एकादशी व्रत क्या है, एकादशी कब है, एकादशी व्रत क्यों करते हैं, एकादशी व्रत रखने के फायदे, एकादशी का महत्व, एकदशी व्रत नियम, साल में कितनी एकादशी होती हैं, एकादशी व्रत लिस्ट 2023, ekadashi vrat list 2023, Saal me kitni ekadashi hoti hai, Ekadashi kya hai, Ekadashi vrat kya hai,
हिन्दू धर्मशास्त्रों में शरीर और मन को संतुलित करने के लिए व्रत और उपवास के नियम बनाये गए हैं. तमाम व्रत और उपवासों में सर्वाधिक महत्व एकादशी (Ekadashi Vrat 2023) का है, एकादशी महीने में दो बार आती है। हर पन्द्रह दिन में एक बार यानी पूर्णिमा और अमावस्या के ग्यारवें दिन एकादशी होती है।
एकादशी क्या है
Ekadashi kya hai
हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘ग्यारह’। हर महीने में एकादशी दो बार आती है, एक शुक्ल पक्ष के बाद और दूसरी कृष्ण पक्ष के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। प्रत्येक पक्ष की एकादशी का अपना अलग महत्व है।
एकादशी व्रत क्या है
Ekadashi vrat kya hai
हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन एवं वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत एकादशी व्रत कहलाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था, एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है। कहा जाता है कि जो मनुष्य एकादशी का व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक चले जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार एकादशी (ekadashi vrat) के दिन एक ऐसा कालचक्र होता है जिसमें शरीर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती या फिर बाकि दिनों की अपेक्षा कम भोजन की आवश्यकता होती है। शरीर में खुद ब खुद उर्जा उत्पन्न होती है। वैज्ञानिक तौर पर भी यह प्रमाणित है कि हर 15 दिन में होने वाली एकादशी व्रत की श्रंखला, शरीर पर ऐसा प्रभाव डालती है जिससे अनेक असाध्य बीमारियों से बचाव होता है। एकादशी का व्रत करने से मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में उन्नति होती है।

साल में कितनी एकादशी होती हैं
Saal me kitni ekadashi hoti hai
वैसे तो साल भर में 24 एकादशी आती हैं लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर तीन वर्ष में एक बार अधिक मास आता है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस हिसाब से हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2023 में कुल 26 एकादशी पड़ेंगी। यानी अधिक मास होने के कारण इस बार 2 अतिरिक्त एकादशी पड़ेंगी। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति एकादशी (ekadashi kab hai) का व्रत रखता है उसे जीवन में सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और कोई भी शारीरिक पीड़ा उसे नहीं सताती।
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एकादशी व्रत रखने के फायदे
Ekadashi vrat ke fayde
- एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति निरोगी रहता है। बड़ी से बड़ी असाध्य बीमारी से भी छुटकारा मिलता है।
- भूत-प्रेत, पिशाच और राक्षस योनी से भी छुटकारा मिलता है।
- जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। धन संबंधी मुश्किलों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- मोह माया और बंधनों से मुक्ति मिलती है और जीवन काल में किए गए सभी पापों से छुटकारा मिलता है।
- पुत्र प्राप्ति होती है और भाग्य जागृत होता है।
- एकादशी व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है और हर कार्य में सफलता मिलती है।
- दरिद्रता दूर होती है और शत्रुओं का नाश होता है।
- एकादशी व्रत करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है।
एकादशी का महत्व
Ekadashi Ka Mahatva
पुराणों के अनुसार एकादशी को ‘हरी दिन’ और ‘हरी वासर’ के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को वैष्णव और गैर-वैष्णव दोनों ही समुदायों द्वारा मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी व्रत हवन, यज्ञ, वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक फल देता है। इस व्रत को रखने की एक मान्यता यह भी है कि इससे पूर्वज या पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण में भी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया गया है। जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उनके लिए एकादशी के दिन गेहूं, मसाले और सब्जियां आदि का सेवन वर्जित होता है।
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साल भर में आने वाली एकादशी
Ekadashi vrat list 2023
- पुत्रदा एकादशी – पुत्रदा एकादशी करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होता है। इस साल यह एकादशी पौष शुक्ल पक्ष 2 जनवरी 2023 को है.
- षट्तिला एकादशी – यह एकादशी करने से दुर्भाग्य और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है। इस साल षट्तिला एकादशी माघ कृष्ण पक्ष 18 जनवरी 2023 को है.
- अजा एकादशी – अजा एकादशी करने से संतान पर आने वाले कष्ट दूर होते हैं। इस साल यह एकादशी माघ शुक्ल पक्ष 1 फरवरी 2023 को है.
- विजया एकादशी – विजया एकादशी करने से जीवन की सारी परेशानियों का अंत होता है। इस साल यह एकादशी फाल्गुन कृष्ण पक्ष 16 फरवरी 2023 को है.
- आमलकी एकादशी – आमलकी एकादशी का व्रत सभी रोगों से मुक्त होने के लिए किया जाता है। इस साल यह एकादशी फाल्गुन शुक्ल पक्ष 3 मार्च 2023 को है.
