ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक़, साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है. संयोग से इस दिन वैशाख पूर्णिमा और बुद्धि पूर्णिमा भी है. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2021) है, जो कि दुनिया के कई देशों में दिखाई देगा. हालांकि भारत में यह कुछ स्थानों से एक उपच्छाया चंद्रग्रहण की भांति ही दिखाई देगा. हमारे देश में किसी भी ग्रहण के 9 घंटे पहले से ही सूतक काल माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की सलाह नहीं दी जाती है।
26 मई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत में उपच्छाया ग्रहण की तरह दिखेगा, जिसके चलते सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिष के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आंखों से देखा जा सके। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों की जरूरत होती है। आइये जानते हैं कि यह चंद्रग्रहण भारत में कब और कहां से दिखाई देगा.
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विषयसूची :
कब लगेगा चंद्रग्रहण? :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मौजूदा साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021, दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा. चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा. भारत में कुछ स्थानों से यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा. यह कुल 5 घंटे के लिए होगा.

कहां देगा दिखाई? :
साल का पहला चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों से और ऑस्ट्रेलिया से यह पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा. चूंकि भारत के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा इसलिए देश के लोग इस पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे.
यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में उपच्छाया चंद्रग्रहण के रूप में ही दिखेगा वह भी पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों से ही. पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण का आखिरी हिस्सा ही देखा जा सकेगा. यह पूर्ण चंद्रग्रहण कोलकाता से चंद मिनट के लिए आंशिक रूप में दिखाई देगा.
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कब होता है चंद्रग्रहण? :
विज्ञान के मुताबिक जिस समय पृथ्वी, सूर्य और चांद के बीच आ जाती है. जिसके चलते सूर्य का प्रकाश चांद पर नहीं पड़ता, तब उस घटना को चंद्रग्रहण कहते हैं.
चंद्र ग्रहण सूतक काल :
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और भारत में इसे देखना संभव नहीं हो सकेगा। उन्हीं ग्रहण का धार्मिक महत्व माना गया है जोकि लोगों को खुली आंखों से दिखाई देते हैं, इसलिए उपच्छाया ग्रहण को ज्योतिष ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखता और इसके प्रभाव व सूतक काल पर भी ध्यान नहीं दिया जाता।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें :
- वास्तविक ग्रहण के समय किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है।
- चंद्र ग्रहण के वक्त भगवान की मूर्ति नहीं छूनी चाहिए। साथ ही सूतक के चलते मंदिर के कपाट भी बंद रखे जाते हैं।
- ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और खाने दोनों ही कामों पर रोक होती है। ऐसा करने पर ग्रहों के बदलाव से स्वास्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
- ग्रहण के दौरान वाद-विवाद से बचने के लिए भी कहा जाता है। साथ ही बताया जाता है कि पति-पत्नी इस दौरान संयम रखें।
- इस दौरान गर्भवती स्त्रियों को सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। ग्रहण का विपरीत असर बच्चे पर हो सकता है, इसलिए हमेशा अपने पास एक नारियल रखें।
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