चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 रुपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस बीच मां दुर्गा के आराधक उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं, लोग मां की कृपा पाने के लिए व्रत रहते हैं, पूजन करते हैं, पाठ व जप के साथ यज्ञ और हवन भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2023, जानिये कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
क्योंकि यह मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा भक्तों के घर में प्रवेश करती हैं। आइए जानते हैं कि नौ दिन में किस दिन मां दुर्गा के किस रूप की पूजा की जाती है। साथ ही हर रूप के लिए विशेष मंत्र और पूजा विधि। Durga mata ke 9 swaroop
चैत्र नवरात्रि 2023 की तिथियां
पहला दिन | मां शैलपुत्री | 22 मार्च बुधवार |
दूसरा दिन | मां ब्रह्मचारिणी | 23 मार्च गुरुवार |
तीसरा दिन | मां चंद्रघंटा | 24 मार्च शुक्रवार |
चौथा दिन | मां कुष्मांडा | 25 मार्च शनिवार |
पांचवां दिन | मां स्कंदमाता | 26 मार्च रविवार |
छठा दिन | मां कात्यानी | 27 मार्च सोमवार |
सातवां दिन | मां कालरात्री | 28 मार्च मंगलवार |
आठवां दिन | मां महागौरी | 29 मार्च बुधवार |
नौवां दिन | मां सिद्धिदात्री | 30 मार्च गुरुवार |
माँ शैलपुत्री
माँ दुर्गा का प्रथम अवतार मां शैलपुत्री हैं. घटस्थापना के साथ नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा होती है. ये पर्वतराज हिमालय की कन्या के रूप में जन्म ली थीं, इसलिए इनका नाम शैलपुत्री पड़ा.
पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की आराधना, जानिए पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती

माँ ब्रह्मचारिणी
मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है. नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी ही पूजा होती है. इन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप और साधना किया था, जिसकी वजह से इनको ब्रह्मचारिणी कहते हैं.
दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की आराधना, जानिए पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती

माँ चंद्रघंटा
मां दुर्गा की तीसरा अवतार हैं मां चंद्रघंटा. नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा होती है. ये माता घंटे के आकार का चंद्रमा धारण करती हैं, इसलिए इनको चंद्रघंटा कहा जाता है.
तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, जानिए पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती

माँ कुष्मांडा
मां दुर्गा का चैथा अवतार हैं मां कूष्मांडा. कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा है. इसमें काफी संख्या में बीज होते हैं, जिससे कई कुम्हड़े को जन्म देने की क्षमता है. इस देवी में पूरे ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की क्षमता है, इसलिए इनका नाम कूष्मांडा पड़ा. नवरात्रि के चैथे दिन इनकी पूजा करते हैं.
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माँ स्कंदमाता
मां दुर्गा का पांचवां अवतार हैं मां स्कंदमाता. स्कंदमाता का तात्पर्य है स्कंद कुमार की माता से. स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय का दूसरा नाम है. इस माता की गोद में 6 मुख वाले स्कंद कुमार बैठे हुए दिखाई देते हैं. ये देवी सुख प्रदान करने वाली हैं. नवरात्रि के पांचवे दिन इनका पूजन होता है.
पांचवे दिन होती है माँ स्कंदमाता का पूजन, जानिए पूजन विधि, कथा और आरती

माँ कात्यायनी
मां दुर्गा का छठा अवतार हैं मां कात्यायनी. कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में इस देवी को जाना जाता है, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा. यह देवी सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करती हैं. नवरात्रि के छठे दिन इस देवी की पूजा करते हैं.
छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानें पूजन विधि, मंत्र, कथा और आरती

माँ कालरात्रि
मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं मां कालरात्रि. नवरात्रि के सातवें दिन इनकी पूजा की जाती है. मां कालरात्रि अपने भक्तों को सभी प्रकार की बुराइयों से अभय यानि निडरता प्रदान करती हैं.
सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानिए पूजन विधि, कथा व आरती

माँ महागौरी
मां दुर्गा का आठवां अवतार हैं मां महागौरी. दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया तो उनका शरीर काला पड़ गया था. तब भगवान शिव के वरदान से इनको गौर वर्ण प्राप्त हुआ और तब यह मां महागौरी कहलाईं. इनको मोक्ष और परम आनंद प्रदान करने के लिए भी जानते हैं.
आठवें दिन होती है मां मां महागौरी की आराधना, जानिए पूजन विधि, कथा व आरती

माँ सिद्धिदात्री
मां दुर्गा का नौवां अवतार हैं मां सिद्धिदात्री. इस मां की आराधना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्ध्यिां प्राप्त होती हैं. महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

आखिरी दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानिए पूजन विधि, मंत्र व आरती
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