बसंत पंचमी का पर्व सनातनी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है. इस बार ये पर्व 5 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा. इस दिन कुछ कार्यों को विशेष तौर पर करने की मनाही है. जैसे कि बसंत पंचमी का ये पर्व प्रकृति की सौंदर्यता के दर्शन कराता है. इस वजह से इस दिन भूल से भी पेड़ पौधों को काटना या नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. साथ ही इस दिन स्नान करके मां सरस्वती की पूजा करें इसके बाद ही कुछ ग्रहण करें. आइये जानते हैं इस दिन क्या करें-क्या न करें (Basant Panchami Par Na Karen Ye Kam)…
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विषयसूची :
भूल से भी ना करें ये काम –
- 1- इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहनें.
2- बसंत पंचमी के दिन मांस-मंदिरा का सेवन ना करें. - 3- बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए कुछ भी ना खायें.
4- इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई भी न करें.

बसंत पंचमी के दिन क्या करें –
- 1- बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्तों में से एक माना गया है ऐसे में आप इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखें कर सकते हैं.
- 2- बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को अवश्य देखें. कहा जाता है मां सरस्वती हमारी हथेलियों में वास करती हैं.
- 3- बसंत पंचमी के दिन शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.
- 4- इस दिन शिक्षा से संबंधित चीजों और अपनी पुस्तकों की पूजा करें. इससे पढ़ाई के प्रति आपका ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है.
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त –
(Basant Panchami shubh muhurt)
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा.
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तीन शुभ योगों का हो रहा संगम –
बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बन रहा है. 4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 40 मिनट तक सिद्धयोग रहेगा. वहीं 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा. इसके अलावा इस दिन दिन रवि योग का शुभ संयोग होने से त्रिवेणी योग बन रहा है.

बसंत पंचमी का महत्व –
(Basant Panchami Mahatva)
बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है. यह मां सरस्वती की पूजा का दिन है. शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है. इस दिन कई लोग गृह प्रवेश भी करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में कभी अड़चनें नहीं आती हैं.