कब से शुरू है आषाढ़ मास 2022, आषाढ़ मास के व्रत और त्यौहार, Ashad month, Ashad maah, Ashada masam 2022, Ashada Maas Vrat List, ashad maas ka mahatva,
हेल्लो दोस्तों हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह (Ashada Maas 2022) वर्ष का चौथा महीना होता है। हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीना का विशेष महत्व है, इस महीनें की देवशयनी एकादशी से चौमासा या चतुर्मास प्रारंभ होता है। मान्यता अनुसार वर्षा के इन चार माहों में देवी-देवता के शयन में चले जाने के कारण विवाह, मुण्डन आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
आषाढ़ मास में विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना का माह है, इस महीने में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का भी आयोजन होता है। आषाढ़ का महीना 14 जून को ज्येष्ठ की पूर्णिमा के बाद 15 जून से प्रारंभ हो रहा है। माह की समाप्ति 13 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा के दिन होगी।
इस महीने में जल देव की उपासना का भी महत्व है। कहा जाता है कि जल देव की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है। ऊर्जा के स्तर को संयमित रखने के लिए आषाढ़ के महीने में सूर्य की उपासना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में जल देव की पूजा करने से धन प्राप्ति का योग बनता है। आषाढ़ मास के प्रमुख व्रत-त्योहारों में जगन्नाथ रथयात्रा है।
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कहा जाता है देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं इसीलिए चार महीनों तक कोई धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इसे चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने को संधि काल का महीना कहा गया है इसके साथ आषाढ़ का महीना कामना पूर्ति का महीना के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं आषाढ़ माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहार-
आषाढ़ मास कब से कब तक
- आषाढ़ महीना 2022 प्रारंभ तिथि: – 15 जून 2022, बुधवार
- आषाढ़ महीना 2022 समापन तिथि: – 13 जुलाई 2022, बुधवार
आषाढ़ मास प्रमुख व्रत एवं त्योहार
- 15 जून – आषाढ़ प्रतिपदा
- 17 जून – गणेश चतुर्थी
- 18 जून – पंचक काल प्रारंभ, जो 22 जून जुलाई तक रहेगा।
- 21 जून – शीतलाष्टमी (इसे राजस्थान में बसोड़ भी कहते हैं)
- 24 जून – योगिनी एकादशी
- 26 जून – प्रदोष व्रत
- 27 जून – मासिक शिवरात्रि
- 28 जून – हलहारिणी अमावस्या (यह श्राद्ध तथा दान-पुण्य की अमावस्या है)
- 30 जून – गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ
- 1 जुलाई – जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ
- 3 जुलाई – विनायक चतुर्दशी व्रत
- 6 जुलाई – ताप्ती जयंती और कर्क संक्रांति
- 8 जुलाई – गुप्त नवरात्रि का पारण और इसी दिन भड़ली नवमी भी रहेगी।
- 9 जुलाई – आशा दशमी
- 10 जुलाई – ईद-उल-अजहा या बकरीद
- 10 जुलाई – देवशयनी एकादशी, चतुर्मास या चौमासा प्रारंभ
- 11 जुलाई – प्रदोष व्रत, वामन द्वादशी
- 11 जुलाई – विजया पार्वती व्रत व मंगला तेरस
- 13 जुलाई – आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ महीने का महत्व
कामना पूर्ति का महीना यानी आषाढ़ का महीना ज्येष्ठ और सावन महीने के बीच में पड़ता है। यह महीना धार्मिक पहलू के आधार पर बहुत विशेष माना जाता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं। इसके बाद 4 महीने तक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। जानकार बताते हैं कि हिंदू वर्ष के सभी महीनों के नाम चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होते हैं। चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस नक्षत्र के नाम से हिंदू वर्ष के महीनों का नाम रखा जाता है।
ज्योतिष बताते हैं कि, आषाढ़ के महीने में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में मौजूद होता है, इसलिए इस महीने का नाम आषाढ़ रखा गया है। अगर इस महीने की पूर्णिमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पड़ती है तो यह एकादशी तिथि अत्यंत कल्याणकारी होती है। यह योग सर्वोत्तम माना जाता है और इस नक्षत्र में 10 विश्वदेवों की उपासना का विधान है।
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