहित स्त्री के हाथों की मेहँदी लगानी चाहिए। ऐसा करने से उनका मनचाहा साथी उन्हें जल्द मिलता है।
- करवाचौथ के दिन व्रती कुंवारी लड़कियों को सुहागिन स्त्रियों की तरह श्रृंगार करना निषेध माना जाता है। इस दिन लड़कियों को विशेष रूप से नए कपड़े धारण कर उन्हें सादगी पूर्वक बिना किसी श्रृंगार के व्रत रखना चाहिए।
- लड़कियों को करवाचौथ के दिन विशेष रूप से सुबह के वक़्त शिव जी और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए और शाम के वक़्त करवा पूजन में भाग लेना चाहिए।
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- जिन लड़कियों की शादी तय नहीं है उन्हें अपना व्रत शाम के वक़्त चाँद को अर्घ ना देकर तारों को अर्घ देकर खोलना चाहिए।
- दूसरी तरफ जिन लड़कियों की शादी तय हो चुकी है वो शाम के वक़्त चाँद को अर्घ देकर होने वाले पति की फोटो या सूरत देखकर अपना व्रत खोल सकती हैं।
- करवाचौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को विशेष रूप से माता पार्वती और शिव जी को मीठे पकवान का भोग लगाना चाहिए और अपना व्रत भी इसी भोग के साथ खोलना चाहिए।
- चूँकि कुंवारी लड़कियों को सरगी नहीं मिलती इसलिए उन्हें इस दिन किसी को भी सुहाग की चीज़ें नहीं देनी चाहिए।
- इस दिन व्रत कुंवारी लड़कियों को मुख्य रूप से तारे देखने के लिए छलनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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