साल में कुल 4 बार नवरात्रि आती हैं। जिसमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रमुख रूप से मनाई जाती है। वहीं माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022 Date and Muhurat) के नाम से जानी जाती हैं। पंचांग के अनुसार माघ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी से होने जा रही है जिसकी समाप्ति 10 फरवरी को होगी। इस दौरान मां दुर्गा की सात्विक और तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि पर इस बार रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है. मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इस साल नौका (नाव)पर सवार होकर माँ शक्ति स्वरूपा आएंगी और गमन हाथी पर होगा.
पौराणिक काल से ही लोगों की आस्था गुप्त नवरात्रि में रही है. गुप्त नवरात्रि में शक्ति की उपासना की जाती है ताकि जीवन तनाव मुक्त रहे. माना जाता है कि इस दौरान माँ शक्ति के खास मंत्रों के जाप से किसी भी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है या किसी सिद्धि को हासिल किया जा सकता है. सिद्धि के लिए ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ॐ क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं, मनुष्यो मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा आदि विशेष मंत्रों का जप किया जा सकता है. इस दौरान कलश स्थापना कर पूजा कर सकते हैं. ज्यादातर साधक गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक साधना करते हैं.
गुप्त नवरात्रि 2022 घटस्थापना शुभ मुहूर्त:-
कलश स्थापना मुहूर्त : सुबह 06:33 से 09:32 तक
अभिजीत मुहूर्त : पूर्वाह्न 11:25 से 12:35 तक
जिस तरह चैत्र और शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. उसी प्रकार माघी गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या की उपासना की जाती है. गुप्त नवरात्रि की अवधि में साधक श्यामा (काली), तारिणी (तारा), षोडशी (त्रिपुर सुंदरी), देवी भुवनेश्वरी, देवी छिन्नमस्ता, देवी धूमवाती, देवी बागलमुखी, माता मतंगी और देवी लक्ष्मी (कमला) की आराधना करते हैं. चूंकि इस नवरात्रि में दस महाविद्या की उपासना गुप्त रूप से होती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि का नाम दिया गया है.

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा:
इस दौरान मां दुर्गा की पूजा रात के समय की जाती है। पूजा के समय माता को लाल रंग का सिंदूर और चुनरी जरूर अर्पित करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। अंत में माता की आरती उतारकर उन्हें भोग लगाएं। संभव हो तो दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें।
शीघ्र मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये उपाय:
मां दुर्गा और महाविद्याओं का स्मरण करते हुए एक स्वच्छ मिट्टी का घड़ा लें। उसमें सप्त धान के थोड़े से दाने, 1 रुपए या चांदी का सिक्का डालें। फिर उस कलश को पानी स भर दें और उसमें थोड़ा गंगाजल भी डाल दें। कलश के अंदर सुपारी, पूजा बादाम और हल्दी की गांठ भी डाल दें। फिर उस पर कुंकुं अबीर और चावल छिड़कें। फिर इस कलश को ढक दें। उस पर नारियल रखें और नारियल पर कलावा बांध दें। फिर कलश की विधिवत पूजा करें।
फिर कलश के सामने हाथ जोड़ कर 10 महाविद्याओं का स्मरण करें और अपनी मनोकामना कह दें। जब पूजा से उठें तो आन को प्रणाम कर आसन साथ में उठाएं। ऐसा नौ दिन की गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन करें। फिर नौवें दिन कलश का का जल अपने और अपने पूरे परिवार के ऊपर छिड़कें। बचा हुआ जल पीपल या फिर तुलसी के पेड़ में डाल दें। कलश की पूजन सामग्री से जो सिक्का आपने उसमें डाला था वो अपने पास रख लें। बाकी सभी चीजें विसर्जित कर दें। नवरात्रि के अंतिम दिन कलश उठाने से पहले 108 बार अपनी कामना बोलें। कहते हैं इस उपाय को करने से धन संबंधी, विवाह संबंधी किसी भी प्रकार की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

धन प्राप्ति के उपाय :
आर्थिक लाभ के लिए गुप्त नवरात्रि के सभी दिन पीपल के पेड़ के पत्ते पर राम का नाम लिखें और उन्हें हनुमान मंदिर में अर्पित करें। मान्यता है ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगता है। हर काम में सफलता पाने के लिए भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिव और मां पार्वती पर दूध से अभिषेक करें और पंचोपचार उनकी पूजा करें। अब मौली से भोलेनाथ और मां पार्वती के मध्य गठबंधन करें। लाल चंदन की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र- ‘हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया, तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तां सुदुर्लभाम.’
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरूआत रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग से हो रही है. जिसमें माता की उपासना से कई गुना अधिक फल मिलता है. इसके अलावा गुप्त नवरात्रि में कुछ उपाय करने से धन प्राप्ति होती है.