क्यों मनाई जाती है गुप्त नवरात्रि 2023 ? जानिये व्रत नियम | Gupt Navratri Vrat Niyam

हिन्दू धर्म साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार सामान्य नवरात्रि. जिसमें से माघ और आषाढ़ मास में पड़ने वाली दोनो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रि के 9 दिन सबसे शुभ माने जाते हैं. इस बार माघ की गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी 2023, रविवार से शुरू होगी और इसका समापन 30 जनवरी 2023 को होगा.

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जानें क्यों मनाई जाती है गुप्त नवरात्रि | Gupt Navratri kyu manate hain

कहा जाता है कि इन देवियों की पूजा शारदीय और चैत्र नवरात्रों की तरह सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती। बल्कि इन नौ दिनों तक गुप्त रूप से मां दुर्गा के 10 स्वरूपों की पूजा होती है। इसलिए इन नवरात्रों का नाम गुप्त नवरात्र पड़ा। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रों में देर रात में गुप्त रूप से पूजा करनी चाहिए। गुप्त नवरात्रि के दिनों में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस नवरात्रि में गुप्त विद्या की सिद्धी हेतु साधना की जाती है। इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है। जो गुप्त रूप से होती है। इसी लिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

Gupt Navratri date time puja vidhi
Gupt Navratri Vrat Niyam

मां के दस महाविद्याओं के नाम | Ten Mahavidyas of Maa Bhagwati

  • पहली माघ गुप्त नवरात्रि पर मां काली की पूजा होती है।
  • दूसरी माघ गुप्त नवरात्रि पर मां तारा की पूजा होती है।
  • तीसरी माघ गुप्त नवरात्रि पर मां षोडशी की पूजा होती है।
  • चौथी माघ गुप्त नवरात्रि पर मां भुवनेश्वरी की पूजा होती है।
  • पांचवीं माघ गुप्त नवरात्रि पर मां भैरवी की पूजा होती है।
  • छठी माघ गुप्त नवरात्रि पर मां छिन्नमस्ता की पूजा होती है।
  • सातवीं माघ गुप्त नवरात्रि मां धूमावती की पूजा होती है।
  • आठवीं माघ गुप्त नवरात्रि पर मां बगलामुखी की पूजा होती है
  • नौ वे दिन माघ गुप्त नवरात्रि पर मां मांतगी और मां कमला की पूजा होती है।

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गुप्त नवरात्रि 2023 के व्रत नियम | Gupt Navratri Vrat Niyam

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए.
  • मां दर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए. जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं.
  • नवरात्रि के दिनों में घर में कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है.
  • इन दिनों स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए. नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
  • नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए और ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते पहनने चाहिए.
  • मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए. नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए.
  • घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए.

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