- पापमोचनी एकादशी – पापमोचनी एकादशी करने से जीवन में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिलती है और संकटों का नाश होता है। इस साल यह एकादशी चैत्र कृष्ण पक्ष 18 मार्च 2023 को है.
- कामदा एकादशी – कामदा एकादशी करने से राक्षसों की योनि से छुटकारा मिलता है। इस साल यह एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष 01 अप्रैल 2023 को है.
- वरूथिनी एकादशी – वरूथिनी एकादशी करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है। इस साल यह एकादशी वैशाख कृष्ण पक्ष 16 अप्रैल 2023 को है.
- मोहिनी एकादशी – मोहिनी एकादशी का व्रत विवाह, सुख शांति, और समृद्धि के लिए किया जाता है। इस साल यह एकादशी वैशाख शुक्ल पक्ष 01 मई 2023 को है.
- अपरा /अचला एकादशी – अपरा एकादशी करने से मनुष्य को जीवन में सारी खुशियां प्राप्त होती हैं। इस साल यह एकादशी ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष 15 मई 2023 को है.
- निर्जला एकादशी – निर्जला एकादशी करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं, यह एकादशी निर्जला व्रत रखकर की जाती है। इस साल यह एकादशी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष 31 मई 2023 को है.
- योगिनी एकादशी – योगिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी आषाढ़ कृष्ण पक्ष 14 जून 2023 को है.
- देवशयानी एकादशी – देवशयनी एकादशी का व्रत करने से हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में शांति होती है। इस साल यह एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष 29 जून 2023 को है.
- कामिका एकादशी – कामिका एकादशी करने से सभी पापों का नाश होता है और कुयोनी से मुक्ति मिलती है। इस साल यह एकादशी श्रवण कृष्ण पक्ष 13 जुलाई 2023 को है.
- पुत्रदा एकादशी – पुत्रदा एकादशी करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होता है। इस साल यह एकादशी श्रवण शुक्ल पक्ष 27 अगस्त 2023 को है.
- अधिक मास पद्मिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) – 29 जुलाई 2023
- अधिक मास परम एकादशी (शुक्ल पक्ष) – 12 अगस्त 2023
- जया/अजा एकादशी – जया एकादशी करने से भूत पिशाच से छुटकारा मिलता है। इस साल यह एकादशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष 10 सितंबर 2023 को है.
- जलझूलनी एकादशी/डोल ग्यारस – जलझूलनी / परिवर्तिनी एकादशी करने से दरिद्रता दूर होती है और धन प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी भाद्रपद शुक्ल पक्ष 25 सितंबर 2023 को है.
- इंदिरा एकादशी – इंदिरा एकादशी का व्रत पितरों को अधोगति से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। इस साल यह एकादशी आश्विन कृष्ण पक्ष 10 अक्टूबर 2023 को है.
- पापांकुशा एकादशी – पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है। इस साल यह एकादशी आश्विन शुक्ल पक्ष 25 अक्टूबर 2023 को है.
- रमा एकादशी – रमा एकादशी करने से सुख शांति और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। इस साल यह एकादशी कार्तिक कृष्ण पक्ष 9 नवंबर 2023 को है.
- प्रबोधिनी एकादशी– प्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं इस दिन तुलसी पूजा होती है। इस साल यह एकादशी कार्तिक शुक्ल पक्ष 23 नवंबर 2023 को है.
- उत्पन्ना एकादशी – इस एकादशी को करने से हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है। इस साल यह एकादशी अगहन कृष्ण पक्ष 8 दिसंबर 2023 को है.
- मोक्षदा एकादशी – मोक्षदा एकादशी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी अगहन शुक्ल पक्ष 22 दिसंबर 2023 को है.

एकादशी के दिन ये काम न करें
Ekadashi par ye kaam na kare
- एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एकादशी में चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।
- एकादशी के दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन यदि आप व्रत कर रहे हैं तो व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करें।
- इस दिन पति पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित करें और विष्णु का ही गुणगान करते रहे।
- एकादशी वाले दिन बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए अथवा दाढ़ी नहीं बनानी चाहिए। इस बात का पालन घर के सभी सदस्यों को करना चाहिए।
- एकादशी वाले दिन (ekadashi par kya nahi karna chahiye) साबुन, शैंपू या सर्फ़ का उपयोग करने की मनाही होती है। यदि आप व्रत कर रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इन चीजों का उपयोग बिल्कुल ना करें।
- एकादशी वाले दिन जो व्यक्ति व्रत रखते हैं उन्हें तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा बैंगन, मूली, सेम, मसूर की दाल, और पान नहीं खाना चाहिए।
- एकादशी की तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस दिन कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए (ekadashi par na kare ye kaam) और लड़ाई झगड़ा करने से भी बचना चाहिए। दूसरों के बारे में गलत विचार मन में नहीं आने दे, अपने मन को प्रसन्न रखें और भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहे।
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