बच्चों के दांत निकलें तो इन बातों का रखें ख्याल , नहीं तो होगी परेशानी

छोटे बच्चों के पहली बार दांत निकलते हैं तो माता-पिता को खुशी होती है लेकिन बच्चों को इस समय काफी दर्द होता है। इसीलिए दांत निकलते समय बच्चे ज्यादा रोने लगते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं। पहली बार के दांतों को कुछ लोग ‘दूध के दांत’ भी कहते हैं। आमतौर पर दांत निकलने की प्रक्रिया 6-8 महीने में शुरू हो जाती है। इस समय बच्चों में दर्द के अलावा लार ज्यादा निकलना, बुखार और दस्त के भी लक्षण देखे जाते हैं। इसलिए इस समय बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। Remedies for Teething Babies

जन्म के कुछ महीने बाद बच्चों के दांत निकलने लगते हैं। आपको याद होगा, जब आपके बच्चे का पहला दांत निकला था और आपने पूरे मोहल्ले को यह खबर सुनाई थी। हर मां यही चाहती है कि उसके बच्चों को दांत निकलने में कोई तकलीफ न हो और उसके दांत सुंदर और मजबूत निकलें। कई बार सही जानकारी न होने के कारण अकसर अभिभावक परेशान हो जाते हैं।

बच्चों में दांत निकलने के लक्षण

आमतौर पर दांत निकलते समय बच्चों में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। यदि बच्चा कमजोर है तो उसे अधिक समस्यां होती हैं।

  • दांत निकलने वक्त बच्चा दस्त से ज्यादा पीड़ित रहता हैं। कुछ बच्चे पेट दर्द से और कुछ कब्ज से परेशान रहते हैं।
  • दांत निकलते वक्त बच्चों के मसूढ़ों में खुजली, सूजन और दर्द रहता है। गंदी बोतलों से दूध पीने या मिट्टी खाने वाले बच्चे दांत निकलते समय ज्यादा बीमार पड़ते हैं।
  • बच्चों में दांत निकलते समय उनका सिर गर्म रहने लगता है, आंखे दुखने लगती है और बार-बार दस्त आता है।
  • बच्चों के मसूढे सख्त हो जाते हैं, उनमें सूजन भी आ जाती है।
  • इस दौरान बच्चा चिडचिडा हो जाता है, अकसर रोता भी रहता है।
  • बच्चों के मसूढे के मांस को चीर कर दांत बाहर निकलते हैं, इसलिए उनमें दर्द और खुजली होती है। इस तकलीफ से राहत पाने के लिए वह इधर-उधर की चीजें उठा कर उन्हें चबाने की कोशिश करता है।

Remedies for Teething Babies

रखें इन बातों का ध्यान :

1. बच्चों के दांत निकलते वक्त उनको केला, उबला हुआ सेब, संतरे का जूस, दाल, खिचड़ी और सूजी की खीर जैसी चीजें खिलाएं।

2. दांत निकलने के दौरान बच्चे को ऐसी चीजें दे, जिनमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटमिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हों।

3. बच्चे को मल्टी विटमिन ड्रॉप्स, जैसे- विटमिन डी-3 देना चाहिए। अगर दस माह तक बच्चों के दांत नहीं निकले हैं, तो बच्चों को कैल्शियम सिरप दें।

4. बच्चों को धूप में लिटाना भी फायदेमंद होता है। धूप बच्चों के दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है। क्योंकि धूप में प्राकृतिक विटमिन डी होता है।

5. दांत निकलने के दौरान बच्चा घुटने के बल चलना सीख रहा होता हैं, और जमीन में गिरी चीजों को उठाकर मुंह में डालता हैं। इसलिए घर के फर्श को साफ रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चा जमीन पर गिरी हुई कोई चीज उठाकर मुंह में ना डाले।

6. इस दौरान बच्चों को चबाने के लिए प्लास्टिक के खिलौने देते हुए, इस बात का ध्यान रखें कि खिलौने गरम पानी से धुले हों ताकि उनमें किसी तरह के कीटाणु न हों।

