गंगा सप्तमी 2023 के दिन ज़रूर करें ये 5 चमत्कारी उपाय | Ganga Saptami Upay

मां गंगा के प्राकट्य दिवस को गंगा सप्तमी और गंगा जयंती के नाम से जाना जाता है. हर साल ये पर्व वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. मां गंगा को हिंदू धर्म में पूज्यनीय माना गया है. मान्यता है कि गंगा स्नान करने मात्र से व्यक्ति के अनेक पाप मिट जाते हैं. गंगा को मोक्षदायिनी भी माना जाता है. मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान व गंगा पूजन करने से अतीत के भी सारे पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को तमाम दुखों से मुक्ति मिलती है. ganga saptami upay

मै आपको बताउंगी गंगा सप्तमी के दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में जिससे आप माँ गंगा की कृपा प्राप्त कर अपने सभी बुरे कर्मों से मुक्त हो सकते हैं.

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पहला उपाय

कहा जाता है कि मां गंगा के वेग को साधने के लिए शिव ने उन्हें अपनी जटाओंं में धार​ण किया है और एक जटा खोलकर उन्हें धरती पर छोड़ा. इसलिए गंगा सप्तमी के दिन शिव का भी पूजन करना चाहिए. गंगा सप्तमी के दिन लोटे में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेलपत्र डालें। इसे भगवान शिवलिंग एक धारा से यह गंगाजल ओम नम: शिवाय का जाप करते हुए अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाएं। कहते हैं कि इस उपाय से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। व्यक्ति को रोजगार में नए अवसरों की प्राप्ति होती है।

दूसरा उपाय

अगर आप अपनी कोई विशेष मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो गंगा सप्तमी के दिन घर में पूजा के स्थान पर गंगा जल से भरी कटोरी रखें. मां गंगा की विधि विधान से पूजा करें. गाय के घी का दीपक जलाएं और मंत्र व आरती करें. भोग लगाएं और मां के समक्ष अपनी मनोकामना कहें और इसे पूर्ण करने का आग्रह करें. इसके बाद गंगा जल का छिड़काव पूरे घर में करें. इससे आपकी मनोकामना पूरी होती है और घर की नकारात्मकता दूर होती है.

तीसरा उपाय

अगर गंगा सप्तमी के दिन प्रातः स्नान न कर पाएं तो शाम के समय स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाएं। मगर ध्यान रहे इस दौरान मन में किसी प्रकार का छल या कपट नही आना चाहिए। इसके अलावा इस बात का भी खास ध्यान रखें कि इस दिन ऐसा आचरण न रखें, जो धर्म के विरुद्ध हो। गंगा स्नान के बाद गंगा लहरी और गंगा स्त्रोत का पाठ अवश्य कीजिये। मान्यता है इससे आपको मां भागीरथी का आशीर्वाद जरुर मिलता है ।

Ganga Saptami Vrat
Ganga Saptami Upay

चौथा उपाय

कहा जाता है कि गंगा सप्तमी का दिन इतना पवित्र है कि इस दिन अगर आप गंगा स्नान करें तो आपके जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और घर में धन धान्य से जुड़ी समस्याओं का अंत होता है. अगर गंगा जल की शरीर पर छींटें भी पड़ जाएं, तो भी तमाम पाप कट जाते हैं. वहीं गंगा स्नान से व्यक्ति को निरोगी काया प्राप्त होती है. अगर आप गंगा घाट न कर पाएं तो गंगा नदी का आवाह्न करके घर में ही किसी पात्र में सामान्य जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें.

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पांचवा उपाय

शास्त्रों में दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. गंगा सप्तमी का दिन इसके लिए श्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें. इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है.

ऐसी मान्यताएं हैं कि गंगा स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है इसलिए लोग गंगा में स्नान करते हैं। परंतु असल में व्यक्ति को अपने मन की मैल को साफ करने के विचार से गंगा स्नान करना चाहिए। इसके अलावा गंगा तट को साफ-सुथरा रखने के प्रयास कीजिये।

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