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हेल्लो दोस्तों हिंदू धर्म में हर माह आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को बहुत ही ज्यादा माना जाता है। किसानों के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि आषाढ़ माह में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु शुरू हो जाती है और धरती भी नम हो जाती है। फसल बोने का यह सबसे अच्छा समय है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहते हैं।
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हलहरिणी अमावस्या के दिन हल की पूजा इसी का प्रतीक है। इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान की पूजा, पूजा और धन्यवाद से करनी चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं का भी उचित सम्मान करना चाहिए। इस दिन किसान विधि विधान से हल की पूजा करते हैं और हरी फसल की कामना करते हैं ताकि घर में कभी भी अन्न और धन की कमी न हो।
कहते हैं कि इस दिन हल पूजा और पुश्तैनी पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पितृ दोष निवारण के उपाय करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों की संतुष्टी मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। किसानों द्वारा इस दिन कृषि उपकरणों का पूजन किया जाता है और साथ ही फसलों की बुवाई के लिए यह दिन खास होता है। इस दिन विशेषकर माता धरती से अच्छी फसल के उत्पादन के लिए प्रार्थना की जाती है साथ ही सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य की उपासना होती है।

अच्छी बारिश के लिए इस दिन इंद्र देव को प्रसन्न किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन पूजा पाठ करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं तो आइए जानते हैं हलहारिणी अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि और महत्त्व के बारे में।
आषाढ़ी अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त
Halharini Amavasya Shubh Muhurt
- आषाढ़ी हलहारिणी अमावस्या तिथि – 28 जून, मंगलवार।
- अमावस्या तिथि का प्रारंभ – 28 जून, मंगलवार, प्रातः काल 5 बजकर 33 मिनट से शुरू।
- अमावस्या तिथि का समाप्त – 29 जून, बुधवार, प्रातः काल 8 बजकर 23 मिनट पर होगा।
- स्नान-दान की अमावस्या – 29 जून को मनाई जाएगी।
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हलहारिणी अमावस्या पूजा विधि
Halharini Amavasya Poojan Vidhi
- इस दिन प्रातः काल नदी, तालाब या नल पर स्नान करके सूर्य देव को तांबे के लोटे में फूल और अक्षत लेकर अर्घ्य देना चाहिए।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है लेकिन यदि संभव हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करके पितरों का तर्पण करें और उपवास रखें।
- आषाढ़ अमावस्या के शुभ दिन पितृ तर्पण करने या श्राद्धकर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आषाढ़ी अमावस्या के दिन यज्ञ भी किया जाता है।
- व्रत के उपरांत गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और यथाशक्ति दान दें।
- इस दिन चीटियों को आटा खिलाने से भी मन की शांति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है।
- इस दिन जरूरतमंदों को अनाज या वस्त्र दान करने वाले व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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किसानों के लिए क्यों है खास
Halharini Amavasya Vrat Kyo Hai Khas
आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पूजा, स्नान और दान की परंपरा है. इसके अलावा इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं. किसानों के लिए भी हलहारिणी अमावस्या का खास महत्त्व होता है.
दरअसल इस दिन किसानअपने बैलों को खेतों में काम करने के लिए नहीं लगाते हैं, बल्कि वे उन्हें चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं. इसके अलावा इस दिन किसान व्रत रखकर कृषि कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों (औजारों) की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन से वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाती है. ऐसे में लोग खेतों में अच्छी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.
पौधा लगाने से पितृ होते हैं खुश
इस दिन किसान हल की पूजा करते हैं और कोई नया पौधा लगाने को भी शुभ मानते हैं। इस दिन पौधा लगाने से पितृ गण खुश होते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को इस दिन एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। अगर आपके पितृ खुश रहेंगे तो आपके ऊपर उनकी असीम कृपा बनी रहेगी और आप धन धान्य से फलते फूलते रहेंगे ! कभी किसी काम में कोई परेशानी या व्यवधान नहीं आएगा !

हलहारिणी अमावस्या पर करें ये उपाय
Halharini Amavasya Vrat Par karen Ye Upay
- इस दिन किसी भी पवित्र नदी के जल से स्नान करना चाहिए।
- अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को अनाज और वस्त्रों का दान करें।
- अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलिया बनाकर किसी तलाब में मछलियों को खिलाने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
- इस दिन रुद्राभिषेक, पितृदोष शांति पूजन और शनि उपाय करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं और जीवन के सभी कष्टों को दूर हो जाते हैं।
- इस दिन घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाने से शुभ फलदायी माना जाता है।
- हलहारिणी अमावस्या के दिन खेती से जुड़े औजारों और यंत्रों की पूजा से सुख-समृद्धि आती है।
- हलहारिणी अमावस्या के दिन काली चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्म का क्षय होगा और कामना पूरी होगी।
- काल सर्प दोष के निवारण के लिए चांदी के बने नाग नागिन की पूजा करके उसे सफेद पुष्प के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित करें। कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाएगा।
- अपने शत्रुओं को पराजित करने के लिए अमावस्या की रात्रि में काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं अगर कुत्ता रोटी उसी समय खा लेता है तो शत्रु उसी समय से शांत होने शुरू हो जाएंगे।
- आषाढ़ अमावस्या पर भगवान सूर्य, भगवान शिव, माता गौरी और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए।
- अमावस्या की रात बहते नदी के पानी में 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये छोड़ दें। इस उपाय से धन लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे।
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अमावस्या के दिन करें ये दान
Halharini Amavasya Ko Karen Ye Daan
अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या के दिन मुख्यत: तिल, तेल, चावल, चद्दर, छाता, चना, खिचड़ी, पुस्तक, साबूदाना, मिठाई, चने की दाल, अन्न, वस्त्र, रुई, उड़द की दाल आदि का दान दिया जाता है।
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अमावस्या पर न करें ये काम
Halharini Amavasya Par Na Karen Ye Kaam
- आषाढ़ अमावस्या पर भूलकर सूर्योदय के बाद देर तक नहीं सोना चाहिए।
- अमावस्या के दिन भूलकर भी किसी बुजुर्ग, गरीब या कमजोर व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए।
- इस दिन किसी की निंदा या आलोचना नहीं करना चाहिए और न ही कठोर शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
- इस दिन भूलकर भी श्मशान घाट, सुनसान जंगल, लंबे समय से खाली पड़े घर या कमरे आदि में नहीं जाना चाहिए।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन तामसिक चीज़ों जैसे मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- इस दिन जप तप करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए साथ ही शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
- इस दिन घर की साफ सफाई करना चाहिए साथ ही शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

हलहारिणी अमावस्या का महत्व
Halharini Amavasya Ka Mahatv
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या तिथि धार्मिक कार्य करने के लिए बेहद खास मानी जाती है। हर साल बारह अमावस्या आती हैं और हर अमावस्या खास मानी जाती हैं, लेकिन आषाढ़ मास की अमावस्या (Ashadh Amavasya) को पितरों के निमित्त तर्पण के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यह अमावस्या किसानों के लिए भी खास होती है। इस दिन किसान कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली उपकरणों की पूजा करते हैं, साथ ही भगवान से अच्छे फसल आने के लिए प्रार्थना करते हैं। यही कारण है कि आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2022) भी कहते हैं। इस दिन गंगा नदी में स्नान के बाद दान भी किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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