7. इसके अलावा आप बच्चों के हाथ में खाने की कोई ऐसी सख्त चीज, जैसे- गाजर, बिस्किट आदि पकड़ा दिया करें, जिससे उसे मसूढे की खुजली से भी राहत मिलेगी और उसकी सेहत को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

आप इन बातों का ध्यान रखेंगी तो आपके बच्चों को दांत निकलने के दौरान जरा भी परेशानी नहीं होगी।

Remedies for Teething Babies

शिशुओं के दांत निकलने की प्रक्रिया पेरेंट्स के लिए भी उतनी ही तकलीफदेह होती है. इस दौरान शिशु को मसूड़ों में कचकचाहट होती है. खाने-पीने में परेशानी होती है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि दांत आना अपने-आप में कोई समस्या नहीं है, बशर्तें कुछ बेसिक बातों का ख्याल रखा जाए.

परेशान ना हों :

छह माह से एक वर्ष के भीतर बच्चों के दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। अकसर पहले नीचे के दांत और उसके बाद ही ऊपर के दो दांत निकलते हैं। यदि बच्चों के दांत निकलने में निर्धारित समय सीमा से थोड़ी देर हो या अगर ऊपर के दांत पहले आएं तो घबराना नहीं चाहिए।

साफ-सफाई का ध्यान रखें :

दांत निकलते समय बच्चे बेचैन हो जाते हैं इसलिए वे अपने आसपास पड़ी किसी भी चीज को उठाकर मुंह में भरने लगते हैं। इसलिए इस दौरान बच्चों के आसपास के सामानों पर नजर रखें। उनके पास कोई ऐसी चीज नहीं रखनी चाहिए जो जहरीली हो, हानिकारक हो या दूषित हो। इस बेचैनी को दूर करने के लिए बच्चों को टीथर दिया जाता है।

 

नैचुरल टीथर दें :

टीथर हम उस चीज को कहते हैं जो बच्चों को मुंह में भरने के लिए दिया जाता है। दांत को दबा कर रखने से इसका दर्द कम होता है इसलिए बच्चे बार-बार चीजों को मुंह में भरते रहते हैं। ऐसे में बच्चों को हार्ड फल और सब्जियां टीथर के तौर पर दी जा सकती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इन्हें अच्छे से साफ कर लिया गया हो और इसका छिलका उतार दिया गया हो क्योंकि बच्चों का पेट छिलका नहीं पचा सकता है। इसके अलावा बहुत नर्म फल या सब्जी भी बच्चों को नहीं देनी चाहिए क्योंकि इसे वे मसूढ़ों से काट लेंगे और फिर वो गले में फंस सकती है।

Remedies for Teething Babies

खतरनाक हैं प्लास्टिक के टीथर :

दांत निकलते समय बच्चों को मुंह में भरने के लिए बाजार में कई तरह के रंग-बिरंगे और फ्लेवर्ड टीथर उपलब्ध हैं। मगर प्लास्टिक के ये टीथर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इससे उनके मसूढ़े जख्मी हो सकते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक के टीथर को मुंह में भरने से उनका केमिकल और रंग बच्चों के मुंह में जाता रहता है, जिसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं। इससे बच्चों की ग्रोथ पर प्रभाव पड़ता है। अगर टीथर का इस्तेमाल करें ही तो बी.पी.ए. फ्री टीथर का इस्तेमाल करें।

नुकीली चीजें दूर रखें :

कई बार हम अंजाने में ही बच्चों के आसपास कुछ ऐसा सामान छोड़ देते हैं जो हमें खतरनाक नहीं लगते मगर बच्चों के नर्म मसूढ़ों को जख्मी कर सकते हैं जैसे चम्मच, चाभी, पेन या मोबाइल आदि। इस तरह की चीजें मुंह में भरकर जब बच्चें उसे काटने का प्रयास करते हैं तो उनके मसूढ़े कट जाते हैं और कई बार उनमें से खून निकलने लगता है।

Leave a Comment