पाँच दिनों तक चलता है दिवाली का महापर्व, जानें धनतेरस से भाईदूज तक की सही डेट और शुभ मुहूर्त

हेलो फ्रेंड्स, हिंदू धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। दिवाली की तैयारियाँ धनतेरस से पहले ही शुरू हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और समृद्धि- वैभव का आशीर्वाद देती हैं। Dhanteras To Bhai Dooj Shubh Muhurat

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दिवाली महापर्व में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। दिवाली का महापर्व धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक पाँच दिनों तक चलता है। हिंदू धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। दिवाली की तैयारियाँ धनतेरस से पहले ही शुरू हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और समृद्धि- वैभव का आशीर्वाद देती हैं।

तो चलिए जानते हैं महापर्वों की प्रमुख तिथियां और शुभ मुहूर्त :

  • पहला दिन : धनतेरस या धन त्रयोदशी
  • दूसरा दिन : नरक चतुर्दशी या काली चौदस
  • तीसरा दिन : दिवाली
  • चौथा दिन : गोवर्धन पूजा या अन्नकूट
  • पांचवा दिन : भैया दूज
Dhanteras To Bhai Dooj Shubh Muhurat
Dhanteras To Bhai Dooj Shubh Muhurat

धनतेरस 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है. पांच दिनों तक चलने वाला दीपावली की शुरुआत धनतेरस से ही शुरू होता है.

कहते हैं कि इस त्योहार पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हो हुए थे और यहीं वजह ही हर साल धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा शुरू हुई थी.

कहते हैं कि धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की खरीदना काफी शुभ माना जाता है और इस साल धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर, 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा.

तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि – 23 अक्टूबर, 2022 को रविवार
  • मुहूर्त – शाम को 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक

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नरक चतुर्दशी 2022

नरक चतुर्दशी का त्योहार धनतेरस के बाद ही मनाया जाता है. इस साल काली चौदस की पूजा 23 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को दिवाली के साथ ही मनाई जाएगी. हिंदू धर्म के अनुसार नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. पुराणों के मुताबिक नरक चतुर्दशी को कई अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है, जैसे- नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि.

नरक चतुर्दशी को दिवाली से पहले मनाए जाने कि वजह से इस छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और घर के हर कौने में दीप जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति पाने की कामना की जाती है.

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दीपावली 2022

इस साल 24 अक्टूबर को पूरे देशभर में दीपावली का महापर्व मनाया जाएगा. इसी के साथ दिवाली को प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन प्रदोष काल में दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन करने का विधान माना गया है. वैसे तो सभी घरों में एक महीने पहले से दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती है.

तिथि और शुभ मुहूर्त

  • कार्तिक अमावस्या तिथि शुरू – 24 अक्टूबर 2022, शाम 05.27
  • कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर 2022, शाम 04.18
  • लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – रात 07.02 – रात 08.23
  • लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – रात 11.46 – प्रात: 12.37
  • रात्रि मुहूर्त (लाभ) – रात 10:36 – प्रात: 12

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गोवर्धन पूजा 2022

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाते हैं. इस साल गोवर्धन पूजा या अन्नकूट 26 अक्टूबर दिन बुधवार को है, क्योंकि दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है.  हिदूं पंचांग के अनुसार गोवर्धन का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में मनाया जाता है. इस खास पर्व पर भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है. इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोजन का भोग लगाया जाता है.

Dhanteras To Bhai Dooj Shubh Muhurat
Dhanteras To Bhai Dooj Shubh Muhurat

भाईदूज 2022

दीवाली के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है और इसी के साथ पांच दिवसीय दीपावली का महापर्व समाप्त हो जाता है. भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों के माथे पर लगाती है और उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं करती हैं. इस साल भैया दूज 26 अक्टूबर को है.

इस साल भाई दूज पर यही स्थिति बनी हुई है कि दो दिन यानी 26 और 27 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि लग रही है। 26 अक्टूबर को दिन में 02 बजकर 43 मिनट से भाई दूज का पर्व मनाना शुभ रहेगा, जो 27 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में 26 अक्टूबर को ही भाई दूज का पर्व मनाना शास्त्र के अनुकूल रहेगा।

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