सोलह 16 सोमवार व्रत का उद्यापन करने की विधि | 16 somvar vrat udyapan vidhi
सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन देवों के देव महादेव की विशेष पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. आप अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए 16 सोमवार या मनोकामना पूरी होने तक का सोमवार व्रत रख सकते हैं. सोमवार व्रत रखने से पहले आप जितने व्रत करने का संकल्प लेते हैं. उतने ही सोमवार को व्रत करें और जब आपकी मनोकामनाएं पूरी हो जाए तब सोमवार के व्रत का उद्यापन कर दें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी व्रत का समय पूरा होने के बाद भगवान की जो अंतिम पूजा या व्रत होता है, उस व्रत को ही उद्यापन कहा जाता है.
यह भी पढ़ें – सोलह सोमवार व्रत कथा, एवं आरती
उद्यापन 16 सोमवार व्रत की संख्या पूरी होने पर 17 वें सोमवार को किया जाता है। श्रावण मास के प्रथम या तृतीय सोमवार को करना सबसे अच्छा माना जाता है। वैसे तो सोमवार का व्रत आप कभी भी उठा सकती हैं, लेकिन सोमवार के उद्यापन के लिए सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ या मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार श्रेष्ठ माने जाते हैं. व्रत उद्यापन में शिव-पार्वती जी की पूजा के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है. उद्यापन पूरे विधि विधान से किया जाना जरूरी है. तो चलिए बताते हैं उद्यापन की विधि और सामग्री. 17th monday of solah somvar vrat udyapan in hindi
व्रत उद्यापन में शिव-पार्वती जी की पूजा के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है. उद्यापन पूरे विधि विधान से किया जाना जरूरी है. तो चलिए बताते हैं उद्यापन की विधि और सामग्री.
यह भी पढ़ें – सोलह सोमवार व्रत पूजा विधि
सोमवार व्रत उद्यापन पूजा सामग्री | Solah Somwar Udyapan Pooja Samagri
16 somvar vrat udyapan samagri
- शिव एवं पार्वती जी की मूर्ति,
- चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र,
- चौकी या लकड़ी का पटरा
- अक्षत – 250 ग्राम, पान (डंडी सहित)- 5,
- सुपारी- 5, ऋतुफल, यज्ञोपवीत -1जोड़ा (हल्दी से रंगा हुआ)
- रोली- 1 पैकेट, मौली- 1, धूप- 1पैकेट,
- कपूर-1 पैकेट, रूई- बत्ती के लिये
- पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही, घी, शहद एवं शर्करा मिला हुआ)- 50 ग्राम
- छोटी इलायची- 5 ग्राम, लौंग- 5 ग्राम,
- पुष्पमाला -3 (2 सफेद एवं 1 लाल)
- चंदन- 10 ग्राम (सफेद एवं लाल),
- कुंकुम, गंगाजल, कटोरी, आचमनी
- वस्त्र – 1.25 मीटर का चार (एक लाल एवं तीन सफेद)
- पंचपात्र, पुष्प, लोटा, नैवेद्य,
- आरती के लिये थाली, मिट्टी का दीपक- 5
- कुशासन- 1, खुल्ले रुपये,
- केले के खम्बे (केले का तना सहित पत्ता/ केले का पत्ता) – 4, आम का पत्ता.

सोमवार व्रत उद्यापन हवन सामग्री | Solah Somwar Udyapan Hawan Samagri
- हवन सामग्री- 1 पैकेट
- आम की समिधा- 1.25 किलो
- घी- 1.25किलो
- जौ- 250 ग्राम
- काला तिल- 250 ग्राम
- अक्षत- 250 ग्राम
यह भी पढ़ें – 16 संख्या में क्यों रखा जाता है सोमवार व्रत, जानिए व्रत के फायदे
सोमवार व्रत उद्यापन विधि | Somvar Vrat Udyapan Vidhi
how to end solah somvar vrat | solah somvar udyapan katha
- सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत हो स्नान करें.
- स्नान के बाद हो सके तो सफेद वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थल को गंगा जल से जरूर शुद्ध करें.
- पूजा स्थल पर केले के चार खम्बे के द्वारा चौकोर मण्डप बना लें.
- चारों ओर से फूल और बंदनवार (आम के पत्तों का) से सजायें.
- पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जायें और साथ में पूजा सामग्री भी रख लें.
- आटे या हल्दी की रंगोली डालें और उसके ऊपर चौकी या लकड़ी के पटरे को मंडप के बीच में रखें.
- इसके बाद चौकी पर साफ और कोरा सफेद वस्त्र बिछायें.
- उस पर शिव-पार्वती जी की प्रतिमा या फिर फोटो को स्थापित करें.
- चौकी पर किसी पात्र में रखकर चंद्रमा को भी स्थापित करें.
- सबसे पहले अपने आप को शुद्ध करने के लिये पवित्रीकरण जरूर करें.

पवित्रीकरण का तरीका | Sanctification mantra
हाथ में जल लेकर इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें.
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
अब पूजा कि सामग्री और आसन को भी जल मंत्र उच्चारण के साथ जल छिड़क कर मंत्र शुद्ध कर लें.
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
यह भी पढ़ें – शिव पूजन के दौरान भूलकर भी ना करें ये गलतियां, आता हैं दुर्भाग्य
ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए कृप्या आप हमारे फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम और यूट्यूब चैनल से जुड़िये ! इसके साथ ही गूगल न्यूज़ पर भी फॉलो करें !