आज गोपाष्टमी पर इस तरह करें पूजन तो मिलेगा सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद

Gopashtami muhurat pooja vidhi mahatva : हिंदू धर्म में गोपाष्टमी पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन गौ माता और उनके बछड़ों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. ये त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. ये मथुरा, वृंदावन समेत ब्रज क्षेत्रों का प्रसिद्ध त्योहार है.

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गौ माता का पूजन करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए इस दिन गायों की पूजा करना बेहद शुभ और फलदायी है जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

गोपाष्टमी पूजा का शुभ मुहुर्त

Gopashtami 2022 Puja Shubh Muhurat

एक नवंबर सुबह 1 बजकर 11 मिनट पर अष्टमी तिथि की शुरुआत हो गई है और ये रात 11 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगी. राहुकाल को छोड़कर दिन में कभी भी गोपाष्टमी का पूजन किया जा सकता है. हालांकि अभिजित मुहूर्त पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है. अभिजित मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

Gopashtami muhurat pooja vidhi mahatva
Gopashtami muhurat pooja vidhi mahatva

गोपाष्टमी 2022 पर ऐसे करें पूजा

Gopashtami 2022 Puja Vidhi

  • गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं और मंदिर की सफाई करें.
  • इसके बाद मंदिर में गाय माता की बछड़े के साथ एक तस्वीर लगाएं और घी का दीपक जलाएं.
  • इसके बाद फूल अर्पित करें. इस दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाना चाहिए और उनके चरण स्पर्श करने चाहिए.
  • अगर आपको अपने घर के आसपास गाय ना मिले तो गौशाला में जाकर गाय की सेवा कर सकते हैं.
  • पूजा के लिए सबसे पहले गाय स्नान कराएं और रोली-चंदन से उनका तिलक करें.
  • उन्हें फूल चढ़ाएं और भोग लगाएं. इस दिन गाय को चारे के साथ ही गुड़ का भी भोग लगाएं. इससे सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है.

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गोपाष्टमी पर करें ये उपाय

Gopashtami 2022 Upay

  • यदि पितृ दोष हो तो प्रतिदिन या अमावस्या को गाय को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है।
  • यदि बुरे स्वप्न दिखाई दें तो मनुष्य गौ माता का नाम लें, बुरे स्वप्न दिखने बंद हो जाएंगे।
  • प्रात:काल के भोजन में से एक रोटी सफेद रंग की गाय को खिलाने से शुक्र का नीचत्व एवं शुक्र संबंधी कुदोष स्वत: समाप्त हो जाता है।
  • देशी गाय की पीठ पर जो ककुद् (कूबड़) होता है, वह ‘बृहस्पति’ (गुरु) है। अत: गुड़ तथा चने की दाल रखकर गाय को रोटी भी दें।
  • यदि रास्ते में जाते समय गौ माता आती हुई दिखाई दें तो उन्हें अपने दाहिने ओर से जाने देना चाहिए, यात्रा सफल होगी।
  • जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तु दोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
  • यदि यात्रा के प्रारंभ में गाय सामने दिख जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने दिखाई दें तो यात्रा सफल होती है।
Gopashtami muhurat pooja vidhi mahatva
Gopashtami muhurat pooja vidhi mahatva

गोपाष्टमी 2022 का महत्व

Gopashtami 2022 Pooja Mahatva

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा के दिन अपनी कनिष्ठा (छोटी उंगली) पर गोवर्धन पहाड़ी को उठा लिया था जिसके नीचे सभी ब्रजवासियों ने बाढ़ से बचने के लिए शरण ली थी. ब्रज क्षेत्र में सात दिनों की निरंतर बाढ़ के बाद भगवान इंद्र का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने गोपाष्टमी के दिन ही अपनी हार स्वीकार की थी.

भगवान कृष्ण ने ब्रज के लोगों को भगवान इंद्र को दी जाने वाली वार्षिक भेंट को बंद करने का सुझाव दिया था जिस पर इंद्र नाराज हो गए और क्रोध में उन्होंने ब्रज क्षेत्र में भारी बारिश शुरू कर दी जिसमें सबकुछ बहने लगा. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज के लोगों और वहां के सभी पशुओं की गोवर्धन पहाड़ी के विशाल आवरण के नीचे सात दिन तक सुरक्षा की.

इस दिन गौ माता की विशेष पूजा का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए उनकी पूजा करने से भक्त को सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गोपाष्टमी 2022 मंत्र का जाप

Gopashtami 2022 Puja Mantra

सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता ।
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ।।
तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते ।
मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी ।।

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