श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) या श्रावणी तीज कहते हैं. आमतौर पर हरियाली तीज हर साल अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक जुलाई या अगस्त माह में मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज 31 जुलाई यानी रविवार के दिन मनाई जाएगी. महिलाए पेड़ों पर झूला झूलते हुए मधुर गीत गाती हैं। Hariyali Teej Vrat Pooja Vidhi
तीज का त्योहार सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखती है, सोलह शृंगार करती हैं। माता-पार्वती और शिव जी की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं। कुछ जगह इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है।
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हरियाली तीज तिथि
Hariyali Teej Date : किसी भी शुभ काम या पूजा पाठ आराधना के लिए यह रवि योग बहुत महत्वपूर्ण होता है, साथ ही शुभ फलदायी भी होता है. इस बार हरियाली तीज पर रवि योग बन रहा है. यह योग 31 जुलाई को दोपहर में 2:20 से शुरू होगा और अगले दिन 6 बजे तक रहेगा.
यदि आप अपनी पूजा पाठ इस शुभ रवि योग में करेंगे तो आपको इस योग का पुण्य फल जरूर प्राप्त होगा. इस हरियाली तीज में मां पार्वती और भगवान शिव की पू़जा की जाती है. इसमें आपको शुद्ध मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग बनाना चाहिए और साथ-साथ मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमा भी स्थापित करनी चाहिए.

हरियाली तीज पूजा विधि
Hariyali Teej Pooja Vidhi : हरियाली तीज के दिन सुबह उठ कर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें, उसके बाद भगवान के समक्ष मन में पूजा, व्रत करने का संकल्प लें। पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करने के बाद तोरण से मंडप सजाएं। एक चौकी या पटरी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा के साथ उनकी सखियों की प्रतिमा भी बनाएं।
शृंगार का सामान माता पार्वती को अर्पित करें। फिर प्रतिमाओं के सम्मुख आवाह्न करें। माता-पार्वती, शिव जी और उनके साथ गणेश जी की पूजा करें। शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनें। उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप भी कर सकती हैं।
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सौभाग्य मंत्र का अंत में करना चाहिए जाप
‘हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया और मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।’
अखंड सुहाग और सौभाग्य के लिए सुहागिनों को पूजा के अंत में इस दो मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
हरियाली तीज पौराणिक कथा
Hariyali Teej Katha : हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षो की साधना के पश्चात भगवान शिव से मिली थी। हरियाली तीज की पौराणिक कथा के अनुसार 1 दिन भगवान शिव माता पार्वती को अपने मिलन की कथा सुनाते हैं और बताते हैं पार्वती तुमने मुझे अपने पति रूप में पाने के लिए तो 107 बार जन्म लिया, लेकिन मुझे पति के रूप में नहीं पा सकी तो तुमने 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया और पर्वत पर मुझे पाने के लिए घोर तपस्या की थी।

भोलेनाथ ने बताया कि उस दौरान तुमने अन-जल त्याग कर, सूखे पत्ते का आहार ग्रहण करके दिन बिताए थे। शिव ने माता पार्वती से कहा कि तमाम अर्चने आए लेकिन तुम्हारे तप में बाधा नहीं पहुंची। उन्होंने बताया कि तुम एक गुफा के भीतर पूरी श्रद्धा और निष्ठा से मेरी आराधना में लगी थी। उन्होंने मां पार्वती से कहा कि उस दौरान तुमने सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रेत से शिवलिंग का निर्माण कर मेरी आराधना की थी और उसी से प्रसन्न होकर मैंने तुम्हारी मनोकामना पूरी की।
भगवान शिव ने बताया कि तभी तुम्हारे पिताजी तुम्हें लेने पहुंचे और तुमने उनसे कहा कि पिताजी मैंने घोर तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया है, उन्होंने मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर मुझे स्वीकार कर लिया है और मैं आपके साथ एक ही शर्त पर चलूंगी की आप मेरा विवाह भोलेनाथ के साथ ही करेंगे। भगवान शिव ने बताया कि इसके बाद पर्वतराज ने तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर लिया और तुम्हें वापस घर ले गए और कुछ ही समय बाद उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ हमारा विवाह किया।
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हरियाली तीज का महत्व
Hariyali Teej Ka Mahatva : तीज राजस्थान, हरयाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और उनके वैवाहिक जीवन के लिए उपवास करती हैं।
हाथों पर सुंदर मेहंदी और सोलह श्रृंगार के साथ वह देवी पार्वती की पूजा करती हैं और हरियाली तीज के गीत गाती हैं। एक साथ मिलकर महिलाएं ये पूजा करती हैं और इसके बाद झूला झूलते हुए गीत गाती हैं।
हरियाली तीज देवी पार्वती की पूजा और भगवान शिव के साथ उनके पवित्र मिलन के लिए समर्पित है। तीज के दिन महिलाएं अपने परिवार के लिए दाल, पुलाव और रसेदार सब्जियों के साथ पापड़ जरूर बनाती हैं। साथ ही इस दिन घेवर जरूर बनाया जाता है। पूजा के बाद घेवर को एक दूसरे के घर बांटा भी जाता है।
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